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नई दिल्ली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, अबकी बार किसकी बनेगी सरकार?

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। क्या इस बार भी अरविंद केजरीवाल की होगी जीत या कांग्रेस और भाजपा में से कोई लहराएगा जीत का परचम?

New Delhi Vidhansabha Seat

नई दिल्ली विधानसभा, Photo Credit: Khabargaon

भारत सरकार के तीन मुख्य स्तंभ-न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद तीनों नई दिल्ली में स्थित हैं। देश की राजधानी नई दिल्ली, दिल्ली NCT का हिस्सा होने के साथ-साथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भी है। 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी एक हिस्सा है। इस निर्वाचन क्षेत्र का निर्माण 2008 में परिसीमन में हुआ था। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम के साथ-साथ वोटर-सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया गया था। 

 

नई दिल्ली विधानसभा सीट दिल्ली की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है जहां 2015 से आम आदमी पार्टी सत्ता पर काबिज है। इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे यह जनता को ही तय करना है। बात करें 2020 के नई दिल्ली विधानसभा चुनाव की तो इस सीट पर 61.10 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। AAP पार्टी से अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी के सुनील यादव को 21697 वोटों के मार्जिन से हराया था। 

नई दिल्ली की समस्याएं 

दिल्ली में पानी की किल्लत हर साल सुनने को मिलती है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब पर निर्भर दिल्ली के पास अपना कोई बड़ा पानी का स्रोत नहीं है। यमुना दिल्ली का मुख्य जल स्रोत होने के बावजूद पानी पीने योग्य नहीं है क्योंकि ये हद से ज्यादा प्रदूषित है। दिल्ली का भूजल स्तर भी काफी नीचे जा चुका है। जल समस्या के अलावा दिल्ली वासियों के लिए सबसे बड़ी चिंता वायु प्रदूषण भी बना हुआ है। वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन और पराली के धुएं की वजह से दिल्ली हद से ज्यादा प्रदूषित होती जा रही है। इसके अलावा दिल्ली में कई इलाकों में गंदे पानी की समस्या भी बनी हुई है। जल प्रदूषण की वजह से नदियां, झीलें, और दूसरे जल स्रोत गंदे हो चुके हैं जिससे झुग्गी झोपड़ी में रहे लोगों को साफ पानी पीने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। 

 

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2020 में क्या हुआ था?

2020 विधानसभा चुनाव परिणाम में AAP के अरविंद केजरीवाल को 46,758 वोट मिले थे। भाजपा के सुनील कुमार यादव को 25,061 वोट मिले और कांग्रेस के रोमेश सभरवाल को 3,220 वोट मिले थे। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से नई दिल्ली सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। उनके एक बार फिर से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यह सीट राजधानी की सबसे हाई-प्रोफाइल सीट बन गई है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस से संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा की ओर से पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा इस सीट से चुनाव लड़ेंगे।

 

दिल्ली विधानसभा का इतिहास

भारत की सत्ता के केंद्र में स्थित नई दिल्ली विधानसभा सीट के अंदर इंडिया गेट, खान मार्केट, सरोजनी नगर, मंडी हाउस, लुटिंयंस जोन, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन आदि आते हैं। दिल्ली में 37 साल तक कभी विधानसभा चुनाव नहीं हुए। 1956 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के साथ सदन को समाप्त कर दिया गया था। विधानसभा रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव 27 मार्च, 1952 में हुआ था। 1993 तक कभी भी दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं हुए। 

 

नई दिल्ली की जातीय-धार्मिक समीकरण क्या?

 2011 तक, नई दिल्ली नगर परिषद क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 249,998 थी। नई दिल्ली की 89.8% आबादी हिंदू धर्म के है। यहां मुस्लिम (4.5%), ईसाई (2.9%), सिख (2.0%), जैन (0.4%) समुदाय हैं। अन्य धार्मिक समूहों में पारसी, बौद्ध और यहूदी भी शामिल हैं। 

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