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सीमांचल में ओवैसी की हुंकार, मुसलमानों का नेता क्यों नहीं हो सकता?

सीमांचल में ओवैसी ने तेजस्वी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनता अच्छी तरह से जानती है कि धर्म निरपेक्ष ताकतों से समझौता न कर कौन किसकी मदद कर रहा है।

Asaduddin Owaisi । Photo Credit: PTI

असदुद्दीन ओवैसी । Photo Credit: PTI

संजय सिंह, पटनाः एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पूरे फार्म में हैं। उनका कहना है कि चुनाव आते आते मुद्दे गौण हो जाते हैं। चुनाव पर जाति हावी हो जाती है। यादव, कुर्मी, कोयरी, राजपूत जाति के अपने अपने नेता हो सकते हैं तो मुसलमानों को ऐसा करने से परहेज क्यों है। महागठबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद वे तेजस्वी यादव से खासे नाराज हैं। नाराजगी की दूसरी वजह यह है कि 2020 के चुनाव में ओवैसी के पार्टी के पांच विधायक चुने गए थे। इनमें से चार ने पाला बदलकर आरजेडी का दामन थाम लिया। ओवैसी का मानना है कि यह सब साजिश के तहत किया गया।

 

ओवैसी ने एआईएमआईएम के चार विधायक तोड़े इस वजह से आरजेडी पर ओवैसी खासे नाराज हैं। उन्होंने न्याय यात्रा के दौरान कहा कि उनका प्रयास यह है कि सीमांचल को एक नई राजनीतिक दिशा दी जाए, लेकिन आरजेडी के लोग ऐसे होना देना नहीं चाहते। आरजेडी की पूरी कोशिश रहती है कि सीमांचल में कोई नया नेतृत्व नहीं उभरे। उन्होंने कहा, ‘आरजेडी के लोग मुझ पर वोट कटवा होने का आरोप लगाते हैं। लेकिन इस आरोप में दम नहीं है। हमने महागठबंधन के साथ राजनीतिक समझौता करने की पूरी कोशिश की, लेकिन महागठबंधन के लोगों ने मौका नहीं दिया। उन्होंने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब भी मौका है, बाद में यह न कहना कि मम्मी पापा मेरा बैट बॉल लेकर कोई भाग गया। जनता इस बात को अच्छी तरह जानती है कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों से समझौता न कर कौन किसकी मदद कर रहा है।’

 

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शेख हसीना को लेकर उठाए सवाल

बांग्लादेशी घुसपैठिए के नाम पर सीमांचल को बदनाम किया जा रहा है। यदि सीमांचल की डेमोग्राफी बदली है तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है। केंद्र सरकार को सबसे पहले शेख हसीना को बाहर निकलना चाहिए। अमित शाह पर भी उन्होंने जोरदार राजनीतिक हमला बोला। घुसपैठिया भारत की सीमा में कैसे प्रवेश किया इसका जवाब अमित शाह को देना चाहिए। इधर भाजपा के प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने ओवैसी पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस बार सीमांचल में उनकी दाल गलनेवाली नही है। देश के आम मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। कुछ लोगों को बांग्लादेशियों से मोहब्बत है। जब ऐसे लोगों पर कार्रवाई होती है तो मोहब्बत करनेवाले लोगों के पेट में दर्द होने लगता है।

ओवैसी की बढ़ी है लोकप्रियता

सीमांचल में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए ओवैसी कई वर्षों से काम कर रहे हैं। उनका इस क्षेत्र में आना जाना लगा रहता है। वक्फ संशोधन कानून का भी उन्होंने जमकर विरोध किया था। उनका यह भी आरोप है कि सीमांचल में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यहां बिना रिश्वत दिए काम नहीं होता। अपनी चार दिवसीय दौरे के वक्त ओवैसी ने कई स्थानों पर सभा करके राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। इस क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र में उनकी सभा हो जानी थी।

 

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स्थानीय नेता तौसीफ आलम ने टेंट और बिजली की व्यवस्था की थी। अचानक लाइट चली गई। लाइट चले जाने के कारण शोरगुल होने लगा। स्थिति को देखकर ओवैसी ने स्वयं माइक थाम लिया। उन्होंने लोगों से कहा अपनी मोबाइल की बत्ती जलाओ ताकि गद्दारों को पता चले कि अब उनकी बत्ती गुल होनेवाली है। ओवैसी के इतना कहते ही पूरा मैदान मोबाइल के फ्लैश लाइट से जगमगा गया इसके बाद ओवैसी ने जमकर अपनी बातें रखी।

 

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