संजय सिंह, पटना: राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी की परेशानी जन सुराज के कारण लगातार बढ़ती ही जा रही है। पार्टी के नेताओं ने कथित रूप से मंत्री द्वारा की गई गड़बड़ी के दस्तावेज भी पेश किए हैं। इस दस्तावेज में पार्टी ने मंत्री की पत्नी पर मानव वैभव विकास ट्रस्ट के नाम पर जमीन खरीदने का आरोप लगाया है। जन सुराज के आरोपों के कारण अशोक चौधरी के खिलाफ पार्टी के इक्के दुक्के नेताओं का बयान भी आने लगा है। जन सुराज ने समस्तीपुर के लोजपा (आर) के सांसद और मंत्री की पुत्री शांभवी चौधरी को भी इस विवाद में घसीटा है। पार्टी का दावा है कि यह गड़बड़ी 2021 और 2022 में की गई है। मंत्री ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि जान बूझकर उनकी छवि को धूमिल करने के लिए यह कोशिश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार मंत्री अशोक चौधरी के पिता भी दिग्गज राजनीतिज्ञ थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में मंत्री की पुत्री शांभवी चौधरी समस्तीपुर से लोजपा (आर) की सांसद बनी। शांभवी की शादी राज्य के चर्चित पुलिस अधिकारी किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल के साथ हुई थी। यह ट्रस्ट शांभवी के ससुराल पक्ष का है। मंत्री अशोक चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। यही कारण है कि उनके राजनीतिक विरोधियों की संख्या कम नहीं है।
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BJP पर भी लगाया था आरोप
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कुछ दिनों पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को भी अल्पसंख्यक कॉलेज हड़पने और फंड को इधर उधर करने के आरोप में निशाने पर ले रखा था। दिलीप जायसवाल ने प्रेस के माध्यम से अपने ऊपर लगे आरोप का जवाब भी दिया था। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी प्रशांत किशोर के निशाने पर रहे हैं। मंगल पांडेय पर दिल्ली में फ्लैट खरीदने का आरोप है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी प्रशांत किशोर के निशाने पर रहे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि महागठबंधन ने पहले प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज को भाजपा का बी टीम बताया था।
अब प्रशांत किशोर भाजपा और जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोलकर यह साबित करना चाहते है कि उनकी पार्टी भाजपा की बी टीम नही है। प्रशांत किशोर ने भाजपा और जेडीयू के उन्हीं नेताओं को निशाने पर रखा है जिनका वजूद पार्टी के भीतर और बाहर है। हाल के दिनों में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की लोकप्रियता पार्टी के भीतर बढ़ी है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उन्हें विशेष तवज्जो दी जाती है। सम्राट चौधरी महागठबंधन के निशाने पर भी रहते हैं। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी से उनकी कई बार बहस हो चुकी है। डिप्टी सीएम का कहना है कि चुनावी मौसम में इस तरह का आरोप लगना सामान्य बात है।
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पीके को दिया लीगल नोटिस
इधर मंत्री अशोक चौधरी का पीछा जन सुराज छोड़ता नजर नहीं आ रहा है। पार्टी के नेताओं ने जमीन खरीद से संबंधित दो डीड 2939 और 4640 भी दिखाए हैं। मंत्री ने प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भी दिया है, लेकिन प्रशांत किशोर का कहना है कि वे इस तरह के नोटिस से डरने वाले नहीं हैं। मंत्री चौधरी का कहना है कि यह साजिश मुझे बदनाम करने के लिए रची गई है। मेरी पत्नी और बेटी की संपत्ति वर्षों से खुले में है। इसका आयकर रिटर्न भी भरा जाता है। जन सुराज के निशाने पर बेतिया के सांसद संजय जायसवाल भी थे, लेकिन उनका मामला फिलहाल ठंडा पड़ता दिख रहा है।