बिहार की करगहर विधानसभा सीट रोहतास जिले में पड़ती है। लोकसभा में सासराम संसदीय सीट का हिस्सा है। सामान्य श्रेणी की इस विधानसभा सीट की पूरी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती हैं। 2008 में परिसीमन के बाद विक्रमगंज विधानसभा को खत्म कर दिया गया। उसकी जगह करगहर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। विधानसभा क्षेत्र की पूरी आबादी ग्रामीण है। यहां कोई शहरी मतदाता नहीं है। ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट, बिजली और सड़क की समस्या है। रोजगार के बड़े साधन नहीं होने से लोगों को अन्य प्रदेशों का रुख करना पड़ता है।
मौजूदा समीकरण
2020 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक करगहर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3,24,906 है। पिछले चुनाव में 59.85 फीसद मतदान हुआ था। विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की हिस्सेदारी अच्छी खासी है। करीब 20.41 फीसद मतदाता अनुसूचित जाति समूह से आते हैं। अनूसूचित जनजाति के वोटर्स की हिस्सेदारी 0.28 प्रतिशत है। अगर मुस्लिम मतदाताओं की बात करें तो वह करीब 6.4 फीसद हैं। 5.3 फीसद पासवान मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की हिस्सेदारी 0.8 फीसद है।
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2020 विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
पिछले विधानसभा चुनाव में करगहर से कुल 20 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था। जेडीयू ने मौजूदा विधायक बशिष्ठ सिंह पर दोबारा दांव खेला। उनके सामने कांग्रेस ने संतोष कुमार मिश्र को उतारा। जनता ने कांग्रेस का साथ दिया। संतोष कुमार मिश्र को कुल 59,763 वोट मिले। बशिष्ठ सिंह के खाते में 55,680 मत आए। संतोष कुमार ने 4,083 मतों के अंतर से जीत हासिल की। बीएसपी प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह 47,321मतों के साथ तीसरे स्थान पर थे। एलजेपी के राकेश कुमार सिंह को 16,988 वोट मिले।
मौजूदा विधायक का परिचय
पिछले चुनाव में जेडीयू के बशिष्ठ सिंह को हराने वाले संतोष कुमार मिश्र ने करगहर सीट पर पहली बार कांग्रेस को जीत दिलाई। 2020 के चुनावी हलफनामे मुताबिक उन्होने स्नातक तक पढ़ाई की है। खेती-किसानी उनका पेशा है। उनकी पत्नी संगीता एचपी गैस ग्रामीण वितरक की मालकिन हैं। विधायक संतोष कुमार मिश्र के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं दर्ज है। अगर संपत्ति की बात करें तो उनके पास 4 करोड़ रुपये से अधिक की प्रॉपर्टी है। 50 लाख रुपये का कर्ज है।
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विधानसभा सीट का इतिहास
करगहर विधानसभा सीट पर पहला चुनाव साल 2010 में हुआ। जेडीयू प्रत्याशी रामधनी सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) उम्मीदवार शिवशंकर सिंह को हराकर पहली बार जीत हासिल की। 2015 में जदयू नेता बशिष्ठ सिंह ने रालोसपा प्रत्याशी बीरेंद्र कुमार सिंह को शिकस्त दी और करगहर विधानसभा सीट के दूसरे विधायक बने। 2020 विधानसभा चुनाव में दो बार की विजेता जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी संतोष कुमार मिश्र ने जीत हासिल की थी।
करगहर विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष |
विजेता |
दल |
2010 |
रामधनी सिंह |
जेडीयू |
2015 |
बशिष्ठ सिंह |
जेडीयू |
2020 |
संतोष कुमार मिश्र |
कांग्रेस |