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क्या हैं SEBI के नियम जिनके चलते नप गए नसीरुद्दीन अंसारी? समझिए पूरा मामला

SEBI ने फिनफ्लुएंसर मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी उर्फ ‘Baap Of Charts’ के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 15 दिसंबर के आदेश के तहत उन पर भारी जुर्माना लगा दिया है।

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SEBI, Photo Credit- Social Media

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सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने फिनफ्लुएंसर मोहम्मद नसीरूद्दीन अंसारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। वह सोशल मीडिया पर 'Baap Of Charts (BoC)' नाम से जाने जाते हैं। 15 दिसंबर को जारी आदेश के तहत उनसे जुड़ी सभी बकाया राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। SEBI के नियमों के मुताबिक, ट्रेडिंग से जुड़ी कोई भी सलाह देने से पहले रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है। अब जानिए उन्होंने ऐसा क्या किया है कि SEBI ने यह कदम उठाया है।

 

आपको बता दें कि यह मामला 2023 का है, जब SEBI ने उनको और उनकी फर्म को ट्रेडिंग से बैन कर दिया था। जांच में यह पाया गया कि नसीरूद्दीन निश्चित रिटर्न के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं जिसके बाद उन पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। उनसे करीब 21 लाख और उनकी फर्म गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स पर करीब 18 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है।

 

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क्या कहते हैं नियम?

मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी पर SEBI ने मुख्य दो कारणों से नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं जिसके तहत कार्रवाई की जा रही है- 

  • SEBI के नियमों के अनुसार, भारत में यदि कोई व्यक्ति या संस्था पैसे लेकर किसी को स्टॉक या सिक्योरिटीज खरीदने/बेचने की सलाह देती है तो उसे SEBI के साथ रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर (RIA) के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है
  • SEBI के ऐक्ट 1992 के तहत अगर कोई व्यक्ति व्यापार करने के लिए लोगों के साथ धोखाधड़ी या गुमराह करने के लिए झूठे वादे करता है तो उस पर नियमों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

जांच में क्या पाया गया?

  • SEBI की जांच में पाया गया कि नसीरुद्दीन अपने प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेनिंग की आड़ में ग्राहकों से पैसे लेकर स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग टिप्स दे रहे थे। यह SEBI रेगुलेशन 2013 का उल्लंघन है। उन्होंने यह सलाह बिना SEBI रजिस्ट्रेशन के दी, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है।
  • SEBI ने पाया कि नसीरुद्दीन निवेशकों को गुमराह कर रहे थे। उन्होंने निवेशकों को एक निश्चित रिटर्न का झूठा वादा किया जो कि बाजार में संभव नहीं होता और जो कि SEBI नियमों के खिलाफ हैइसके साथ ही उन्होंने अपने ग्राहक को आकर्षित करने के लिए अपने खुद के ट्रेडिंग अकाउंट में हुए भारी नुकसान को छिपाया
  • इन झूठे वादों से ग्राहकों को अपने कोर्स में एडमिशन कराने के लिए प्रेरित किया और इससे उन्होंने करीब 17 करोड़ से अधिक की फीस जुटाई।

SEBI ने कार्रवाई में क्या-क्या किया?

  • नसीरुद्दीन पर एक साल के लिए सिक्योरिटी मार्केट में खरीदने, बेचने या किसी भी तरह से डील करने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
  • उन्हें अवैध रूप से जमा की गई फीस, करीब 17 करोड़ रुपये की राशि निवेशकों को वापस करने का आदेश दिया गया।
  • उन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

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फिनफ्लुएंसर के लिए सख्त नियम

  • कोई व्यक्ति केवल निवेश के संबंध में अगर कोई जानकारी दे रहा है तो उन्हें अपने पिछले तीन महीनों के मार्केट डेटा का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
  • कोई भी रजिस्टर्ड फिनफ्लूएंसर किसी भी सिक्योरिटी या निवेश से संबंधित किसी भी वापसी/रिटर्न का दावा नहीं कर सकता है।
  • यदि कोई फिनफ्लूएंसर निवेश से संबंधित सलाह या सिफारिशें देता है, तो उसे अनिवार्य रूप से SEBI के तहत एक रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार या रिसर्च एडवाइजर बनना होगा।
  • यदि कोई फिनफ्लूएंसर SEBI में रजिस्टर्ड है, तो उसे अपने सभी पोस्ट, वीडियो और सामग्री पर स्पष्ट रूप से अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और डिस्क्लेमर देना होगा।
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