संजय सिंह, पटना: लालू परिवार में पारिवारिक कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। तेजप्रताप समय रहते कटाक्ष करने से नहीं चूकते हैं। महागठबंधन के विरोधी तेजप्रताप की बातों को हवा देने में लगे हुए हैं। विरोधियों का मानना है कि चुनाव नजदीक आने के बाद इनका रवैया और आक्रामक हो सकता है। जानकारों का मानना है कि लालू और राबड़ी के घर छह पुत्रियों के आने के बाद सातवें संतान के रुप में पुत्र तेजप्रताप का जन्म हुआ था।
बचपन से ही परिवार का पूरा लाड़ प्यार मिला, लेकिन जब प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया तो पिता लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस नाराजगी को तेज प्रताप पचा नहीं पा रहे हैं। समय समय पर उनका आक्रोश सामने दिखता है। वे लगातार कहते भी हैं कि कुछ जयचंदों के कारण उन्हें परिवार से दूर होना पड़ा। वे उस वक्त का इंतजार कर रहे हैं, जब वे जयचंदों की पोल-पट्टी खोल सकें।
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राजनीति में सक्रिय हैं तेज प्रताप
हाल की नाराजगी तेज प्रताप ने जहानाबाद के घोषी में जताई। उनके सामने ही एक युवक ने नारा लगाया कि अबकी बार तेजस्वी सरकार। इस नारे से वे नाराज हो गए। उन्होंने उस युवक को समझाया कि फालतू बात मत करो। फिर अपने छोटे भाई तेजस्वी का बिना नाम लिए बोले जो अपनों का नहीं हुआ वह जनता का क्या होगा। यह सुनकर पूरी भीड़ अवाक् रह गई। घर और पार्टी से बाहर निकाले जाने के वावजूद वे राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हैं। समय-समय पर परिवार के प्रति उनका गुस्सा दिख जाता है।
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टोपी का रंग बदला
मालूम हो कि पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप ने अपनी टोपी का रंग बदल दिया है। उन्होंने दो जगह से उम्मीदवार भी देने की घोषणा कर दी है। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र को लेकर उनकी बेबाक टिप्पणी जगजाहिर है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि यदि तेज प्रताप इसी तरह आग उगलते रहे तो आगामी विधानसभा चुनाव में आरजेडी को नुकसान हो सकता है।