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छपरा विधानसभा: हैट्रिक लगाने उतरेंगे CN गुप्ता या रणनीति बदलेगी BJP?

छपरा विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनाव में बीजेपी की जीत हुई है। ऐसे में विपक्ष पूरा जोर लगा रहा है कि इस बार यहां से बीजेपी को हराया जाए और सत्ता तक पहुंचने के लिए एक और सीट बढ़ाई जाए।

chapra assembly seat

छपरा विधानसभा, Photo Credit: Khabargaon

बिहार के सारण जिले की छपरा विधानसभा सीट पिछले 2 बार से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कब्जे में है। बीजेपी यहां लगातार 4 चुनाव भी जीत सकती थी लेकिन 2014 के उपचुनाव में सीएन गुप्ता को टिकट नहीं मिला था और वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ गए थे। नतीजा हुआ कि यहां से आरजेडी ने जीत हासिल कर ली थी। सारण और भोजपुर जिले की सीमा पर स्थित यह विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से भी सटा हुआ है। दिग्गज नेता जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि छपरा कई वजहों से चर्चा में रहती है। यह सीट उसी लोकसभा क्षेत्र में आती है जहां से कभी लालू प्रसाद यादव सांसद रहे। इसके बावजूद आज भी यहां तमाम समस्याएं मौजूद हैं।

 

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल छपरा में आज भी ट्रैफिक जाम, खराब सड़कें, गंदगी और अन्य समस्याएं हैं। ग्रामीण इलाकों में खराब शिक्षा व्यवस्था, बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई को लेकर भी समस्याए हैं। एक समय पर राजपूत और यादवों का गढ़ मानी जाने वाली इस विधानसभा में सीएन गुप्ता की जीत ने सारे समीकरण बदल दिए। अब उनके सामने भी चुनौती है कि वह तीसरी बार भी अपनी पार्टी को यहां बनाए रखें और महागठबंधन को हरा सकें।

मौजूदा समीकरण

 

2014 के उपचुनाव में सीएन गुप्ता को जैसे वोट मिले और फिर वह दो बार चुनाव जीते ऐसे में वह यहां से प्रबल दावेदार हैं। हालांकि, बीजेपी के पप्पू भैया समेत कई नेता भी अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हुए हैं। दूसरी तरफ, आरजेडी के सुनील कुमार राय जमकर पसीना बहा रहे हैं। भले ही पिछले दो चुनावों में बीजेपी को जीत मिली है लेकिन विपक्ष भी यहां बेहद कमजोर नहीं है। ऐसे में अगर विपक्ष थोड़ी और मेहनत कर पाए तो नतीजे बदल भी सकते हैं। 

 

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2020 में क्या हुआ था?

 

छपरा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने अपने तत्कालीन विधायक सी एन गुप्ता को ही एक बार फिर से मौका दिया था। वहीं, आरजेडी ने 2015 में चुनाव हारने वाले रणधीर कुमार सिंह पर एक बार फिर से भरोसा जताया था। 2015 में बड़े अंतर से चुनाव हारने वाले रणधीर सिंह ने 2020 के चुनाव में कड़ी टक्कर भी दी लेकिन नतीजा फिर से वही हुआ।

 

2015 में पहली बार चुनाव जीते सीएन गुप्ता ने लगातार दूसरी बार आरजेडी और रणधीर सिंह को चुनाव में हरा दिया। सीएन गुप्ता को 75,710 वोट मिले तो रणधीर सिंह 68,939 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। वहीं, निर्दलीय चुनाव लड़े सुनील कुमार को 6,062 वोट, संजीव कुमार सिंह को 3744 वोट और सुभाष राय को 3193 वोट मिले। 

विधायक का परिचय

 

2014 में हुए उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ गए सीएन गुप्ता 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए। 2014 के उपचुनाव में सीएन गुप्ता को 31681 वोट मिले थे और वह दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं, बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार कन्हैया सिंह को सिर्फ 25,326 वोट ही मिले थे। यही वजह है कि बीजेपी ने सीएन गुप्ता को अपने पाले में कर लिया।

 

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पेशे से डॉ. सीएन गुप्ता शुरुआती दिनों से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे। डॉक्टर के तौर पर अपने काम और समाजसेवा के चलते भी वह छपरा और सिवान में काफी चर्चित चेहरे थे। यही वजह थी कि जब वह निर्दलीय चुनाव लड़े तब भी उन्हें भरपूर वोट मिले। सीएन गुप्ता को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था और इसका खामियाजा उसे उठाना पड़ा। 2015 में बीजेपी ने गलती सुधारी और सीएन गुप्ता को टिकट दिया गया। 

पढ़े-लिखे, सामाजिक तौर पर खूब सक्रिय सीएन गुप्ता इस उम्र में भी चर्चित और लोकप्रिय विधायकों में गिने जाते हैं।


विधानसभा का इतिहास

1957 से लेकर अब तक इस विधानसभा का इतिहास देखें तो इस विधानसभा को किसी का गढ़ नहीं कहा जा सकता। साल 2000 के बाद यहां से आरजेडी, बीजेपी और जेडीयू तीनों को जीत मिल चुकी है। उससे पहले कांग्रेस, जनसंघ, जनता पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी भी यहां से जीत चुकी है। यहां से उदित राय ही ऐसे नेता रहे हैं जो तीन बार चुनाव जीते हैं। उनके अलावा राम प्रवेश राय, सीएन गुप्ता और जनक यादव दो-दो बार चुनाव जीत चुके हैं। 

 

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1957- प्रभुनाथ सिंह- कांग्रेस
जगलाल चौधरी- कांग्रेस
1962- सुंदरी देवी- कांग्रेस
1967- उदय प्रताप सिंह- जन संघ
1969- जनक यादव- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1972- जनक यादव- कांग्रेस
1977- मिथिलेश कुमार सिंह- जनता पार्टी
1980- जनक यादव- जनता पार्टी
1985-जनक यादव-निर्दलीय
1990- उदित राय-निर्दलीय
1995-उदित राय- जनता दल
2000- उदित राय-RJD
2005-राम प्रवेश राय-JDU
2005-राम प्रवेश राय-JDU
2010- जनार्दन सिंह सिगरीवाल- BJP
2014- रणधीर कुमार सिंह- RJD
2015-सीएन गुप्ता- BJP
2020- सीएन गुप्ता- BJP

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