• NEW DELHI 11 Jan 2025, (अपडेटेड 11 Jan 2025, 10:55 AM IST)
दिल्ली में पूर्वांचल वोटर को लेकर नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है। केजरीवाल के बयान पर बीजेपी आक्रामक हो गई है। ऐसे में समझते हैं कि दिल्ली चुनाव में पूर्वांचली वोटर कितना दम रखते हैं?
प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)
दिल्ली की सियासी लड़ाई उत्तर प्रदेश और बिहार के वोटरों पर आ गई है। शुक्रवार को बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के पास बैरिकेड तोड़ने की कोशिश भी की।
बीजेपी प्रदर्शनकारियों ने 'लिट्टी चोखा खाएंगे, केजरीवाल को भगाएंगे', 'छठी मैया की जय' और 'पूर्वांचल विरोधी केजरीवाल' जैसे नारे भी लगाए। दिल्ली में यूपी, बिहार और झारखंड के वोटरों को 'पूर्वांचली' कहा जाता है।
पूर्वांचलियों का मामला कैसे उठा?
ये सारा बवाल अरविंद केजरीवाल के बयान से हुआ। गुरुवार को अरविंद केजरीवाल ने यूपी-बिहार के वोटरों को फर्जी बताया। उन्होंने कहा, '15 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 13 हजार नए वोट बनाने के आवेदन आए हैं। एक लाख वोटों वाली नई दिल्ली विधानसभा में 13 हजार नए लोग कैसे आ गए। इससे साफ होता है कि ये लोग यूपी, बिहार और आसपास के राज्यों से लोगों को लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं।'
बीजेपी ने इसे पूर्वांचलियों के अपमान से जोड़ दिया। शुक्रवार को केजरीवाल के आवास के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'पूर्वांचलियों को फर्जी वोटर कहा गया। ये गुस्सा तब तक शांत नहीं होगा, जब तक केजरीवाल को हटा नहीं देते।'
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'उन्होंने हमें अपमानित किया है। अन्ना आंदोलन के दौरान इन्होंने हमारा खूब इस्तेमाल किया। पुलिस की लाठियां हमें झेलनी पड़ी। अब वो हमें फर्जी वोटर कह रहे हैं।'
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल ने हमेशा पूर्वांचलियों का हमेशा अपमान किया है। कोविड के दौरान भी उन्होंने कई आपत्तिजनक बयान दिए थे और अब उन्हें फर्जी वोटर कह दिया। हम इस अपमान को कभी नहीं भूलेंगे और न ही यूपी, बिहार और झारखंड के लोग भूलेंगे। इस विश्वासघात को दिल्ली वाले हमेशा याद रखेंगे।'
इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल को अपनी हार का डर सताने लगा तो बौखलाकर उत्तर प्रदेश और बिहार के हमारे भाई-बहनों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करने पर उतारू हो गए हैं। केजरीवाल ने यूपी – बिहार के हमारे लोगों को फर्जी वोटर कह कर उनका अपमान किया है।'
केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन करते बीजेपी कार्यकर्ता। (Photo Credit: PTI)
पूर्वांचली वोटर इतने अहम क्यों?
दिल्ली की सियासत में पूर्वांचली वोटर काफी अहम माने जाते हैं। माना जाता है कि दिल्ली में पूर्वांचलियों की आबादी लगभग 45 लाख होगी। यही वजह है कि पूर्वांचलियों को साधने की कोशिश में सब लगे रहते हैं।
माना जाता है कि दिल्ली के वोटरों में 25 फीसदी पूर्वांचली हैं। दिल्ली की 70 में से 30 सीटें ऐसी हैं, जहां पूर्वांचली हैं। 20 सीटों पर इनका सीधा-सीधा असर है। जबकि, 16 सीटें ऐसी हैं जहां पूर्वांचली निर्णायक भूमिका में हैं।
दिल्ली में देवली, बुराड़ी, किराड़ी, संगम विहार, विकासपुरी, द्वारका, पालम, लक्ष्मीनगर, मटियाला, करावलनगर, सीमापुरी, रिठाला, मंगोलपुरी और बादली जैसी सीटों पर हार-जीत का फैसला पूर्वांचली करते हैं। पिछले चुनाव के नतीजे देखें जाएं तो पूर्वांचलियों के दबदबे वाली 16 में से 14 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीती थीं। यहां पार्टी को लगभग 55 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, बीजेपी सिर्फ 2 सीट ही जीत सकी थी और उसे 40 फीसदी वोट मिले थे।
केजरीवाल ने यूपी-बिहार के वोटरों को लेकर जो बयान दिया है, उसे लेकर बीजेपी आक्रामक हो गई है। बीजेपी केजरीवाल पर पूर्वांचलियों के अपमान से जोड़ रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इससे केजरीवाल को नुकसान हो सकता है? माना जा रहा है कि इससे केजरीवाल को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
दरअसल, दिल्ली में ज्यादातर पूर्वांचली स्लम और अवैध बस्तियों में बसे हैं। इनके लिए 200 यूनिट बिजली फ्री, पानी और महिलाओं से जुड़ी योजनाएं मायने रखती हैं। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में तो पूर्वांचली वोटर बीजेपी को वोट देते हैं, लेकिन विधानसभा में ये आम आदमी पार्टी के साथ चले जाते हैं। लिहाजा माना जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कोई खास नुकसान होने की उम्मीद नहीं है।