दिल्ली के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रविवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपा। हालांकि, जब तक नया मुख्यमंत्री नहीं चुन लिया जाता, तब तक आतिशी कार्यवाहक सीएम रहेंगी।
दिल्ली में 10 साल बाद आम आदमी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई है। शनिवार को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। पिछले दो चुनाव से 60 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी इस बार 22 सीटों पर ही सिमट गई। बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीत लीं।
कालकाजी से जीती हैं आतिशी
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस बार भी कालकाजी से चुनाव लड़ा था। 2020 में आतिशी यहां से पहली बार विधायक बनी थीं। इस बार आतिशी को बीजेपी के रमेश बिधूड़ी से कड़ी टक्कर मिली थी। आतिशी ने इस बार 3,521 वोटों से चुनाव जीता। आतिशी को 52,154 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे रमेश बिधूड़ी को 48,633 वोट मिले।
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AAP के बड़े चेहरे चुनाव हारे
इस बार चुनाव में बीजेपी की ऐसी आंधी चली कि आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े चेहरे चुनाव हार गए। पार्टी के संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से बीजेपी के प्रवेश वर्मा से हार गए। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ा और वहां उन्हें बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह से हार का सामना करना पड़ा। ग्रेटर कैलाश सीट पर सौरभ भारद्वाज बीजेपी की शिखा रॉय से हार गए। वहीं, सत्येंद्र जैन को शकूरबस्ती में बीजेपी के करनैल सिंह ने लगभग 21 हजार वोटों से हरा दिया।
27 साल बाद बीजेपी की सरकार
दिल्ली में बीजेपी ने 1993 में चुनाव जीता था। तब उसे 70 में से 49 सीटें मिली थीं। 1998 का चुनाव बीजेपी हार गई थी और उसके बाद 2025 में वापसी कर पाई है। 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनने जा रहा है। हालांकि, अभी पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं किया है। नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा का नाम सीएम रेस में सबसे आगे चल रहा है।