अशोक चौधरी और सम्राट चौधरी से प्रशांत किशोर का पंगा क्या है?
प्रशांत किशोर अपनी जनसभाओं में दो नेताओं की जमकर आलोचना कर रहे हैं। पहले नेता हैं अशोक चौधरी, दूसरे हैं सम्राट चौधरी। प्रशांत किशोर ऐसा क्यों कर रहे हैं, क्या है उनका एजेंडा, विस्तार से समझते हैं।

सम्राट चौधरी, अशोक चौधरी और प्रशातं किशोर। (AI Image, Photo Credit: Sora)
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के निशाने पर इन दिनों दो नेता हैं। एक अशोक चौधरी और दूसरे सम्राट चौधरी। दोनों बिहार सरकार में अहम पदों पर हैं। अशोक चौधरी बिहार सरकार में बड़े ओहदे पर हैं। वह जनता दल (यूनाइटेड) के चर्चित नेता हैं। उनके पास ग्रामीण कार्य विभाग है। नीतीश कुमार के करीबियों में उनकी गिनती होती है। दूसरे नेता हैं, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी। वह राज्य में भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं।
भारतीय जनता पार्टी, सम्राट चौधरी में बिहार का भविष्य देख रही है। अशोक चौधरी भी सरकार में अहम पद पर हैं, बिहार के लोकप्रिय नेताओं में गिनती होती है। दोनों नेताओं पर प्रशांत किशोर भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा के संगीन आरोप लगा रहे हैं। अशोक चौधरी ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर उन पर लगे आरोप सच होते हैं तो वह प्रशांत किशोर की गुलामी कर लेंगे।
प्रशांत किशोर, बिहार में सधी हुई राजनीतिक चाल चल रहे हैं। तेजस्वी यादव को नौवीं फेल कहते हैं, उनकी डिग्रियों पर खिल्ली उड़ाते हैं, उनसे बेहतर नीतीश कुमार को बताते हैं। अब उन्होंने तेजस्वी यादव से अपना ध्यान हटाकर एनडीए खेमे के दोनों नेताओं की ओर अपना रुख किया है। दोनों नेता, बिहार की सियासत में मजबूत पकड़ रखते हैं। सम्राट चौधरी को वह अपराधी तक बता चुके हैं।
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आखिर प्रशांत किशोर का सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी से पंगा क्या है, यह महज एक राजनीतिक बयानबाजी से कहीं ज्यादा है, हंगामे और झगड़े की पूरी कहानी क्या है, आइए जानते हैं-
अशोक चौधरी से प्रशांत किशोर का पंगा क्या है?
प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर अवैध तरीके से संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अशोक चौधरी की पत्नी नीता चौधरी धोधाधड़ी के केस में आरोपी हैं। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया है कि 2 साल में 200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अशोक चौधरी ने बना दिया है। उन्होंने पैसे देकर शांभवी चौधरी को लोकसभा में टिकट दिलाया है। जनसुराज पार्टी के नेता किशोर कुमार मुन्ना ने भी कहा है कि नीता चौधरी ने साल 2021 और 2022 में दिलीप मित्तल और राकेश अग्रवाल नाम के बिल्डरों से 7 करोड़ में दो संपत्तियां खरीदी थीं. एक में अपनी पहचान में पति का नाम अशोक चौधरी दिया, दूसरे में पति का नाम छिपाया और पिता का नाम दिया।
शांभवी चौधरी पर उनका दावा है कि किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल से शांभवी की शादी कराई। मानव वैभव विकास ट्रस्ट ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की जमीन 47 करोड़ रुपये में खरीदी गई। ये जमीनें पटना के पॉश इलाकों में कृष्णपुरी, रूपसुरा और पाटलिपुत्र में खरीदी गईं। यह भी आरोप लगाए गए हैं कि अशोक चौधरी ने साल 2019 में योगेंद्र दत्त से भी संपत्ति की खरीद कराई थी। वह उनके पीए थे। 2021 में बेटी शांभवी के नाम पर जमीन का ट्रासफर कराया था। शांभवी तब पढ़ाई कर रहीं थीं। 27 अप्रैल 2025 को अशोक चौधरी ने योगंद्र दत्त के एकाउंट में जबरन 25 लाख रुपये भेज दिए। इससे ठीक पहले अशोक चौधरी को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा था।
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क्या चाहते हैं प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार सरकार से मांग की है कि जैसे नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार सामने आने के बाद 6 मंत्रियों का इस्तीफा मांगा था और तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांग लिया था, ठीक वैसे ही अशोक चौधरी से इस्तीफा ले लें।
अशोक चौधरी ने क्या कहा है?
असली वजह क्या है?
प्रशांत किशोर जन सुराज पार्ट का विस्तार कर रहे हैं। वह बिहार में एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन की लड़ाई में तीसरे मोर्चे के तौर पर पेश कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि अब जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी और कांग्रेस जैसे क्षेत्रीय दलों से अलग बिहार की जनता, विकास के लिए जन सुराज पार्टी को चुने। जानकारों का कहना है कि एक वजह यह भी है कि अशोक चौधरी, अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह पासवान-दुसाध समुदाय से आते हैं। बिहार में दुसाध समुदाय से आते हैं। इस जाति की आबादी बिहार में 5 फीसदी है, 40 से ज्यादा सीटों पर असर है। अशोक चौधरी की पकड़ दूसरे अनुसूचित वर्गों पर भी है। प्रशांत किशोर, इसी समुदाय के दूसरे नेताओं को अपनी पार्टी से उतारना चाह रहे हैं।
सम्राट चौधरी से प्रशांत किशोर का पंगा क्या है?
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर आरोप लगाया है कि वह हत्या के आरोपी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है, 'सम्राट चौधरी, बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं। भाई साहब नाम बदलने के विशेषज्ञ हैं। इनका नाम राकेश कुमार। बाद में हुआ राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी। इनका असली नाम सम्राट कुमार मौर्य। यह उनका पहला नाम है। 1998 में इन पर एक हत्या का आरोप लगा। सदानंद सिंह, कांग्रेस के बड़े नेता थे, इनके परिवार के राजनीतिक विरोधी थे, उनको बम से मारकर उनकी हत्या कर दी गई। लोग बताते हैं कि इस हत्याकांड में 6 लोगों की मौत हुई। उस केस में आज के सम्राट चौधरी और तब के सम्राट कुमार मौर्य, आरोपी थे। बकायदा जेल गए। 6 महीने के बाद जेल से निकले। नाबालिग होने के नाम पर इन्हें जेल से निकाला गया।'
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प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया है, 'उस केस की याचिका में सुप्रीम कोर्ट में लिखकर दिया गया है, इन्होंने जब मैट्रिक की परीक्षा दी सम्राट कुमार मौर्य के नाम से, सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में यह लिखा गया, सम्राट कुमार मौर्य उस समय के, उन्होंने अपना नाम, रोल नंबर, सब लिखा, जो सुप्रीम कोर्ट के दस्तावेज में है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से इनकी उम्र और सर्टिफिकेट के बारे में पूछा गया तो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कहा कि इनका कुल 234 नंबर आया था, यह मैट्रिक परीक्षा फेल हो गए थे। यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में है। 1998 में जो सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया गया है, उस केस के निर्धारण में जिसकी भूमिका है, सम्राट कुमार मौर्य, मैट्रिक की परीक्षा पास नहीं कर पाए, उन्हें फेल कर दिया गया। 2010 में सम्राट चौधरी ने जो अपना हलफनामा दिया, उसमें लिखा कि मैं सातवीं पास हूं।'
इन आरोपों पर सम्राट चौधरी ने क्या कहा है?
सम्राट चौधरी ने कहा, 'ये सारे आरोप बेबुनियाद और पुराने हैं। मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगे हैं, वे सार्वजनिक हैं और मैंने अपने जीवन में इनका बार-बार जवाब दिया है। विधानसभा में भी इस पर चर्चा हो चुकी है। 1995 में लालू प्रसाद यादव की सरकार ने मेरे परिवार के 22 लोगों को झूठे हिंसा के मामले में जेल भेजा था। मेरा घर तोड़ा गया, मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार पर जुर्माना लगाया और लालू ने माफी मांगी थी। मेरी शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी पहले स्पष्टीकरण दिया जा चुका है। 2010 के हलफनामे में सब कुछ साफ है। ये आरोप बिहार चुनाव से पहले एनडीए को कमजोर करने की साजिश हैं। मैंने जो झेला है, वह सबके सामने है।'
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सम्राट चौधरी पर हमला बोलने से क्या होगा?
सम्राट चौधरी, बीजेपी के प्रमुख चेहरे हैं। प्रशांत किशोर का विरोध व्यक्तिगत नहीं, राजनीतिक है। वह अपनी पार्टी की साफ-सुथरी छवि को लेकर जनता में जा रहे हैं। वह आरजेडी और कांग्रेस की सरकार पर जंगलराज का भी आरोप लगाते हैं। उनका हमला, बिहार में बढ़ते अपराध पर है। सम्राट चौधरी, कोइरी-कुशवाहा समुदाय से आते हैं। यह बिहार के सबसे मजबूत समुदायों में से एक है। बिहार के जाती सर्वेक्षण 2022 के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ग की आबादी राज्य में 4.21 प्रतिशत से ज्यादा है। समुदाय का एक बड़े तबके का झुका जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की ओर रहा है। प्रशांत किशोर इस समुदाय में भी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आबादी के हिसाब से जातीय संतुलन साधने की बात सार्वजनिक तौर पर भी कही है।
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