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मोरवा: JDU के गढ़ में RJD की सेंध, क्या बदलेगा समीकरण?

मोरवा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के रणविजय साहू विधायक हैं। विधानसभा की सियासी समीकरण क्या हैं, मुद्दे क्या हैं, सीट क्यों चर्चा में है? सब जानिए।

Morwa Assembly Elections 2025

मोरवा विधानसभा चुनाव। (Photo Credit: Khabargaon)

मोरवा विधानसभा, बिहार के समस्तीपुर जिले की चर्चित विधानसभाओं में से एक है। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह विधानसभा अस्तित्व में आई थी। यह उजियारपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है। विधानसभा की सीट संख्या 135 है। मोरवा का कुछ हिस्सा, कस्बा इलाके में आता है। यहां से जिला मुख्यालय की दूरी सिर्फ 11 किलोमीटर है। राजधानी पटना की दूरी 90 किलोमीटर की दूरी पर है। 

मोरवा, गंगा के मैदानी हिस्से में बसा है। यहां की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। यहां भी धान, गेंहू और गन्ने की खेती होती है। कुछ स्थानीय उद्योग हैं लेकिन बड़ी संख्या में रोजगार के लिए आबादी पलायन कर चुकी है। यहां खाद्य प्रंसस्करण, बेकरी, तंबाकू और तेल से जुड़े छोटे-छोटे उद्योग हैं। 

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विधानसभा के मुद्दे क्या हैं?

विधानसभा की एक बड़ी आबादी रोजगार के लिए बाहर पलायन कर चुकी है। 70 फीसदी से ज्यादा आबादी कृषि पर आधारित है। यहां शहरी मतदाता नहीं हैं। रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य में भी यह इलाका पिछड़ा है। खराब सड़कों को दुरुस्त कराने की मांग भी उठती है। 

विधानसभा का परिचय

यह ग्रामीण विधानसभा है। शहरी मतदाता नहीं हैं। मोरवा, ताजपुर और पटोरी ब्लॉक को मिलाकर यह विधानसभा तैयार हुई है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां 2,70,457 वोटर थे। यहां की करीब 18 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति से आती है। 

करीब और 12 फीसदी मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,86,442 हो गई। अब यहां करीब 286442 वोटर हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 150769 है, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 135671 है। 2 मतदाता थर्ड जेंडर से हैं। 

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2020 का चुनाव कैसा था?

मोरवा में आरजेडी पहली बार जीती। रणविजय साहू को कुल 59554 वोट पड़े। जेडीयू ने विद्या सागर सिंह निषाद को उतारा था। वह दूसरे नंबर रहे। उन्हें कुल 48988 वोट पड़े थे। उन्होंने 10671 वोटों से विद्या सागर सिंह निषाद को हरा दिया। लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार अभय कुमार सिंह को 23884 वोट पड़े थे। यहां 40 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने वोट ही नहीं किया था। 

2025 में क्या समीकरण बन रहे हैं?

साल 2024 में एनडीए के पक्ष में नतीजे आए। लोकसभा चुनाव में यहां से नित्यानंद राय चुनाव जीते। अब 2025 में एनडीए एक है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) भी एनडीए का हिस्सा है। एनडीए के एक होने से जानकारों का कहना है कि एनडीए मजबूत हुआ है। एनडीए ने अभी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। प्रशांत किशोर भी यहां जोर आजमाइश कर रहे हैं। आरजेडी एक बार फिर यहां से रणविजय साहू को उतार सकती है। 

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विधायक का परिचय

मोरवा के विधायक रणविजय साहू हैं। वह राष्ट्रीय जनता दल के नेता हैं। पहली हार इस सीट से विधायक बने। वह मूल रूप से उजियारपुर के ही रहने वाले हैं। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से साल 1998  में कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई की थी। वह व्यापारी भी है। वह साहू समुदाय से आते हैं। उनकी कुल संपत्ति 2 करोड़ 82 लाख से ज्यादा है। 

मोरवा का चुनावी इतिहास

मोरवा में अब तक सिर्फ 3 विधानसभा चुनाव हुए हैं। साल 2010 और 2015 में JDU ने जीत हासिल की, लेकिन 2020 में RJD ने बाजी मारी। 2020 में बाजी पलटने की एक वजह यह भी रही क्योंकि एनडीए से  लोक जनशक्ति पार्टी ने यहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया था। आइए इस सीट का इतिहास जानते हैं-

  • विधानसभा चुनाव 2010: बैद्यनाथ साहनी, जेडीयू
  • विधानसभा चुनाव 2015: विद्या सागर निषाद, जेडीयू
  • विधानसभा चुनाव 2020: रणविजय साहू, आरजेडी

 

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