logo

ट्रेंडिंग:

बैकुंठपुर विधानसभा: यहां हर बार बदल जाती है पार्टी, इस बार क्या होगा?

बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर जनता हर बार पार्टी बदल देती है। यहां पिछले कुछ चुनाव से कभी आरजेडी, कभी जेडीयू तो कभी बीजेपी जीत रही है।

baikunthpur assembly

बैकुंठपुर विधानसभा सीट, Photo Credit- KhabarGaon

बिहार के गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर विधानसभा सीट पड़ती है। यह विधानसभा उलटफेर के लिए जानी जाती है। यहां कभी कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था। हालांकि, बीते कुछ सालों से यहां कभी आरजेडी, कभी जेडीयू तो कभी बीजेपी जीतती आ रही है।


बैकुंठपुर में लोगों की आजीविका का मुख्य साधन खेती-बाड़ी है। यहां धान, गेहूं और गन्ना की खेती होती है। बिहार के बाकी हिस्सों की तरह पलायन भी यहां बड़ा मुद्दा है। हालांकि, यहां की जनता के मूड का भरोसा नहीं है। हर चुनाव में यहां की जनता पार्टी बदल देती है। बैकुंठपुर में अब तक 18 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें एक उपचुनाव भी शामिल है।

मौजूदा समीकरण

इस सीट पर फिलहाल आरजेडी का कब्जा है। यहां मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका हैं। अनुमान है कि यहां लगभग 20 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं। अब तक कई पार्टियों की जीत से पता चलता है कि यह सीट किसी के लिए सेफ नहीं है। 

 

यह भी पढ़ें-- साहेबगंज विधानसभा सीट: राजू कुमार सिंह का जलवा रह पाएगा बरकरार?

2020 में क्या हुआ था?

2020 में यहां दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था। निर्दलीय उम्मीदवार मंजीत कुमार सिंह ने आरजेडी और बीजेपी के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि, यहां से आरजेडी उम्मीदवार प्रेम शंकर प्रसाद ने जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार मितलेश तिवारी को 11,113 वोटों से हराया था। प्रेम शंकर प्रसाद को 67,807 और मितलेश तिवारी को 56,694 वोट मिले थे। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार मंजीत कुमार सिंह को 43,354 यानी लगभग 24 फीसदी वो मिले थे।

विधायक का परिचय

बैकुंठपुर सीट से अभी आरजेडी के प्रेम शंकर प्रसाद विधायक हैं। 2020 में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की। 


प्रेम शंकर प्रसाद आरजेडी नेता देवदत्त प्रसाद के बेटे हैं। देवदत्त प्रसाद भी तीन बार बैकुंठपुर से विधायक रह चुके हैं।


2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में प्रेम शंकर प्रसाद ने अपने पास 92 लाख रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ 4 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

 

यह भी पढ़ें-- शिवहर विधानसभा सीट: RJD के चेतन आनंद जीतेंगे या NDA की होगी वापसी?

विधानसभा का इतिहास

इस सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे। तब से अब तक 18 बार चुनाव हो चुके हैं। 1996 में यहां उपचुनाव भी हुआ था। इस सीट पर कांग्रेस 5 बार जीत चुकी है। आरजेडी 3 बार, जेडीयू 2 बार और बीजेपी 1 बार यहां से जीती है।

  • 1952: शिववचन त्रिवेदी (कांग्रेस)
  • 1957: त्रिविक्रम देव नारायण सिंह (निर्दलीय)
  • 1962: शिववचन त्रिवेदी (कांग्रेस)
  • 1967: सभापति सिंह (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
  • 1969: शिववचन त्रिवेदी (कांग्रेस)
  • 1972: सभापति सिंह (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
  • 1977: ब्रज किशोर नारायण सिंह (जनता पार्टी)
  • 1980: ब्रज किशोर नारायण सिंह (जनता पार्टी)
  • 1985: ब्रज किशोर नारायण सिंह (कांग्रेस)
  • 1990: ब्रज किशोर नारायण सिंह (कांग्रेस)
  • 1995: लाल बाबू यादव (जनता दल)
  • 1996: देव दत्त प्रसाद यादव (जनता दल)
  • 2000: मंजीत कुमार सिंह (समता पार्टी)
  • 2005: देव दत्त प्रसाद यादव (आरजेडी)
  • 2005: देव दत्त प्रसाद यादव (आरजेडी)
  • 2010: मंजीत कुमार सिंह (जेडीयू)
  • 2015: मितलेश तिवारी (बीजेपी)  
  • 2020: प्रेम शंकर प्रसाद (आरजेडी)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap