संजय सिंह, पटना: चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही बिहार में राजनीतिक तापमान का पारा चढ़ने लगा है। इंडिया गठबंधन और घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग का मामला अंतिम चरण में है लेकिन मुकेश सहनी के अड़े रहने से महागठबंधन भी सहज महसूस नहीं कर रहा है। उधर नेशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) का हिस्सा लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान 35 सीटों की मांग पर अड़े हैं। कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) उन्हें 20 से ज्यादा सीटें देने को तैयार है। ऐसे में चिराग पासवान को मनाने की कोशिशें जारी हैं। जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को भी मनाने की तैयारी अंतिम चरण में है।
लोकसभा में LJP (RV) के पांच सांसद हैं। चिराग पासवान ने वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई से दो दो सीटों की डिमांड की है। राज्य स्तरीय नेताओं से उनकी दो-तीन राउंड की बातचीत भी हो चुकी है लेकिन यहां बात नहीं बनी। अब चिराग के मामले को गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बैठकर सुलझाएंगे। जब तक चिराग के साथ बात नहीं बन जाती है तब तक एनडीए में सीट शेयरिंग का मामला सुलझना आसान नहीं दिखता है।
यह भी पढ़ें- महागठबंधन में नहीं मिली जगह, अलग-थलग पड़े ओवैसी; कौन सी चाल चलेंगे?
बताया जाता है कि लोजपा (रामविलास) ने कुछ वैसी सीटों का डिमांड कर दी है, जिन पर बीजेपी और जेडीयू के सिटिंग विधायक हैं। चर्चा यह भी है कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने चिराग पासवान को 20 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच यह भी अफवाह फैली कि चिराग जन सुराज के साथ जा सकते हैं लेकिन पार्टी के सांसद अरुण भारती ने इस आरोप को निराधार बताया है। इधर अरुण भारती के संदर्भ में चर्चा है कि वह जमुई जिले की सिकंदरा विधानसभा से फिर से चुनाव लड़ सकते हैं। एक दो दिनों के भीतर चिराग से भी बात बन जाने की उम्मीद की जा रही है।
उपेंद्र और मांझी से लगभग बन गई बात
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा से सीट शेयरिंग की बातचीत अंतिम दौड़ में चल रही है। दोनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने दलों के लिए 15-15 सीटों की डिमांड की है। दोनों नेताओं की बातचीत बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से हो चुकी है। एनडीए के बैठक के पहले दोनों नेताओं के दावे को समझ लिया गया है। हम पार्टी 12 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना नहीं चाहती है। उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा ने केंद्र में भी जगह दिए जाने का आश्वासन दिया है। एनडीए के नेताओं से बातचीत के बाद उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी से बातचीत लगभग रास्ते पर आ गई है। चिराग पासवान से भी बातचीत अंतिम दौर में है। यह उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिनों में सीटों के बंटवारे को लेकर उलझन समाप्त हो जाएगी।
यह भी पढ़ें: 'चुनाव लड़ना चाहती हैं ज्योति', पवन ने पत्नी के आरोपों पर दिया जवाब
40 सिटिंग विधायकों को हरी झंडी
अब विधानसभा चुनाव में मात्र 28 दिन के समय शेष रह गए हैं। समय कम देखते हुए बीजेपी ने अपने 40 सिटिंग विधायकों को चुनाव प्रचार की हरी झंडी दे दी है। पार्टी से हरी झंडी मिलने के बाद इन लोगों ने चुनाव प्रचार शुरू भी कर दिया है। जिन विधायकों को चुनाव प्रचार की अनुमति मिली है उनका रिपोर्ट कार्ड बेहतर है। जिला प्रभारियों और संगठन के लोगों ने भी इन विधायकों का फीडबैक बेहतर दिया है। अपने पांच साल के कार्यकाल में इन विधायकों ने विकास कार्यों में दिलचस्पी भी ली है। मतदाताओं के बीच इनकी लोकप्रियता बरकरार है। दूसरी और जिन विधायकों को चुनाव प्रचार की हरी झंडी नहीं मिली है, उनका क्षेत्र या चेहरा बदल सकता है।