बिहार के मधेपुरा जिले की आलमनगर विधानसभा सीट पर जेडीयू का दबदबा है। पिछले सात चुनाव में कोई भी दल इस किले को नहीं ढहा पाया है। 2025 विधानसभा चुनाव से पहले सभी ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। शुरुआत में इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा। मगर बाद में जेडीयू ने इसे अपना गढ़ बना लिया। जिला मुख्यालय से विधानसभा क्षेत्र की दूरी लगभग 38 किमी है।
विधानसभा का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण है। कोसी नदी हर साल यहां बाढ़ से तबाही मचाती है। मगर मिट्टी उपजाऊ है। मुख्य रूप से गेहूं, मक्का और धान की खेती होती है। इलाके में बड़े उद्योगों की कमी आज भी लोगों को अखरती है। इस वजह से क्षेत्र के युवाओं का पलायन एक बड़ी समस्या है।
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मौजूदा समीकरण
2020 के विधानसभा चुनाव में आलमनगर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3,27,866 रही। यहां लगभग 29.9 फीसदी मतदाता यादव समुदाय के हैं। 12.60 फीसदी मुस्लिम और 17.47 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। संख्या के लिहाज से यादव समुदाय सबसे बड़ा जातीय समूह है। इस सीट पर हार जीत में यादव और मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम होती है।
2020 चुनाव का रिजल्ट
पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने अपने छह बार के विधायक नरेंद्र नारायण यादव पर दांव खेला। आलमनगर सीट पर कुल 10 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई। मगर मुख्य मुकाबला जेडीयू और आरजेडी के बीच देखने को मिला। नरेंद्र नारायण यादव को कुल 102,517 वोट मिले। उनके खिलाफ उतरे आरजेडी उम्मीदवार को नबीन कुमार को 73,837 मत मिले। नरेंद्र नारायण ने 28,680 मतों से लगातार सातवीं बार जीत हासिल की। बाकी आठ प्रत्याशियों को अपनी जमानत तक गंवानी पड़ी।
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मौजूदा विधायक का परिचय
वरिष्ठ जेडीयू नेता नरेंद्र नारायण यादव 1995 से लगातार सात बार के विधायक हैं। आलमनगर विधानसभा सीट पर पिछले 35 साल में कोई भी विपक्षी दल उनका करिश्मा खत्म नहीं कर पाया। वे नीतीश सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं। पिछले साल उन्हें निर्विरोध डिप्टी स्पीकर भी चुना गया। मधेपुरा जिले के बालाटोल के रहने वाले नरेंद्र नारायण ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 1968 में की थी।
2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनके पास 2 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। 84 हजार रुपये की देनदारी भी है। उन्होंने 1974 में कटिहार के डीएस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की थी। उनके खिलाफ सिर्फ एक आपराधिक मामला लंबित है।
सीट का इतिहास
आलमनगर विधानसभा सीट बिहार में पहले विधानसभा चुनाव से अस्तित्व में है। अब तक कुल 17 बार चुनाव हो चुके हैं। सबसे अधिक छह बार जेडीयू ने जीत हासिल की। इसके बाद पांच बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया। जनता पार्टी और जनता दल को दो बार कामयाबी मिली। स्वतंत्र पार्टी और लोकदल भी एक-एक बार अपना विधायक बना चुकी हैं। इस सीट पर मतदाता दल से ज्यादा चेहरे को तवज्जो देते हैं। यही कारण है कि यदुनंदन यादव और विद्याकर कवि दो-दो बार, बीरेंद्र कुमार सिंह चार और नरेंद्र नारायण यादव लगातार सात बार से विधायक हैं।
आलमनगर विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष |
विजेता |
दल |
1951 |
तनुक लाल यादव |
स्वतंत्र पार्टी |
1957 |
यदुनंदन झा |
कांग्रेस |
1962 |
यदुनंदन झा |
कांग्रेस |
1967 |
वी कावि |
कांग्रेस |
1969 |
विद्याकर कवि |
कांग्रेस |
1972 |
विद्याकर कवि |
कांग्रेस |
1977 |
बीरेंद्र कुमार सिंह |
जनता पार्टी |
1980 |
बीरेंद्र कुमार |
जनता पार्टी (SC) |
1985 |
बीरेंद्र कुमार सिंह |
लोकदल |
1990 |
बीरेंद्र कुमार सिंह |
जनता दल |
1995 |
नरेंद्र नारायण यादव |
जनता दल |
2000 |
नरेंद्र नारायण यादव |
जेडीयू |
2005 (फरवरी) |
नरेंद्र नारायण यादव |
जेडीयू |
2005 (नवंबर) |
नरेंद्र नारायण यादव |
जेडीयू |
2010 |
नरेंद्र नारायण यादव |
जेडीयू |
2015 |
नरेंद्र नारायण यादव |
जेडीयू |
2020 |
नरेंद्र नारायण यादव |
जेडीयू |
नोट: आंकड़े भारत निर्वाचन आयोग