दिल्ली की विधानसभा नंबर 2 यानी बुराड़ी भी दिल्ली के बाहरी इलाके में आती है। हरियाणा-पंजाब से होते हुए जैसे ही आप दिल्ली में घुसकर कश्मीरी गेट की ओर बढ़ेंगे तो आपके बाएं हाथ पर आने वाला इलाका बुराड़ी विधानसभा का ही है। मुख्य रूप से कच्ची कॉलोनियों वाले इलाकों से मिलकर बनने वाली यह विधानसभा ज्यादा पुरानी नहीं है क्योंकि यह 2008 के परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई थी। अनियमित कॉलोनियों, बिना प्लान के बस्तियों का निर्माण और संकरी गलियों की वजह से यह इलाका जाम की वजह से खूब चर्चा में रहा है। नेटफ्लिक्स की मशहूर सीरीज जिस बुराड़ी कांड पर आधारित है, वह इसी विधानसभा क्षेत्र में हुआ था। लगातार तीन बार जीत हासिल करने और कई पार्षद जिता पाने के बावजूद AAP यहां की मूल समस्याओं को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाई है। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस दोनों ही उस पर हमलावर हैं।
AAP ने लगातार चौथी बार इस सीट से संजीव झा को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने मंगेश त्यागी को टिकट दिया है। बाकी सीटों के साथ-साथ बीजेपी इस सीट पर भी अपने उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं कर पाई है। कहा जा रहा है कि बीजेपी यह सीट अपने गठबंधन सहयोगियों जेडीयू या एलजेपी के लिए भी छोड़ सकती है। हालांकि, अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। पिछले दो चुनाव में मिली बंपर सफलता के चलते संजीव झा पर AAP को भरोसा है तो BJP की नीति स्पष्ट न होने की वजह से अभी भी वह पीछे ही दिख रही है।
बुराड़ी की समस्याएं क्या हैं?
अन्य अनियमित कॉलोनियों की तरह बुराड़ी में भी यह समस्या बहुत व्यापक है। AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल तक इस बारे में वीडियो बनाकर संजीव झा और AAP को घेर चुकी हैं। संकरी गलियां, टूटी नालियां और खराब मैनेजमेंट बुराड़ी की मुख्य समस्याएं हैं। कई इलाकों में नए सिरे से गलियां और नालियां बनी तो हैं लेकिन जल निकासी अभी भी समस्या बनी हुई है। दरअसल, कई इलाकों में अभी भी नालियां सही से जल निकासी करने लायक बनी ही नहीं हैं। संकरी गलियों, पतली सड़कों और ज्यादा जनसंख्या की वजह से जाम इस पूरी विधानसभा क्षेत्र की बड़ी समस्या है। बीते 5 साल के अंदर मेट्रो का काम काफी तेजी से हुआ है और अगले साल तक रिंग रोड मेट्रो लाइन का काम भी पूरा होने की उम्मीद है।
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2020 में क्या हुआ था?
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर अपने मौजूदा विधायक संजीव झा को इस सीट से मौका दिया था। लगातार दो बार से इस सीट पर हार रही बीजेपी ने गठबंधन के तहत यह सीट जनता दल (यूनाइटेड) को दे दी थी। संजीव झा ने इस सीट पर लगातार तीसरी जीत हासिल की और भारी भरकम वोट से जीते। संजीव झा को 2020 में 139,598 वोट मिले। वहीं, जेडीयू के शैलेंद्र कुमार 51,440 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। शिवसेना के धर्म वीर नंबर 3 पर रहे।
विधानसभा का इतिहास
दिल्ली के बाहरी इलाके में आने वाली यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी। नए सिरे से हुए परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर सबसे पहले बीजेपी के कृष्ण त्यागी ने जीत हासिल की थी। तब कांग्रेस के दीपक त्यागी नंबर दो पर रहे थे। 2013 में AAP की एंट्री हुई तब संजीव झा ने तत्कालीन विधायक कृष्ण त्यागी को हराकर ही जीत हासिल की थी। 2015 में बीजेपी ने गोपाल झा को टिकट दिया लेकिन संजीव झा उनसे दोगुना से ज्यादा वोट हासिल करके फिर से चुनाव जीत लिया। 2020 में संजीव झा ने जेडीयू के शैलेंद्र कुमार को तीसरी बार हराकर लगातार तीसरी जीत हासिल की।
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जातिगत समीकरण
पूर्वांचली वोट, कच्ची कॉलोनियां और ढेर सारी जनसंख्या। यही बुराड़ी की पहचान बना हुआ है। बीते 10 सालों में कॉलोनियां की संख्या के साथ-साथ लोगों की संख्या भी खूब बढ़ी है। इस सीट पर कोई एक जाति तो निर्णायक नहीं है लेकिन पूर्वांचली पहचान जरूर निर्णायक रही है। यही वजह है कि इस सीट पर जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी भी अपने लिए उम्मीदें तलाशती रही हैं। पुरानी वोटर लिस्ट के हिसाब से देखें तो इस सीट पर लगभग 10 पर्सेंट ब्राह्णण, 8 पर्सेट मुस्लिम, 8 पर्सेंट राजपूत और 19 पर्सेंट अनुसूचित जाति के लोग हैं।