भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस फर्म में से एक टाटा कंस्लटेंसी सर्विस (TCS) करीब 12000 कर्मचारियों को बाहर निकालेगी। कंपनी वैश्विक स्तर पर करीब 2 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है। यह फैसला सबके लिए चौंकाने वाला है। आमतौर पर इस कंपनी में इतने बड़े स्तर पर लोगों की नौकरियां खतरे में नहीं आई थीं। कंपनी पर सवाल उठे कि क्या अर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) की वजह से लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। अब कंपनी के CEO ने इस पर जवाब दिया है।
TCS के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर, के कृतिवासन ने एक इंटरव्यू में एक बार फिर कहा है कि AI की वजह से लोगों की नौकरियां नहीं छीनी जा रही हैं। उन्होंने कहा है कि एआई, ह्युमन इंटेलिजेंस को रिप्लेस करने नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा, 'AI हमें 20 प्रतिशत ज्यादा प्रोडक्टिविटी का लाभ दे रहा है, इसलिए नहीं लोगों की नौकरी जा रही है। हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। जहां भी स्किल में कमी आ रही है या जहां हमें लग रहा है कि हम किसी को नियुक्त नहीं कर सकते, वहां छंटनी हो रही है।'
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TCS में छंटनी हो क्यों रही है?
वित्त वर्ष 2026 तक, मिड-सीनियर स्तर के कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है। जिन जूनियर स्तर के कर्मचारियों को किसी प्रोजेक्ट पर नियुक्त नहीं किया गया है, उन पर भी असर हो सकता है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी नए बाजार तलाश रही है, नई तकनीक में निवेश, AI मॉड्यूल पर काम करने के लिए कर्मचारियों को दोबारा ट्रेनिंग दे रही है, नई भर्तियां कर रही है।'
कंपनी का क्या कहना है?
कंपना योजनाबद्ध तरीके से बदलाव कर रही है। कंपनी का कहना है कि ग्राहकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर असर न आए। टीसीएस ने माना है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज साल 2026 में छंटनी कर सकती है। टीसीएस ने 5,50,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बेसिक एआई ट्रेनिंग और 1,00,000 से ज्यादा लोगों को एडवांस्ड कैपिसिटी में ट्रेनिंग दी है। कंपनी का कहना है कि तकनीक आधारित भूमिकाओं में ट्रांसफर करने पर मुश्किलें आ रही हैं। CEO कृतिवासन ने कहा, 'कुछ लोग, खासकर सीनियर पोस्ट पर टेक्निकल बेस्ट भूमिकाओं में बदलाव करने में मुश्किलों का सामना करते हैं।
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किस बदलाव से गुजर रहा है TCS
TCS अब प्रोडक्शन बेस्ड डिलीवरी मॉडल की ओर बढ़ रही है। इस बदलाव से पारंपरिक प्रोजेक्ट और प्रोग्राम मैनेजरों की जरूरत पड़ रही है। कृतिवासन ने कहा, 'पहले वाटरफॉल मॉडल में कई लीडर लेवल थे। अब यह बदल रहा है।'
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जिन लोगों की जाएगी नौकरी, उनका क्या होगा?
कृतिवासन ने कहा है कि बेहद संवेदनशीलता के साथ प्रभावित कर्मचारियों के साथ बर्ताव किया जाएगा। उन्हें मुआवजा राशि दी जाएगी। नोटिस पीरियड के दौरान उन्हें पैसे दिए जाएंगे, नौकरी से निकालने के बाद जो मदद दी जाती है, वह भी दी जाएगी। यह छंटनी भौगोलिक इलाके या प्रोफेशनल डोमेन के आधार पर नहीं किया जा रहा है। निकासी की प्रक्रिया, साल 2026 की अगली तीन तिमाहियों में लागू की जाएगी। टीसीएस की कोशिश है कि बदलती दुनिया के अनुरूप तकनीक की दिशा में आगे बढ़ा जाए। स्वचलित AI जैसे सेक्टर की दिशा में काम किया जा रहा है।