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कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का वादा कितना पूरा हुआ?

दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियां हमेशा चुनावी मुद्दा बन जाती हैं। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार ने इन्हें नियमित करने का वादा किया था। ऐसे में जानते हैं कि ये वादा कितना पूरा हुआ?

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क्रिएटिव इमेज, Photo Credit: Khabargaon

वादा- कच्ची कॉलोनियों का पक्का करने का

'केंद्र सरकार ने अभी भी अनधिकृत कॉलोनियों के भूमि उपयोग को नियमित और परिवर्तित नहीं किया है। दिल्ली की सभी अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी, जिससे अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनके घरों की उचित रजिस्ट्रियां मिल सकें।'

हमेशा से रहा है मुद्दा

दिल्ली की राजनीति में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का मुद्दा हमेशा से हावी रहा है। 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का वादा किया था। उस चुनाव से पहले कांग्रेस ने 1,218 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किया था। इसका नतीजा ये हुआ था कि लगातार तीसरी बार कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही थी।

 

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कितनी अनधिकृत कॉलोनियां?

दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियों की संख्या 1,642 है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन कॉलोनियों में 12.5 लाख घर बने हैं, जिनमें 40 लाख लोग रहते हैं। कुल मिलाकर दिल्ली की लगभग 30 फीसदी आबादी अनधिकृत कॉलोनियों में बसी है।

केंद्र सरकार क्या कर रही?

दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2019 में PM-UDAY योजना लॉन्च की थी। तब केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली की 1,797 अनधिकृत कॉलोनियों को नोटिफाई किया था। इनमें से पहले चरण में 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया जाना था।


DDA की वेबसाइट के मुताबिक, अभी दिल्ली में 1,642 अनधिकृत कॉलोनियां हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो योजना के लॉन्च होने के लगभग 5 साल बीत जाने के बाद भी अब तक सिर्फ 89 कॉलोनियों को ही नियमित किया गया है।

 

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अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए DDA ही नोडल एजेंसी है। DDA की वेबसाइट के मुताबिक, 25 जनवरी 2025 तक 1,27,784 आवेदन आ चुके हैं। इनमें से सिर्फ 29,282 आवेदकों को ही मालिकाना हक मिला है। 36,333 आवेदनों को खारिज कर दिया गया है, जबकि 62,169 आवेदन लंबित हैं।

 


पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले मई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का वादा किया था। उन्होंने एक रैली में कहा था, 'ये मोदी की गारंटी है कि 2026 तक सभी 1,731 अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया जाएगा।' अभी विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भी अमित शाह समेत बीजेपी नेता अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का वादा कर रहे हैं।


हालांकि, केंद्र सरकार की PM-UDAY योजना को लेकर स्थानीय लोग बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। स्थानीयों का दावा है कि इस योजना के नियम और शर्तों का पालन करना मुश्किल होता है। इसके अलावा, इस योजना के तहत संपत्ति पर सिर्फ मालिकाना हक मिलता है और कोई फायदा नहीं है। उदाहरण के लिए मालिकाना हक मिलने के बाद अगर कोई व्यक्ति पुराना घर तुड़वाकर उस जमीन पर नया घर बनवाना चाहता है तो वो ऐसा नहीं कर सकता।

आम आदमी पार्टी सरकार ने क्या किया?

केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास नहीं है। हालांकि, इन कॉलोनियों में सड़क, बिजली और पानी की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। 


आम आदमी पार्टी सरकार का दावा है कि 2014 से पहले तक दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में न पीने के पानी की व्यवस्था थी, न साफ-सफाई की व्यवस्था थी, न सड़कें थीं और न ही बिजली थी। AAP सरकार आने के बाद अनधिकृत कॉलोनियों के विकास के लिए 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

 

 

2024-25 के बजट में सरकार ने बताया था कि अब दिल्ली की 99.6 फीसदी अनधिकृत कॉलोनियों में पानी की पाइपलाइन है। 2014 के बाद से इन अनधिकृत कॉलोनियों में 2,422 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई जा चुकी हैं। इसके अलावा 3,100 किलोमीटर की नई सीवर पाइपलाइन भी डाली गईं हैं। सरकार का ये भी दावा है कि इन कॉलोनियों में 5,175 किलोमीटर की सड़कें बनाई गईं हैं। सरकार का कहना है कि अनधिकृत कॉलोनियों के विकास पर 2024-25 में 902 करोड़ रुपये खर्च करेगी।


बहरहाल, दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोग नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं। पिछले साल नवंबर में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने DDA को अनधिकृत कॉलोनियों के नियमित करने वाले आवेदनों का जल्द से जल्द निपटाने करने का आदेश दिया था।

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