सरायरंजन विधानसभा: विजय कुमार चौधरी को RJD दे पाएगी टेंशन?
सरायरंजन विधानसभा सीट से जेडीयू के विजय कुमार चौधरी विधायक हैं। विधानसभा में इस बार क्या समीकरण बन रहे हैं, कौन-कौन दावेदार है, इतिहास क्या रहा है, सब जानिए।

सरायरंजन विधानसभा। (Photo Credit: Khabargaon)
सरायरंजन विधानसभा, बिहार के समस्तीपुर जिले के अतंर्गत आती है। विधानसभा की सीट संक्या 136 है। यह विधानसभा सरायरंजन और विद्यापति ब्लॉक को मिलकर बनी है। लोकसभा क्षेत्र उजियारपुर है। सरायरंजन जनता दल यूनाइटे की गढ़ बन गई है। यहां से विजय कुमार चौधरी लगातार 3 बार से चुनाव जीत रहे हैं। यह विधानसभा साल 1967 में अस्तित्व में आई थी।
यहां की ज्यादातर आबादी किसान है। आजीविका के लिए लोग कृषि पर निर्भर हैं। यहां धान और गेहूं जैसी फसलें ज्यादा होती हैं। कुछ जगहों पर डेयरी उद्योग है। यहां की बड़ी आबादी पलायन कर चुकी है, रोजगार के लिए शहरों पर निर्भर है।
सरायरंजन पूरी तरह से ग्रामीण विधानसभा है। यहां से 13 किलोमीटर की दूरी पर समस्तीपुर जिला है। यहां से विद्यापति नगर 10 किलोमीटर दूर है, दलसिंहसराय भी 15 किलोमीटर की दूरी पर है। राजधानी पटना 73 किलोमीटर की दूरी पर है। यह बूढ़ी गंडक नदी का मैदानी इलाका है।
यह भी पढ़ें: बेलहर विधानसभा: क्या अबकी RJD तोड़ पाएगी JDU का दबदबा?
विधानसभा का परिचय
सरायरंजन विधानसभा में कुल 282825 वोटर हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 149483 है, वहीं 133339 महिला मतदाता हैं। यह विधानसभा समाजवादी पार्टियों का गढ़ रही है। बीते 3 चुनाव से जेडीयू को यहां लगातार कामयाबी मिल रही है।
विधानसभा के मुद्दे क्या हैं?
सरायरंजन विधानसभा बड़े उद्योग नहीं हैं, खेती-किसानी पर लोग निर्भर हैं। कमाई के लिए बाहर एक बड़ी आबादी रहती है। पलायन, रोजगार, खराब स्कूल, अस्पताल बड़े चुनावी मुद्दे हैं।
समाजिक तानाबाना
यहां का सामाजिक समीकरण मिला-जुला है। अनुसूचित जाति की आबादी करीब 19 फीसदी है। 10 फीसदी आबादी मुस्लिम है। ज्यादातर लोग किसान हैं। पलायन के लिए बाहरी कमाई पर निर्भर हैं। कुर्मी और कोइरी समुदाय भी अहम भूमिका निभाता है।
यह भी पढ़ें: बनमनखी विधानसभा: विपक्ष के सामने BJP के दबदबे को तोड़ने की चुनौती
2020 का चुनाव कैसा था?
2020 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जेडीयू की जीत हुई थी। यहां साल 2020 में मतदान प्रतिशत 60.91% रहा है। जेडीयू की ओर से विजय कुमार चौधरी चुनाव लड़े। 72666 वोट उन्हें पड़े थे। आरजेडी के अरविंद कुमार सहनी दूसरे नंबर थे, उन्हें कुल 69,042 वोट पड़े। लोक जनशक्ति पार्टी को कुल 11224 वोट पड़े।
विधायक का परिचय
यहां से विजय कुमार चौधरी विधायक हैं। वह बिहार सरकार में जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग मंत्री है। उनकी गिनती बिहार की दिग्गज हस्तियों में होती है। वह सियासी तौर पर बेहद सक्रिय हैं। वह बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह जेडीयू के विधायक दल के नेता भी रहे हैं। उनके पास वित्त, शिक्षा, निर्माण, परिवहन और ग्रामीण विकास विभाग रहे हैं। कृषि, पशुपालन और मत्स्य संसाधन जैसे मंत्रालय रहे हैं।
जेडीयू में वह प्रभावशाली नेता हैं। वह नीतीश कुमार के करीबी नेता हैं। विजय कुमार चौधरी भूमिहार समुदाय से आते हैं। इस समुदाय की बिहार में मजबूत पकड़ है।
यह भी पढ़ें: लखीसराय विधानसभा: डिप्टी CM विजय कुमार के गढ़ में क्या हैं समीकरण?
विजय कुमार चौधरी के पिता जगदीश प्रसाद चौधरी स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। वह कांग्रेस से विधायक भी रहे हैं। विजय कुमार चौधरी पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए हैं। उन्होंने कई साल सरकारी नौकरी भी की। साल 1982 में जब पिता का निधन हुआ तब राजनीति में आए। कांग्रेस के टिकट पर वह दलसिंहसराय से उपचुनाव में जीत गए।
साल 2005 में जेडीयू में शामिल हुए और 2010 में सरायरंजन से विधायक चुने गए। जल संसाधन मंत्री के तौर पर उन्होंने 2014 में दुर्गावती जलाशय परियोजना पूरी की थी। उन्होंने आठ नदी-जोड़ो परियोजनाएं शुरू कीं। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने नियमों में 44 संशोधन किए। उनकी छवि ईमानदार नेता की रही है। उन्होंने अपनी कुल आय 2 करोड़ से ज्यादा दिखाई है।
यह भी पढ़ें: कटोरिया: यहां RJD और BJP में कांटे की टक्कर, अबकी कौन मारेगा बाजी?
2025 में क्या समीकरण बन रहे हैं?
सरायरंजन में जेडीयू और आरजेडी दोनों जोर आजमाइश कर रही हैं। आरजेडी को यहां से 3 बार जीत मिली है लेकिन अब एनडीए को लोग पसंद कर हे हैं। एनडीए में यह सीट एक बार फिर जेडीयू के खाते में जाती नजर आ रही है। इस बार चिराग पासवान भी एनडीए के साथ हैं तो एनडीए के और मजबूत होने के आसार हैं।
सीट का इतिहास
यह विधानसभा साल 1967 में अस्तित्व में आई थी। यहां अब तक 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं। यहां कई राजनीतिक पार्टी की जीत हुई है लेकिन वामदलों को कभी जीत नहीं मिली। यहां जेडीयू और आरजेडी को 3-3 बार जीत मिली है। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार जीत हासिल की। कांग्रेस और भारतीय जनसंघ को एक-एक बार जीत मिली।
- विधानसभा चुनाव 1967: रामविलास मिश्रा, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
- विधानसभा चुनाव 1969: चन्द्रेश्वर प्रसाद, भारतीय जनसंघ
- विधानसभा चुनाव 1972: यशोदानंद सिंह, जनता पार्टी
- विधानसभा चुनाव 1977: यशोदानंद सिंह, जनता पार्टी
- विधानसभा चुनाव 1980: रामविलास मिश्रा, जनता पार्टी (सेक्युलर)
- विधानसभा चुनाव 1985: रामाश्रय ईश्वर, कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव 1990: रामविलास मिश्रा, जनता दल
- विधानसभा चुनाव 1995: रामाश्रय साहनी, जनता दल
- विधानसभा चुनाव 2000: रामाश्रय साहनी, जनता दल
- विधानसभा चुनाव (फरवरी) 2005: रामचन्द्र सिंह निषाद,आरजेडी
- विधानसभा चुनाव (अक्टूबर) 2005: रामचन्द्र सिंह निषाद,आरजेडी
- विधानसभा चुनाव 2010: विजय कुमार चौधरी, जेडीयू
- विधानसभा चुनाव 2015: विजय कुमार चौधरी, जेडीयू
- विधानसभा चुनाव 2020: विजय कुमार चौधरी, जेडीयू
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap