खून से सनी लाश और कंडोम, पुलिस ने वसंत विहार ट्रिपल मर्डर केस सुलझाया
दिल्ली पुलिस ने छह साल के बाद दिल्ली के वसंत विहार में हुए ट्रिपल मर्डर केस को सुलझा लिया है। इसमें पुलिस ने प्रीति और उसके प्रेमी मनोज को गिरफ्तार किया था।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
23 जून 2019 में हुए वसंत विहार ट्रिपल मर्डर केस को दिल्ली पुलिस ने सुलझा लिया है। लगभग छह साल पहले आरोपी प्रीति सहरावत ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर 80 साल के बुजुर्ग विष्णु माथुर और 75 साल की उनकी पत्नी शशि मथुरा को घरेलू सहायिका खुशबू नौटियाल के साथ में मौत के घाट उतार दिया था।
विष्णु माथुर केंद्र सरकार के रिटायर्ड अधिकारी थे और उनकी पत्नी शशि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) में नौकरी किया करती थीं। दोनों बुजुर्ग दंपत्ति खराब स्वास्थ्य की वजह से अपने वसंत विहार स्थित घर पर ही रहा करते थे। खुशबू पिछले एक साल से दोनों की देखभाल के लिए उनके साथ घर में ही रहा करती थी।
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मृतक की दोस्त की बेटी प्रीति घर मिलने आई
इन्हीं दिनों शशि माथुर के साथ में एनडीएमसी में काम करने वाली उनकी पुरानी महिला दोस्त की बेटी प्रीति सहरावत उसे मिलने आई। प्रीति अचानक से माथुर दंपत्ति के घर आकर उनसे नजदकियां बढ़ाने लगी थी। मां से दोस्ती की वजह से प्रीति का बुज़ुर्ग महिला के घर आना जाना था। दिल्ली पुलिस ने केस का खुलासा करते हुए बताया कि प्रीति ने अपने ब्वॉयफ्रेंड मनोज के साथ में मिलकर 23 जून की रात वसंत विहार में विष्णु,शशि और खुशबू की बेरहमी से हत्या कर दी।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया
इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने प्रीति और मनोज दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान जब पुलिस ने मृतक शशि की बेटी से जानकारी मांगी तो उसने प्रीति पर शक जताया था। 42 साल की प्रीति दिल्ली के नांगलोई की रहने वाली थी। पुलिस को शक हुआ कि वह बुजुर्ग दंपत्ति से पुराने संबंध को फिर से क्यों जोड़ना चाहती थी? और हत्या के बाद वह अचानक से कहां गायब हो गई। पुलिस ये सभी गुत्थी जानना चाहती थी।
दरअसल, हत्या करने के बाद दोनों माथुर के घर से गहने, किमती सामान और उनका मोबाइल लूटकर भाग गए। लेकिन हत्या के चार दिन बाद 26 जून 2019 को पुलिस को अहम सुराग मिला जब विष्णु माथुर का गुम हुआ फोन कुछ देर के लिए चालू हुआ। पुलिस की एक टीम ने फोन को गुड़गांव के एक होटल के कमरे में ट्रैक किया। मौके पर, पुलिस ने प्रीति और उसके लिव-इन पार्टनर 39 साल के मनोज भट्ट को पकड़ लिया।
घर का नजारा देखकर दंग रह गई पुलिस
हत्या के बाद जब दिल्ली पुलिस मृतकों के घर पहुंची तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गई। पुलिस ने देखा कि वहां घर का दरवाजा नहीं तोड़ा गया था, टेबल पर चाय के कप रखे हुए थे। सोने के कुछ गहने गायब थे, जबकि घर में मौजूद नकदी जस की तस थी। 20 साल की सहायिका खुशबू के बेडरूम में एक कंडोम का पैकेट मिला।
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ताकि शक ना हो
पुलिस ने बताया कि यह सब जानबुझकर प्रीति और मनोज ने किया था, ताकि शक खुशबू और उसके कथित ब्वॉयफ्रेंड पर जाए। खुशबू पिछले एक साल से माथुर के साथ रह रही थी। दंपति के बेटे की कुछ साल पहले एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। शशि की बिगड़ती सेहत के कारण दंपति पूरी तरह से खुशबू पर निर्भर थे। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि खुशबू का एक प्रेमी था जो अक्सर घर आता था। कंडोम मिलने से पुलिस को लगा कि हत्या खुशबू के साथी की करतूत हो सकती है, जिसने मौके से भागते समय गलती से पैकेट गिरा दिया होगा।
72 घंटों तक पूछताछ की
जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमने उनसे अगले 72 घंटों तक पूछताछ की। हमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। हम जानते थे कि हमारे संदिग्ध खुशबू और उसके ब्वॉयफ्रेंड का हत्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। हमें तब लगा कि पुलिस जांच सही दिशा में नहीं जा रही है। इसके बाद पुलिस ने नए सिरे से जांच की शुरुआत की।
पुलिस के मुताबिक प्रीति इससे पहले दो शादियां कर चुकी थी। वह काफी समय से मनोज के साथ रहती थी। दोनों ने गुरुग्राम में एक रेस्टोरेंट खोला लेकिन वह बंद हो गया। इसके बाद दोनों को पैसे की जरूरत थी। इसलिए इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। पुलिस ने उनके पास से वारदात में इस्तेमाल हुई मोटरसाइकिल, लूटे हुए गहने, कैश और हथियार बरामद किए थे।
जेल से सीखकर आया था तरकीबें
पुलिस ने बताया कि मनोज अपनी पहली पत्नी की हत्या कर चुका है। पत्नी की हत्या करने के केस में वह पांच साल तक तिहाड़ जेल में सजा काट कर आया था। जेल से आने के बाद वह प्रीति के संपर्क में आया तो उसने साथ में मिलकर लूट और हत्या की योजना बनाई। पुलिस को मनोज ने बताया कि उसने जेल रहने के दौरान उसने कैदियों से हत्या करने और कानून से बचने की तरकीबें सीखीं थीं। पूछताछ के दौरान मनोज ने शुरुआत में पुलिस को काफी घुमाने की कोशिश की लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे वह टूट गया और हत्या से जुड़ी सभी जानकारियां उसने दे दीं।
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