बिहार के सारण जिले में 10 विधानसभा सीटें हैं। एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैंया, मढौरा, छपरा, गडखा, अमनौर, परसा और सोनपुर। इन्हीं में से एक विधानसभा है बनियापुर। इस विधासनभा की सीट संख्या 115 है। यहां से केदारनाथ सिंह विधायक हैं। वह राष्ट्रीय जनता दल के नेता हैं। बनियापुर विधानसभा महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
साल 2008 के बाद बनियापुर और मशरख सामुदायिक विकास खंड को शामिल किया है। यह पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है। ज्यादातर आबादी कृषक है। यहां की प्रमुख नदी गंडक है। धान, गेंहू, मक्का और दाल की खेती होती है। इलाके में रोजगार के बड़े साधन नहीं हैं।
यहां बड़े उद्योगों की कमी है। छोटे चावल मिल, ईंट भट्टे और कृषि व्यापार केंद्र कुछ रोजगार देते हैं। बनियापुर और मशरख में स्थानीय बाजार लगता है। यहां का नजदीकी इलाका मशरख है जो सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है। मढ़ौरा 25 किलोमीटर की दूरी पर है। सीवान 25 किलोमीटर दूरी पर है, वहीं एकमा 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
यह भी पढ़ें: बिहारीगंज: हर चुनाव में विजेता रही JDU, कौन ध्वस्त करेगा किला?
विधानसभा के मुद्दे
बनियापुर में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे बड़ी चुनौती हैं। सरकारी अस्पताल बेहतर हालत में नहीं हैं, कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां काम होने की जरूरत है। उद्योग न होने की वजह से बड़ी आबादी पलायन कर चुकी है। अच्छे स्कूलों की कमी है।
विधानसभा पर एक नजर
बनियापुर में कुल वोटरों की संख्या 562212 है। पुरुष मतदाताओं की संख्या 294767 है। महिला मतदाताओं की संख्या 267445 है। बनियापुर विधानसभा में 11.78 प्रतिशत वोटर अनुसूचित जाति है। अनुसूचित जनजाति के वोटरों की संख्या 1.01 प्रतिशत है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 12 प्रतिशत है। क्षत्रिय, भूमिहार और ब्राह्मण मजबूत स्थिति में हैं। मुस्लिम और यादव वोटर भी अहम भूमिका निभाते हैं।
यह भी पढ़ें: आलमनगर विधानसभा: RJD या PK कौन, तोड़ेगा 6 बार से अजेय JDU का तिलिस्म?
विधायक का परिचय
केदार नाथ सिंह बनियापुर से विधायक हैं। वह 2010, 2015 और 2020 के चुनाव में लगातार चुनकर आए गए। वह राष्ट्रीय जनता दल के चर्चित नेता रहे हैं। वह पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई हैं। वह व्यवसायी रहे हैं। कंपनी के डायरेक्टर हैं और पेट्रोल पंप के मालिक हैं। इनका जन्म मशरख में हुआ था। इनके खिलाफ कई पुलिस थानों में मुकदमे दर्ज हैं। उनकी कुल संपत्ति 2 करोड़ से ज्यादा है। वह बिहार विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं।
2020 का चुनाव कैसा था?
यह विधानसभा राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ है। केदार नाथ सिंह यहां से लगातार 2010, 2015 और 2020 में जीत हासिल करते रहे। केदार नाथ सिंह को साल 2020 में 65194 वोट पड़े। VIP के वीरेंद्र कुमार ओझा को 37405 वोट पड़े। लोक जनशक्ति पार्टी को तारकेश्वर सिंह को कुल 33082 मत पड़े थे।
2025 में क्या समीकरण बन रहे हैं?
यह विधानसभा राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ है। एनडीए की तरफ से यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी को मिलती है। अगर यह सीट बीजेपी के खाते में जाती है तो मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।
यह भी पढ़ें: गोपालगंज विधानसभा: क्या BJP लगा पाएगी जीत का छक्का या पलटेगी बाजी?
विधानसभा का इतिहास
साल 1951 से अब तक इस विधानसभा में 17 चुनाव हुए हैं। कांग्रेस ने 7 बार, आरजेडी ने 3 बार, जनता पार्टी ने 2 बार, और जनता दल, जेडीयू, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है।
- विधानसभा चुनाव 1952: विश्वनाथ मिश्रा, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1957: उमा पांडेय, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1962: उमा पांडेय, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1967: उमा पांडेय, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1969: रमानंद मिश्रा, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
- विधानसभा चुनाव 1972: उमा पांडेय, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1977: रमाकांत पांडेय, जनता पार्टी
- विधानसभा चुनाव 1980: उमा पांडेय, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1985: उमा पांडेय, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1990: राम बहादुर राय, जनता पार्टी
- विधानसभा चुनाव 1995: राम बहादुर राय, जनता दल
- विधानसभा चुनाव 2000: मनोरंजन सिंह, निर्दलीय
- विधानसभा चुनाव 2005: मनोरंजन सिंह, लोक जनशक्ति पार्टी
- विधानसभा चुनाव 2005: मनोरंजन सिंह, जेडीयू
- विधानसभा चुनाव 2010: केदार नाथ सिंह, आरजेडी
- विधानसभा चुनाव 2015: केदार नाथ सिंह, आरजेडी