संजय सिंह, पटना। एनडीए के घटक दलों की भी सीटों की बारगेनिंग तेज हो गई है। सबसे बड़ी दावेदारी एलजेपी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान की है। गठबंधन में शामिल अन्य घटक दलों ने भी अपना-अपना दावा अलग ठोका है। इस बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट कर दिया है कि एनडीए अगला चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगी।
एलजेपी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने को प्रधानमंत्री का हनुमान बताकर जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोला था। कई स्थानों पर जेडीयू को इस कारण कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इससे जेडीयू को राजनैतिक तौर पर भारी नुकसान हुआ। पहले की तरह ही चिराग पासवान ने अपना रवैया नहीं बदला है। समय-समय पर वह नीतीश सरकार के खिलाफ आग उगलने में पीछे नहीं रहते हैं। यही कारण है कि चिराग ने पांच स्थानों पर अपनी पार्टी की संकल्प सभा के रूप में रैली की।
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कर रहे हैं प्रेशर पॉलिटिक्स?
उनके विरोधियों का कहना है कि अधिक सीट पाने की मंशा से प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। चिराग अपनी बातों को घटक दल में नहीं रखते। उनके बहनोई और जमुई के सांसद अरुण भारती ही चिराग की मन की बात को बोलते हैं। विरोधियों का यह भी कहना है कि वे अपनी मां को राज्यसभा में भेजना चाहते हैं, लेकिन इन मुद्दों पर खुलकर बोलने से परहेज करते हैं।
22 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा
हिंदुस्तान आवामी मोर्चा के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी चिराग के विरोधी माने जाते हैं। उनका तर्क है कि पिछले पांच सालों में उनकी पार्टी मजबूत हुई है। 2020 के विधानसभा चुनाव में मांझी की पार्टी को सात सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया था। अब उनका दावा 22 सीटों पर चुनाव लड़ने का है। चिराग के संबंध में मांझी कहते हैं कि वे परिपक्व नेता नहीं हैं। उन्हें अपनी पहचान बनाने के लिए और कठिन परिश्रम करने की जरूरत है। वे यह भी कहते हैं कि एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पूरी निगाह चुनाव पर है। सभी समस्याओं का निदान आसानी से हो जाएगा। इधर रालोनोमो के नेता उपेंद्र कुशवाहा भी अपनी पार्टी के लिए 10 सीट चाहते हैं, लेकिन घटक दल में शामिल जितने दलों के नेताओं की सीट की मांग है वह पूरा होते नहीं दिखता।
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नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव
पार्टी सूत्रों का कहना है कि 15 सितंबर को पूर्णिया में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में घटक दल के नेता लगे हुए हैं। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय दौरा बिहार में है। उम्मीद है कि 25 सितंबर तक सीटों का मुद्दा आसानी से हल हो जाए। इस बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विपक्ष चाहे जिसे भी सीएम का फेस घोषित करे एनडीए का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। जाहिर है कि एनडीए के घटक दल नीतीश कुमार की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेंगे।