पूर्वी चंपारण की नरकटिया विधानसभा। पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से यह शहर बेहद समृद्ध रहा है। मान्यता है कि यहां राजा उत्तानपाद के पुत्र भक्त ध्रुव ने तपोवन नाम की जगह ज्ञान प्राप्ति के लिए कड़ी तपस्या की थी। भारत के स्वंत्रता आंदोलन में यहां के नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है। मान्यता है कि राजा जनक के शासन काल में यह तिरहुत साम्राज्य का अंग था। इसी ऐतिहासिक जिले का अहम हिस्सा नरकटिया भी है।
नरकटिया विधानसभा की सीट संख्या 12 है। नरकटिया बिहार की सबसे पिछड़ी विधानसभाओं में से एक है। यहां भी पलायन एक बड़ी समस्या है। बारिश के दिनों में बाढ़ भी यहां के लोगों की मुश्किलें बढ़ाती है।
नरकटिया विधानसभा सीट पर मिश्रित आबादी है। यह अल्पसंख्यक बाहुल सीट है, यहां करीब 26 प्रतिशत मतदाता मुस्लिम हैं। यहां की आबादी करीब 100 फीसदी तक ग्रामीण है। यहां स्वास्थ्य और शिक्षा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। मॉनसून के दिनों में बाढ़ से भी लोग परेशान होते हैं।
यह भी पढे़ं: सुगौली विधानसभा: 3 बार जीत की हैट्रिक लगा चुकी BJP, RJD को टक्कर देगी?
सीट का इतिहास
नरकटिया विधानसभा सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। पहली बार चुनाव साल 2010 में हुए। बंजरिया छौड़ादानो और बनकटवा ब्लॉक को जोड़कर यह विधानसभा तैयार की गई। विधानसभा सीट की संख्या 12 है। यह विधानसभा पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है।
विधायक की प्रोफाइल
शमीम अहमद का जन्म 6 जनवरी 1972 को खैरवा गांव में हुआ था। पूर्वी चंपारण इनकी कर्मभूमी रही है। वह पेशे से चिकित्सक रहे हैं। उन्होंने बाबा साहब भीम राव आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएएमएस की पढ़ाई की है। मुंशी कॉलेज, मोतिहारी से उन्होंने विज्ञान में स्नातक किया है। साल 2020 के हलफनामे के मुताबिक उन पर 62 लाख रुपये का कर्ज है। उनकी चल संपत्ति करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपये की है, वहीं अचल संपत्ति 3 करोड़ 20 लाख रुपये के आसपास है।
यह भी पढ़ें: वाल्मीकि नगर विधानसभा: धीरेंद्र सिंह का जलवा कायम रहेगा या होगा बदलाव?
कैसे रहे हैं इस विधानसभा सीट पर चुनाव?
- विधानसभा चुनाव 2020: राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी शमीम अहमद ने इस सीट से जीत हासिल की थी। उन्हें कुल 85,562 वोट पड़े थे। 48% वोट के साथ वह पहले नंबर पर रहे। दूसरे नंबर पर जेडीयू उम्मीदवार श्याम बिहारी प्रसाद रहे। उन्हें कुल 57,771 वोट पड़े। तीसरे नंबर पर लोक जन शक्ति पार्टी के सोनू कुमार रहे। उन्हें 20,494 वोट पड़े। चौथे नंबर पर निर्दलीय सुरेश प्रसाद यादव रहे। उन्हें कुल 6149 वोट पड़े थे।
- विधानसभा चुनाव 2015: राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी शमीम अहमद ने जीत हासिल की। उन्हें कुल 75118 वोट पड़े। दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता संत सिंह कुशवाहा रहे। उन्हें कुल 55136 वोट पड़े। निर्दलीय सोनू कुमार 12890 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हे।
- विधानसभा चुनाव 2010: जेडीयू उम्मीदवार श्याम बिहारी प्रसाद ने जीत हासिल की। उन्हें कुल 31549 वोट पड़े। लोक जनशक्ति पार्टी के यासमीन सबीर अली को कुल 23861 वोट पड़े। कांग्रेस के सोनू कुमार को 13813 वोट पड़े। शशि भूषण सिंह तब निर्दलीय चुनाव लड़े थे, उन्हें कुल 10794 वोट हासिल हुए थे।
मौजूदा समीकरण कैसे हैं?
राष्ट्रीय जनता दल की यह सीट गढ़ बन गई है। साल 2015 और 2020 के चुनावों में आरजेडी ने लगातार 2 बार जीत हासिल की। साल 2010 इस में सीट पर जेडीयू उम्मीदवार श्याम बिहारी प्रसाद ने जीत हासिल की थी। डॉ. शमीम अहमद पूर्वी चंपारण के चर्चित नेताओं में शुमार हैं। पार्टी एक बार फिर उन पर भरोसा जता सकती है। वहीं एनडीए गठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। श्याम बिहारी प्रसाद एनडीए के चर्चित नेता रहे हैं। हो सकता है एक बार फिर यह सीट जेडीयू के खाते में ही जाए।
यह भी पढ़ें: 1980 से 1990 तक: जब 10 साल में बिहार को मिले 8 मुख्यमंत्री
नरकटिया विधानसभा सीट पर अब तक हुए चुनाव
- 2010- श्याम बिहारी प्रसाद (जेडीयू)
- 2015- शमीम अहमद (आरजेडी)
- 2020- शमीम अहमद (आरजेडी)