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हथुआ विधानसभा: क्या लालू फैक्टर के दम पर दोबारा जीत पाएगी RJD?

गोपालगंज की हथुआ विधानसभा सीट से लालू यादव का सीधा जुड़ाव है, क्योंकि इसी क्षेत्र में उनका पैतृक गांव भी है। क्या लालू फैक्टर इस बार भी RJD के लिए फायदेमंद साबित होगा या JDU कर लेगी वापसी?

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हथुआ विधानसभा सीट, Photo Credit- KhabarGaon

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बिहार के गोपालगंज जिले में पड़ने वाली हथुआ विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है। 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर अब तक तीन बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें दो बार जेडीयू और एक बार आरजेडी को जीत मिली है। 


हथुआ विधानसभा एक पहचान यह है कि इसी इलाके में फुलवरिया गांव भी आता है। यह गांव बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी चीफ लालू यादव का है। हालांकि, इसके बावजू पहले दो चुनाव में आरजेडी को लगातार दो चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।

मौजूदा समीकरण

पिछले तीन चुनावों की जंग से यह साफ हो गया है कि यहां मुकाबला आरजेडी और जेडीयू के बीच ही है। यहां तीन में से दो चुनाव में जेडीयू जीती है। फिलहाल यहां आरजेडी का कब्जा है। इस सीट पर मुस्लिम, यादव और ब्राह्मण अहम भूमिका में हैं। लालू यादव का पैतृक गांव होने के कारण आरजेडी को फायदा मिलने की उम्मीद है। हालांकि, इसके बावजूद 2020 में आरजेडी ने पहली बार यहां से जीत दर्ज की थी।

 

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2020 में क्या हुआ था?

2020 में आरजेडी के राजेश सिंह कुशवाहा ने जेडीयू के रामसेवक सिंह कुशवाहा को 30,527 वोटों के अंतर से हराया था। राजेश सिंह को 86,731 यानी 49.84% जबकि रामसेवक सिंह को 56,204 यानी 32.29% वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर एलजेपी के उम्मीदवार राम दर्शन प्रसाद थे, जिन्हें 9,894 वोट मिले थे।

विधायक का परिचय

मौजूदा विधायक राजेश सिंह राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह मीरागंज सीट से तीन बार विधायक रह चुके प्रभु दयाल सिंह के भतीजे हैं। 


राजेश सिंह आरजेडी के गोपालगंज जिले के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। 2010 के विधानसभा में उन्हें पहली बार आरजेडी ने हथुआ सीट से टिकट दिया लेकिन जेडीयू के रामसेवक सिंह ने उन्हें हरा दिया। 2015 के चुनाव में वह दोबारा हथुआ से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरे लेकिन फिर हार गए और तीसरे नंबर पर रहे। 2020 में आखिरकार उन्होंने 30 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की।


2020 के विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में राजेश सिंह ने अपने पास 1.44 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ तीन क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

 

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विधानसभा का इतिहास

हथुआ विधानसभा सीट पर पहली बार 2010 में चुनाव हुए थे, तब जेडीयू ने यहां से जीत दर्ज की थी। 2020 में पहली बार आरजेडी यहां से जीती थी।

2010: रामसेवक सिंह कुशवाहा (जेडीयू)
2015: रामसेवक सिंह कुशवाहा (जेडीयू)
2020: राजेश सिंह कुशवाहा (आरजेडी)


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