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कटोरिया: यहां RJD और BJP में कांटे की टक्कर, अबकी कौन मारेगा बाजी?

कटोरिया विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से जनता हर बार अपना विधायक बदल देती है। 2005 के बाद किसी भी चेहरे को दोबारा मौका नहीं दिया, लेकिन मुकाबला आरजेडी और बीजेपी के बीच ही जारी है।

Katoria Vidhan Sabha.

कटोरिया विधानसभा। (Photo Credit: Khabargaon )

बिहार में अनुसूचित जनजातियों के लिए दो विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। इन्हीं में से एक सीट बांका जिले की कटोरिया विधानसभा है। 1951 में अस्तित्व में आई यह विधानसभा पहले सामान्य श्रेणी की थी। 2008 में परिसीमन के बाद कटोरिया को आरक्षित सीट बना दिया गया। बौंसी और कटोरिया प्रखंड को मिलाकर विधानसभा का गठन हुआ।

 

लोकसभा चुनाव में कटोरिया बांका सीट का हिस्सा है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी ने जीत हासिल की थी। विधानसभा सीट का काफी हिस्सा पहाड़ी है। 2011 की जनगणना के मुताबिक कटोरिया प्रखंड की आबादी 1.5 लाख और बौंसी प्रखंड की 1.51 लाख है।

मौजूदा समीकरण 

2020 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक कटोरिया में कुल 2,47,497 मतदाता हैं। यहां सबसे बड़ा वोटबैंक अनुसूचित जाति का है। उनकी कुल हिस्सेदारी 12.08 फीसद है। 9.18 फीसद वोटर्स अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं। इन सबके अलावा भूमिहार, ब्राह्मण और कोइरी जातियों की हिस्सेदारी भी ठीक ठाक है। अगर मुस्लिम मतदाताओं की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी 11.1 फीसद है।

 

पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और आरजेडी ने अलग-अलग प्रत्याशी उतारे थे। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला था। जेएमएम को कुल 5,606 वोट मिले थे। आरजेडी प्रत्याशी को सिर्फ 6,421 मतों से जीत मिली थी। अगर जेएएम का प्रत्याशी न होता तो हार जीत का अंतर और भी कम होता। 

 

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2020 चुनाव का परिणाम

पिछले चुनाव में कुल पांच प्रत्याशी मैदान में थे। भाजपा ने डॉ. निक्की हेंब्रम को टिकट दिया। उनका सामना आरजेडी की मौजूदा विधायक स्वीटी सिमा हेंब्रम से था। डॉ. निक्की को कुल 74,785 वोट मिले। उनकी प्रतिद्वंद्वी स्वीटी सिमा 68,364 वोट ही हासिल कर पाईं। उन्हें भाजपा प्रत्याशी के हाथों 6,421 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। तीन अन्य प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। 

मौजूदा विधायक का परिचय

कटोरिया सीट से मौजूदा विधायक डॉ. निक्की हेंब्रम ने साल 2015 में पहली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब भी उनका सामना आरजेडी की स्वीटी सिमा हेंब्रम से हुआ। उस चुनाव में निक्की हेंब्रम को 10,337 मतों से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। 2020 के चुनाव में निक्की ने स्वीटी सिमा को हराकर अपना हिसाब बराबर कर लिया है। 2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक विधायक डॉ. निक्की हेंब्रम के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। करीब एक करोड़ रुपये की देनदारी भी है। उन्होंने साल 2012 में दुमका स्थित एसकेएम विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला भी दर्ज नहीं है।

 

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विधानसभा सीट का इतिहास

कटोरिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस को चार बार जीत मिली। भाजपा 2010 और 2020 के चुनाव में जीती। आरजेडी ने तीन बार कामयाबी हासिल की। जनता दल दो और लोक जनशक्ति पार्टी,  भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी, जनता पार्टी, कांग्रेस (यू), आईसीएस व निर्दलीय को एक-एक बार जीत मिली। सुरेश प्रसाद यादव कटोरिया सीट से हैट-ट्रिक लगाने वाले इकलौते नेता हैं। गिरिधारी यादव और राजकिशोर प्रसाद दो-दो बार यहां से विधायक बन चुके हैं।  

 

कटोरिया विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष  विजेता दल
1951 पीरू मांझी कांग्रेस
1957 राघवेंद्र नारायण सिंह कांग्रेस
1961   मुनसा मुर्मू (उपचुनाव) कांग्रेस
1962 काम्पा मुर्मू स्वतंत्र पार्टी
1967 के. सीताराम भारतीय जनसंघ
1969 --- ---
1972   जय प्रकाश सिंह निर्दलीय
1977 गुणेश्वर प्रसाद सिंह जनता पार्टी
1980 सुरेश प्रसाद यादव कांग्रेस (यू)
1985 सुरेश प्रसाद यादव आईसीएस
1990 सुरेश प्रसाद यादव कांग्रेस
1995 गिरिधारी यादव   जनता दल
1996 भोला प्रसाद यादव (उपचुनाव) जनता दल
2000 गिरिधारी यादव   आरजेडी
2005 (फरवरी) राजकिशोर प्रसाद लोक जनशक्ति पार्टी
2005 (नवंबर) राजकिशोर प्रसाद आरजेडी
2010   सोनेलाल हेंब्रम बीजेपी
2015   स्वीटी सिमा हेंब्रम   आरजेडी
2020 निक्की हेंब्रम बीजेपी

 

           

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