संजय सिंह, पटना: तारापुर विधानसभा सीट पर 2010 से जेडीयू का लगातार दबदबा रहा है। इस सीट पर 15 साल से आरजेडी जीत नहीं पाई है। वर्ष 2021 के पिछले उप चुनाव में यहां जेडीयू ने जीत हासिल की थी। 2025 के चुनाव मे (एनडीए) बीजेपी के खाते में यह सीट आई है। बीजेपी ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर कुशवाहा समुदाय के मतदाताओं की भूमिका निर्णायक मानी जाती है। इस विधानसभा को लेकर लोगों में चर्चा है कि क्या इस बार इस सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार एनडीए को पराजित कर जीत दिला पाएंगे या फिर यह सीट एनडीए के खाते में जाएगा।
तारापुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 3.10 लाख मतदाता हैं। इस सीट पर कुशवाहा (कोयरी) समुदाय का दबदबा माना जाता है। यहां अनुसूचित जाति के 15.1 और 6.8 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। तारापुर में शकुनी चौधरी का सियासी दबदबा जगजाहिर है। वह यहां से छह बार विधायक रह चुके हैं। उनकी पत्नी ने भी एक बार जीत हासिल की। 2015 के विधानसभा चुनाव में हार के ठीक चार साल बाद 2019 में शकुनी चौधरी ने सियासत से संन्यास ले लिया। उनके बेटे सम्राट चौधरी बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी के बड़े नेता हैं।
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मौजूदा समीकरण
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 25 प्रत्याशी मैदान में थे। आरजेडी ने पार्टी के कद्दावर नेता जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री दिव्या प्रकाश को टिकट दिया था। जेडीयू ने मेवालाल चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया। मेवालाल को कुल 64,468 वोट मिले। वहीं दिव्या प्रकाश को 57,243 मत मिले। जेडीयू प्रत्याशी ने 7,225 मतों के अंतर से चुनाव जीता। एलजेपी प्रत्याशी मीना देवी को 11,264 वोट मिले थे। 2021 में विधायक मेवालाल का अचानक निधन हो गया। इसके बाद तारापुर के उप चुनाव में जेडीयू ने राजीव कुमार सिंह को मैदान में उतारा था, जबकि आरजेडी ने अरुण कुमार साह को उम्मीदवार बनाया था।
राजीव को कुल 79,090 मत मिले थे। अरुण साह के खाते में 75,238 वोट आए थे। इस बार के चुनाव में कुशवाहा समाज के कद्दावर बीजेपी नेता सह उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एनडीए खुद मैदान में हैं। जबकि महागठबंधन सीट शेयरिंग में उलझकर अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाया है। इस बार इस विधानसभा से महागठबंधन का कौन उम्मीदवार होगा इस पर भी यहां के मतदाता नजर गड़ाए हुए हैं।
विधानसभा सीट का इतिहास
तारापुर सीट से कांग्रेस कुल पांच बार जीती है। आरजेडी को शकुनी चौधरी तीन बार जीता चुके हैं। समता पार्टी दो बार, जेडीयू ने चार बार जीत का परचम लहराया। सीपीआई, जनता पार्टी, शोषित पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को एक-एक बार जीत मिली। तारापुर विधानसभा सीट पर शकुनी चौधरी का दबदबा रहा है। वह यहां से छह बार विधायक बने।
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बासुकीनाथ राय और तारिणी प्रसाद सिंह ने दो-दो बार जीत हासिल की। मेवालाल चौधरी दो बार और उनकी पत्नी नीता चौधरी एक बार विधायक बनीं। जय मंगल सिंह, विजय नारायण प्रशांत, कौशल्या देवी और नारायण यादव ने भी एक एक बार जीत हासिल की थी। जबकि राजीव कुमार सिंह यहां से एक बार जीत हासिल किया हैं।