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क्रिकेट इंस्टीट्यूट: क्रिकेटर कैसे बनें, ट्रेनिंग से उम्र तक, हर सवाल का जवाब

अगर आप एक प्रोफेशनल क्रिकेटर बनना चाहते हैं तो आपके लिए क्रिकेट ट्रेनिंग अहम हो सकती है। इसके लिए आप किसी क्रिकेट एकेडमी से ट्रेंनिग ले सकते हैं।

Cricket Training

क्रिकेट ट्रेनिंग, Photo Credit: PTI

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भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि करोड़ों युवाओं का सपना है। हर गांव-गली से लेकर विदेश धरती पर भारत का क्रिकेट क्रेज दिखाई देता है। हर गली-मोहल्ले में कोई न कोई बच्चा क्रिकेटर बनने की चाह रखता है। इंडिया प्रीमियर लीग (IPL) 2026 में भी कई नए खिलाड़ी शामिल हुए हैं। इसके बाद से लोग इन नए खिलाड़ियों के सफर के बारे में जानना चाह रहे हैं। देश के सबसे मशहूर क्रिकेट टूर्नामेंट IPL में शामिल होने वाले कई क्रिकेटर्स गांव की गली से क्रिकेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स होते हुए IPL के मैदान तक पहुंचे हैं। 

 

क्रिकेटर बनने के लिए सिर्फ मैदान में खेलना काफी नहीं होता, अगर प्रोफेशनल क्रिकेटर बनना है तो सही क्रिकेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग लेना बेहद अहम हो जाता है। भारत में क्रिकेट का क्रेज ज्यादा होने के कारण यहां क्रिकेट ट्रेनिंग भी एक बड़ा बिजनेस है। इसमें कई लोगों को रोजगार तो मिलता ही है साथ में नए खिलाड़ी भी उभरते हैं। आज के समय में देशभर में कई क्रिकेट एकेडमी और ट्रेनिंग सेंटर हैं, जहां से बच्चे और युवा क्रिकेट खेलने की ट्रेनिंग लेकर प्रोफेशनल क्रिकेटर बन सकते हैं। 

 

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क्या है क्रिकेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट?

क्रिकेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट या क्रिकेट एकेडमी किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट की तरह ही काम करती है। इसमें प्रोफेशनल कोच की देखरेख में खिलाड़ियों को बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग, फिटनेस और मैच स्ट्रेटजी की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां बच्चों को शुरुआत से लेकर एडवांस लेवल तक क्रिकेट सिखाया जाता है। कई इंस्टीट्यूट में मैच प्रैक्टिस, टूर्नामेंट और ट्रायल्स का भी मौका मिलता है। एक बढ़िया कोच के अंडर ट्रेनिंग लेकर आप अपनी क्रिकेट को और भी ज्यादा बेहतर और प्रोफेशनल बना सकते हैं। 

कहां से लें ट्रेनिंग?

अगर आप क्रिकट में करियर बनाना चाहते हैं और प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो इसमें सबसे पहले आपको एक बढ़िया कोच और एकेडमी का चयन करना होगा। दशभर में क्रिकेट ट्रेनिंग के कई विकल्प मौजूद हैं। बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक क्रिकेट एकेडमी खुल चुकी हैं, जहां हर रोज युवा ट्रेनिंग लेते हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में कई नामी क्रिकेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हैं। इन इंस्टीट्यूट में तो देश के अलग-अलग हिस्सों से युवा खिलाड़ी ट्रेनिंग के लिए आते हैं।

 

इसके अलावा  हर राज्य का क्रिकेट संघ भी अपने खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के लिए एकेडमी चलाते हैं। इन एकेडमी में  भी आप ट्रेनिंग ले सकते हैं । इसके अलावा कुछ प्राइवेट क्रिकेट एकेडमी स्कूल लेवल और जिला लेवल पर भी ट्रेनिंग देती हैं। कई स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सुबह-शाम क्रिकेट कोचिंग चलाई जाती है, जहां कम फीस में ट्रेनिंग मिल जाती है।

ट्रेनिंग की फीस कितनी होती है?

प्रोफेशनल क्रिकेट एकेडमी आपको ट्रेनिंग देने के लिए आपसे कुछ फीस भी लेती है। क्रिकेट ट्रेनिंग की फीस इंस्टीट्यूट, शहर और सुविधाओं पर निर्भर करती है। आमतौर पर छोटे शहरों में फीस कम होती है, जबकि बड़े शहरों और मशहूर एकेडमी में फीस ज्यादा होती है। इसके अलावा मशहूर एकेडमी में सिलेक्शन टेस्ट भी पास करना पड़ सकता है। छोटी एकेडमी में ट्रनिंग फीस 1000-1500 रुपये से लेकर 5,000 रुपये हर महीने हो सकती है। इसके अलावा कुछ मशहूर प्रोफेशनल एकेडमी में यह फीस 10,000 से 25,000 रुपये हर महीने हो सकती है। कुछ इंस्टीट्यूट सालाना पैकेज भी देते हैं, जिसमें फिटनेस ट्रेनिंग, डाइट गाइड और टूर्नामेंट फीस शामिल होती है। कई  कई स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आप कम फीस में भी ट्रेंनिंग कर सकते हैं। 

 

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कौन कर सकता है ट्रेनिंग?

भारत में क्रिकेट का क्रेज इतना ज्यादा है की छोटी उम्र से ही बच्चे क्रिकेट खेलना शुरू कर देते हैं। आमतौर पर 8-10 साल की उम्र में ही बच्चे क्रिकेट एकेडमी में शामिल होना शुरू कर देते हैं। इस उम्र में बच्चों को बेसिक स्किल्स सिखाई जाती हैं। 12 से 16 साल की उम्र में खिलाड़ी प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए तैयार हो जाते हैं। हालांकि, क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए कोई निर्धारित उम्र सीमा नहीं है। क्रिकेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग लेने के बाद खिलाड़ी स्कूल, कॉलेज और जिला स्तर पर खेलने के मौके पाते हैं। अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को डिस्ट्रिक्ट टीम, स्टेट टीम और अंडर-19 या अंडर-17 टीम में चुना जा सकता है। इसके अलावा रणजी ट्रॉफी, आईपीएल ट्रायल्स और प्राइवेट लीग में भी मौके मिलते हैं। कुछ खिलाड़ी आगे चलकर कोच, फिटनेस ट्रेनर या क्रिकेट एनालिस्ट भी बन जाते हैं।

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