बिहार की नोखा विधानसभा सीट रोहतास जिले का हिस्सा है। विधानसभा क्षेत्र में कैमूर की पहाड़ियां पड़ती हैं। सोन नदी के किनारे होने के कारण मिट्टी काफी उपजाऊ है। मुख्यत: धान की खेती होती है। 2011 की जनगणना के मुताबिक विधानसभा सीट की कुल आबादी करीब 1.98 लाख है। नोखा के लोग लंबे समय से बाईपास की मांग उठा रहे हैं। मगर अभी तक सफलता नहीं मिली है। बंद राइस मिलें चलाने की मांग भी कई बार उठी। रोजगार के अन्य साधन न होने से विधानसभा क्षेत्र के लोगों को अन्य प्रदेश जाना पड़ता है, ताकि परिवार का गुजर बसर किया जा सके। विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण है।
यह भी पढ़ें: करगहर विधानसभा: क्या कांग्रेस से JDU छीन पाएगी अपनी 2 बार की जीती सीट?
मौजूदा समीकरण
2020 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक नोखा विधानसभा सीट पर कुल 2,84,600 मतदाता हैं। मौजूदा समीकरण की बात करें तो नोखा में 22 फीसद अनुसूचित जाति के वोटर्स की हिस्सेदारी है। वहीं 10.7% फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी 1.2 फीसद है। विधानसभा क्षेत्र में भूमिहारों का दबदबा माना जाता है। इनकी हिस्सेदारी करीब 25 फीसद है। विधानसभा क्षेत्र की करीब 86.81% फीसदी आबादी गांवों में रहती है। लगभग 13.19 फीसद आबादी शहरी है।
2020 चुनाव का रिजल्ट
पिछले चुनाव में कुल 15 प्रत्याशी मैदान में थे। आरजेडी ने मौजूदा विधायक अनीता देवी को दोबारा प्रत्याशी बनाया। उनके सामने जेडीयू ने नागेंद्र चंद्रवंशी को उतारा। अनीता को दूसरी बार जनता का साथ मिला। उनके हिस्से कुल 65,690 वोट आए। नागेंद्र को कुल 48,018 मत मिले। हार-जीत का अंतर 17,672 मतों से तय हुआ। इन दोनों उम्मीदवारों के अलावा कोई अन्य प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया।
मौजूदा विधायक का परिचय
नोखा से मौजूदा विधायक अनीता देवी बिहार की महागठबंधन सरकार में दो बार मंत्री रह चुकी हैं। पहली बार साल 2015 में पर्यटन मंत्री और 2022 में दूसरी बार पिछड़ा वर्ग व अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया। अनीता का संबंध एक सियासी खानदान है। उनके पति आनंद मोहन चौधरी भी मंत्री रह चुके थे। ससुर जंगी सिंह चौधरी भी मंत्रालय संभाल चुके हैं।
आनंद मोहन के निधन के बाद 2015 में आरजेडी ने अनीता को टिकट दिया। उस वक्त अनीता सरकारी शिक्षक थी। नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ीं और सात साल में दो बार मंत्री बन गई। 2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक अनीता देवी ने 1991 में बिहार बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास की। उनके पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और 12 लाख रुपये की देनदारी है। उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज है।
यह भी पढ़ें: दिनारा विधानसभा: क्या दोबारा जीतेगी RJD या JDU करेगी खेला?
विधानसभा सीट का इतिहास
नोखा विधानसभा में अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं। कांग्रेस सबसे अधिक छह बार जीती। 2000 से 2010 तक बीजेपी ने लगातार चार बार जीत का परचम लहराया। जनता पार्टी ने तीन बार जीत हासिल की। जनता दल और आरजेडी को दो-दो बार जनता ने मौका दिया। नोखा विधानसभा सीट पर अभी तक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू कभी नहीं जीती है। नोखा से सबसे ज्यादा चार बार रामेश्वर चौरसिया विधायक रहे। गुथुली सिंह, जगदीश ओझा, जंगी सिंह चौधरी और अनीता देवी ने दो-दो बार विधानसभा चुनाव जीता।
नोखा विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष |
विजेता |
दल |
1952 |
रघुनाथ प्रसाद साह |
कांग्रेस |
1957 |
जगदीश प्रसाद |
कांग्रेस |
1962 |
गुथुली सिंह |
कांग्रेस |
1967 |
गुथुली सिंह |
कांग्रेस |
1969 |
जगदीश ओझा |
जनता पार्टी |
1972 |
जगदीश ओझा |
कांग्रेस |
1977 |
गोपाल नारायण सिंह |
जनता पार्टी |
1980 |
जंगी सिंह चौधरी |
जनता पार्टी |
1985 |
सुमित्रा देवी |
कांग्रेस |
1990 |
जंगी सिंह चौधरी |
जनता दल |
1995 |
आनंद मोहन सिंह |
जनता दल |
2000 |
रामेश्वर चौरसिया |
बीजेपी |
2005 (फरवरी) |
रामेश्वर चौरसिया |
बीजेपी |
2005 (नवंबर) |
रामेश्वर चौरसिया |
बीजेपी |
2010 |
रामेश्वर चौरसिया |
बीजेपी |
2015 |
अनीता देवी |
आरजेडी |
2020 |
अनीता देवी |
आरजेडी |