हसनपुर विधानसभा सीट बिहार के समस्तीपुर जिले में आती है। यह सीट 2020 में तब हाई प्रोफाइल सीट बन गई जब राष्ट्रीय जनता दल ने यहां से पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने भारी मतों से जीत भी हासिल की। हसनपुर पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है। यहां शहरी मतदाता बिल्कुल नहीं हैं। यह पूरी इलाका कृषि पर निर्भर है, जहां की ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है। इलाके से बागमती और बूढ़ी गंडक जैसी नदियां बहती हैं। इन नदियों की वजह से हसनपुर की जमीन उपजाऊ है।
हसनपुर की डेमोग्राफी की बात करें तो यहां से जिला मुख्यालय समस्तीपुर की दूरी 55 किलोमीटर, रोसड़ा की दूरी 20 किलोमीटर, खगड़िया की दूरी 41 किलोमीटर, दलसिंहसराय की दूरी 43 किलोमीटर, दरभंगा की दूरी 68 किलोमीटर और राजधानी पटना की दूरी 141 किलोमीटर है। हसनपुर में हनुमान मंदिर अतापुर, मां सरस्वती मंदिर, काली मंदिर हसनपुर आदि प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।
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मौजूदा समीकरण?
हसनपुर विधानसभा सीट जब से अस्तित्व में आई है, जब से ही यह समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियों का अजेय गढ़ रही है। यही वजह रही है कि हसनपुर में अबतक हुए 14 विधानसभा चुनावों में से 13 बार समाजवादी विचारधारा वाले दलों की जीत हुई है। यह क्षेत्र दिग्गज समाजवादी नेता गजेंद्र प्रसाद का रहा है। गजेंद्र प्रसाद हसनपुर से सात बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। फिलहाल यहां से आरजेडी के पूर्व नेता तेज प्रताप यादव विधायक हैं। हसनपुर के सामाजिक समीकरण की बात करें तो यहां लगभग 25 फीसदी यादव, 17.55 फीसदी अनुसूचित जाति और 12 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। इस सीट पर इस बार आरजेडी और जेडीयू के बीच मुख्य मुकाबला हो सकता है।
2020 में क्या हुआ था?
हसनपुर विधानसभा सीट हसनपुर अचानक से 2020 में पूरे देश में चर्चा के केंद्र में आ गई। आरजेडी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव को यहां से उम्मीदवार बनाया। 2020 में यहां से तेज प्रताप यादव विधायक चुने गए। उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार राज कुमार राय को बड़े वोटों के मार्जिन से हराया था। तेज प्रताप यादव ने राज कुमार राय को 21,139 वोटों के अंतरसे हराया था। तेज प्रताप ने 47.27 फीसदी वोट पाते हुए 80,991 वोट हासिल किया था, जबकि राज कुमार राय को 59,852 वोट मिले। वहीं, इस सीट पर पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के अर्जुन प्रसाद यादव को 9,882 और लोजपा के मनीष कुमार सहनी को 8,797 वोट मिले थे।
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विधायक का परिचय
मौजूदा विधायक तेज प्रताप यादव हसनपुर से पहली बार विधायक चुने गए हैं। वह इससे पहले महुआ विधानसभा से आरजेडी के टिकट पर विधायक बने थे। तेज प्रताप यादव की छवि अक्सर विवादों और असामान्य व्यवहार के लिए चर्चा में रहती है।
हालांकि, उनकी विधायक के रूप में हसनपुर में सक्रियता बेहद निराशाजनक रही है। वह अपने क्षेत्र में बहुत कम रहते हैं। विवादों के चलते उनको पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मई 2025 में पार्टी और परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में छह साल के लिए निलंबित कर दिया। 37 साल के तेज प्रताप बिहार के चर्चित नेता हैं।
उनकी पढ़ाई की बात करें तो वह 12वीं पास हैं। उन्होंने पटना के बीएसईबी से 2010 में 12वीं की परीक्षा पास की थी। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन, व्यवसाय और सामाजिक कार्य है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 2.83 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
हसनपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र साल 1967 में एक विधानसभा क्षेत्र बना था। यह सीट खगड़िया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इस पर अभी तक कुल 14 चुनाव हुए हैं। इस सीट की संख्या 25 है। हसनपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में हसनपुर और बिथान सामुदायिक विकास खंड हैं। इसमें सिंघिया सामुदायिक ब्लॉक की कुंडल I, कुंडल II, शालेपुर, जहांगीरपुर और बिष्णुपुर दीहा ग्राम पंचायतें हैं।
1967- गजेंद्र प्रसाद हिमांशु (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
1969- गजेंद्र प्रसाद हिमांशु (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
1972- गजेंद्र प्रसाद हिमांशु (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
1977- गजेंद्र प्रसाद हिमांशु (जनता पार्टी)
1980- गजेंद्र प्रसाद हिमांशु (जनता पार्टी सेक्यूलर)
1985- गजेंद्र प्रसाद यादव (कांग्रेस)
1990- गजेंद्र प्रसाद हिमांशु (जनता दल)
1995- सुनील कुमार पुष्पम (जनता दल)
2000- गजेंद्र प्रसाद हिमांशु (जेडीयू)
2005- सुनील कुमार पुष्पम (आरजेडी)
2005- सुनील कुमार पुष्पम (आरजेडी)
2010- राज कुमार राय (जेडीयू)
2015- राज कुमार राय (जेडीयू)
2020- तेज प्रताप यादव (आरजेडी)