बिहार के औरंगाबाद जिले में पड़ने वाली गोह विधानसभा का इतिहास मौर्य काल और शेरशाह सूरी के शासन तक जाता है। राजनीतिक इतिहास देखा जाए तो यहां 1952 से 2020 तक 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस से लेकर बीजेपी और वामपंथियों ने भी जीत हासिल की है। फिलहाल आरजेडी का यहां कब्जा है।
गोह विधानसभा पिछड़े इलाकों में आता है। यहां रोजगार के सीमित अवसर हैं। हालांकि, सोन नदी के कारण यहां की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है।
राजनीतिक समीकरण
गोह में पिछले चुनाव में आरजेडी ने पहली बार जीत हासिल की थी। एनडीए के बंटने का फायदा आरजेडी को हुआ था। उस चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा) ने अलग होकर चुनाव लड़ा था। RLSP ने सीधे तौर पर बीजेपी उम्मीदवार को नुकसान पहुंचाया था। 2024 में भी इसका खामियाजा एनडीए को भुगतना पड़ा था। माना जाता है कि गोह में यादव, मुस्लिम, राजपूत, भूमिहार और दलित समुदाय की हिस्सेदारी है। गोह विधानसभा में लोकसभा चुनाव का असर भी देखने को मिलता है। ट्रेंड बताता है कि लोकसभा चुनाव में जिस पार्टी ने यहां चुनाव जीता, विधानसभा में भी उसकी जीत लगभग तय मानी जाती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां से CPI(ML)L के राजा राम सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की थी। इसलिए इस बार महागठबंधन को फिर से यहां जीत की उम्मीद है।
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2020 में क्या हुआ था?
पिछले चुनाव में गोह में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला था। आरजेडी के भीम कुमार सिंह ने मौजूदा विधायक और बीजेपी उम्मीदवार मनोज शर्मा को 35,618 वोटों से हरा दिया था। भीम कुमार सिंह को 81,410 और मनोज शर्मा को 45,792 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर RLSP के डॉ. रणविजय कुमार थे, जिन्हें 44,050 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
गोह विधानसभा से इस समय आरजेडी के भीम कुमार यादव विधायक हैं। भीम कुमार को मगध सम्राट भी कहा जाता है। साल 1992 में भीम कुमार ने मगध यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था।
भीम कुमार यादव पहली बार 2005 में विधायक बने थे। तब वह आरजेडी के टिकट पर नबीनगर सीट से विधायक चुने गए थे। 2020 में आरजेडी ने उन्हें गोह से टिकट दिया और उन्होंने चुनाव जीता।
2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में भीम कुमार ने अपने पास 6.58 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी। उनके खिलाफ 1 क्रिमिनल केस दर्ज है।
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विधानसभा का इतिहास
इस सीट पर अब तक 16 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें कांग्रेस और सीपीआई ने 4-4 बार जीत हासिल की है। जेडीयू और समता पार्टी 4 बार जीत चुकी है।
- 1952: मुंद्रिका सिंह (सोशलिस्ट पार्टी)
- 1962: मुनिश्वर नाथ सिंह (कांग्रेस)
- 1967: मुनिश्वर नाथ सिंह (कांग्रेस)
- 1969: अवध सिंह (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
- 1972: मुनिश्वर नाथ सिंह (कांग्रेस)
- 1977: राम शरण यादव (सीपीआई)
- 1980: राम शरण यादव (सीपीआई)
- 1985: देव कुमार शर्मा (कांग्रेस)
- 1990: राम शरण यादव (सीपीआई)
- 1995: राम शरण यादव (सीपीआई)
- 2000: देव कुमार शर्मा (समता पार्टी)
- 2005: रणविजय कुमार (जेडीयू)
- 2005: रणविजय कुमार (जेडीयू)
- 2010: रणविजय कुमार (जेडीयू)
- 2015: मनोज कुमार शर्मा (बीजेपी)
- 2020: भीम कुमार सिंह (आरजेडी)