हायाघाट विधानसभा सीट दरभंगा जिले के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है। हायाघाट के ठीक नीचे समस्तीपुर जिला है। हायाघाट विधानसभा के कुछ ही दूरी से बागमती नदी बहती है, जो गंगा की एक सहायक नदी है। हायाघाट से दरभंगा शहर की दूरी लगभग 20 किलोमीटर और समस्तीपुर की दूरी लगभग 24 किलोमीटर है। इसके अलावा मधुबनी 57 किलोमीटर और मुजफ्फरपुर लगभग 84 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यह पूरी विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण इलाका है। यहां कोई भी शहरी मतदाता पंजीकृत नहीं है।
यहां लक्ष्मी महादेव मंदिर, पुरम मंदिर, बागेश्वरी माता मंदिर, हायाघाट दुर्गा मंदिर, काली शिव मंदिर, हायाघाट जामा मस्जिद, रजौली मस्जिद प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। हालांकि, हायाघाट में आग भी मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।
यह भी पढ़ें: बरौली विधानसभा: BJP के रामप्रवेश राय का चलेगा जादू या होगा उलटफेर?
मौजूदा समीकरण?
हायाघाट विधानसभा सामान्य श्रेणी की सीट है। यहां 16.82 फीसदी अनुसूचित जाति, 17.3 फीसदी मुस्लिम मतदाता, 12 फीसदी यादव और इसके अलावा अच्छी-खासी तादात में सवर्ण जातियां हैं। यहां 2010 से ही बीजेपी और जेडीयू का कब्जा है। 2010 और 2020 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने अपने नाम किया था, तो वहीं 2015 के चुनाव में आरजेडी के साथ मिलकर लड़ी जेडीयू ने जीता था। आरजेडी हायाघाट से आखिरी बार 2005 में जीती थी, तब से ही लालटेन यहां से एक बार फिर से जलने की कोशिश कर रही है लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। हालांकि, इस बार आरजेडी, एनडीए से मुकाबला करने के लिए मेहनत कर रही है।
2020 में क्या हुआ था?
हायाघाट सीट पर 2020 में बीजेपी के रामचंद्र प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की थी। आरजेडी के भोला यादव दूसरे नंबर पर रहे थे। दोनों के बीच हार का अंतर 10,252 मतों का था। बीजेपी के रामचंद्र प्रसाद ने 46.86 फीसदी वोट पाते हुए 67,030 वोट हासिल किया था, जबकि भोला यादव को 56,778 वोट मिले। वहीं, इस सीट पर पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के अब्दुस सलाम खान को 4,898 वोट मिले थे।
यह भी पढ़ें: आलमनगर विधानसभा: RJD या PK कौन, तोड़ेगा 6 बार से अजेय JDU का तिलिस्म?
विधायक का परिचय
मौजूदा विधायक रामचंद्र प्रसाद सिंह हायाघाट से पहली बार विधायक चुने गए थे। इससे पहले वह राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। सियासत में आने से पहले वे यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे। बाद में नीतीश कुमार ने रामचंद्र प्रसाद को अपना प्रधान सचिव भी बनाया। मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह 'आप सबकी आवाज' के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।
उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बीएम ऑनर्स हिस्ट्री, दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इनरनेशनल रिलेशन में एमए किया है। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास दो करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
हायाघाट विधानसभा की स्थापना साल 1967 में हुई थी और अब तक यहां 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। यह सीट हायाघाट प्रखंड और बहेरी प्रखंड के 18 ग्राम पंचायतों से मिलकर बनी है। हायाघाट, समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
1967- बालेश्वर राम (कांग्रेस)
1969- बालेश्वर राम (कांग्रेस)
1972- बालेश्वर राम (कांग्रेस)
1977- अनिरूद्ध प्रसाद (जनता पार्टी)
1980- मदन मोहन चौधरी (कांग्रेस)
1985- उमाधर प्रसाद सिंह (निर्दलीय)
1990- कफील अहमद कैफी (जनता दल)
1995- हरि नारायण यादव (जनता दल)
2000- उमाधर प्रसाद सिंह (निर्दलीय)
2005- हरि नारायण यादव (आरजेडी)
2005- हरि नारायण यादव (आरजेडी)
2010- अमरनाथ गामी (बीजेपी)
2015- अमरनाथ गामी (जेडीयू)
2020- रामचंद्र प्रसाद सिंह (बीजेपी)