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धोरैया विधानसभा: जेडीयू की होगी वापसी या बरकरार रहेगा RJD का जलवा?

साल 2000 से 2015 तक धोरैया विधानसभा सीट पर जेडीयू का दबदबा रहा। भूदेव चौधरी ने तीन और मनीष कुमार ने दो बार चुनाव जीता। आरजेडी ने कभी जेडीयू के नेता रहे भूदेव चौधरी के सहारे पहली बार चुनाव जीता।

Dhoraiya Vidhan sabha.

धोरैया विधानसभा सीट। ( Photo Credit: Khabargaon)

बिहार की धोरैया विधानसभा सीट बांका जिले में पड़ती है। विधानसभा सीट की अधिकांश इलाका ग्रामीण है। प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज यहां खूब पसीना बहा रही है। सीडी ब्लॉक धोरैया और रजौन को मिलाकर विधानसभा सीट का गठन हुआ। आबादी की निर्भरता खेती-किसानी पर है। बड़े उद्योग-धंधों का अभाव है। लोगों को रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों का रुख करना पड़ता है। हालांकि नदियों की वजह से धोरैया विधानसभा क्षेत्र की मिट्टी बेहद उपजाऊ है।

 

धोरैया विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2011 की जनगणना के मुताबिक 2.39 लाख धोरैया की आबादी है। राजौन सामुदायिक विकास प्रखंड में 1.97 लाख लोग रहते हैं। 

मौजूदा समीकरण

2020 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक धोरैया में कुल 2,86,927 मतदाता हैं। इनमें पुरुषों की संख्या 1,52,063 और 1,34,864 महिला मतदाता हैं। 13.56 फीसद अनुसूचित जाति के वोटर्स हैं। करीब 18 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। अगर यादव मतदाताओं की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी 15.8 फीसद है। पिछले चुनाव में यहां मुस्लिम यादव वोट वैंक के एकजुट होने का फायदा आरजेडी को मिला। हालांकि जेडीयू का खेल काफी हद तक एलजेपी ने भी बिगाड़ा। एनडीए से अलग होकर लड़ रही एलजेपी को कुल 4,081 वोट मिले। जबकि धोरैया में जेडीयू की हार सिर्फ 2,687 मतों से हुई थी।

 

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2020 चुनाव का परिणाम

पिछले चुनाव में इस सीट से कुल 11 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई। आरजेडी ने भूदेव चौधरी को टिकट दिया। उनके सामने जेडीयू ने मनीष कुमार को उतारा। भूदेव को 78,646 और मनीष को 75,959 वोट मिले। 2,687 मतों के अंतर से पहली बार आरजेडी ने धोरैया में जीत दर्ज की। एलजेपी के दीपक कुमार पासवान को 4,081 वोट मिले। 

मौजूदा विधायक का परिचय

पिछले चुनाव में धोरैया से जीत हासिल करने वाले भूदेव चौधरी आरजेडी से जीतने से पहले तीन बार जेडीयू से विधायक रह चुके हैं। 2009 में भूदेव चौधरी ने बतौर जेडीयू प्रत्याशी जमुई सीट से लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। 2014 में जेडीयू ने दोबारा टिकट नहीं दी। इससे खफा होकर 2015 विधानसभा से पहले भूदेव ने जेडीयू को अलविदा कहा और आरजेडी का दामन थाम लिया था। 2015 में आरजेडी की टिकट पर धोरैया से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 

 

2020 के चुनावी हलफनामे मुताबिक भूदेव चौधरी के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। 13 लाख से अधिक की देनदारी है। उनके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। अगर शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो उन्होंने टीएमबीयू भागलपुर से एलएलबी की पढ़ाई की है।

 

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विधानसभा सीट का इतिहास

धोरैया विधानसभा का गठन साल 1951 में हुआ था। यहां 17 बार चुनाव हो चुके हैं। पिछले चुनाव में एनडीए एकजुटता से नहीं लड़ा। इसका नतीजा यह हुआ कि आरजेडी को पहली बार धोरैया में जीत मिली। धौरेया विधानसभा सीट पर कांग्रेस और सीपीआई पांच-पांच बार चुनाव जीत चुकी है। 1969 में पहली बार निर्दलीय ने कामयाबी हासिल की थी। समता पार्टी को मिलाकर जेडीयू भी पांच बार अपना विधायक बना चुकी है। धोरैया से नरेश दास पांच, भूदेव चौधरी चार, मनीष कुमार और मौलाना समीनुद्दीन दो-दो बार विधायक रहे हैं।

 

 

धोरैया विधानसभा: कब-कौन जीता?
वर्ष विजेता  दल
1952 पशुपति सिंह कांग्रेस
1957 मौलाना समीनुद्दीन कांग्रेस
1962 मौलाना समीनुद्दीन कांग्रेस
1967 एस. मंडल कांग्रेस
1969  राम चानुरा भानु निर्दलीय
1972 नरेश दास सीपीआई
1977 नरेश दास सीपीआई
1980 नरेश दास सीपीआई
1985 रामरूप कांग्रेस
1990 नरेश दास सीपीआई
1995 नरेश दास सीपीआई
2000 भूदेव चौधरी समता पार्टी
2005 (फरवरी) भूदेव चौधरी जेडीयू
2005 (नवंबर) भूदेव चौधरी जेडीयू
2010 मनीष कुमार जेडीयू
2015 मनीष कुमार  जेडीयू
2020  भूदेव चौधरी आरजेडी

 

  

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