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'जब तक उम्र है, लड़ेंगे', IRCTC केस में आरोप तय होने पर बोले तेजस्वी

बिहार चुनाव के बीच IRCTC केस में लालू परिवार पर आरोप तय हुए हैं। इसके बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि जब तक उनकी उम्र रहेगी, वह लड़ते रहेंगे।

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तेजस्वी यादव, Photo Credit: RJD

IRCTC केस में आरोप तय होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है। इस केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप तय हुए हैं। अब तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर बिना इस केस का जिक्र किए हुए ही लिखा है कि जब तक उनकी उम्र रहेगी वह बीजेपी से लड़ते रहेंगे। तेजस्वी यादव ने लिखा है कि वह लड़ेंगे और जीतेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 'बाहरी' बताते हुए तेजस्वी ने लिखा है कि वह बिहारी हैं और बाहरी से डरते नहीं हैं।

 

इससे पहले, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के लिए लालू प्रसाद यादव के अलावा तेजस्वी यादव और उनकी मां राबड़ी देवी भी पेश हुईं। बता दें कि यह मामला तब का है जब लालू प्रसाद यादव देश के रेलमंत्री हुआ करते थे। इस केस में लालू परिवार के सदस्यों के अलावा IRCTC ग्रुप के मैनेजर रहे वीके अस्थाना, आर के गोयल और सुजाता होटल्स के निदेश और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर भी आरोप हैं।

 

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इन सभी के खिलाफ आरोप तय होने के बाद अब कोर्ट में ट्रायल चलेगा। कोर्ट में पेश हुए सभी आरोपियों ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है, सिर्फ राजनीतिक कारणों से यह केस उछाला जा रहा है।

तेजस्वी ने क्या लिखा?

 

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में तेजस्वी ने लिखा है, 'जब तक दंगाई और संविधान विरोधी बीजेपी सत्ता में है और मेरी उम्र है बीजेपी से लड़ते रहेंगे। तूफ़ानों से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है। हमने संघर्ष पथ चुना है। संघर्ष पथ पर चलते-चलते अच्छे मुसाफ़िर बन निश्चित ही मंजिल प्राप्त करेंगे। एक महीना पहले बिहार आकर गृहमंत्री अमित शाह जी हमें धमकी दे रहे थे कि हमको चुनाव लड़ने लायक नहीं छोड़ेंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम बिहारी है बिहारी, बाहरी से नहीं डरते।'

 

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IRCTC केस क्या है?

 

दरअसल, साल 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे। आरोप हैं कि इसी दौरान लालू यादव और उनसे जुड़े लोगों ने कई गड़बड़ियां कीं। इस केस में आरोप हैं कि लालू यादव ने नौकरियां देने के बदले कई तरह के फायदे लिए गए। इसी दौरान IRCTC ने पुरी और रांची में BNR होटल को चलाने और उसके रखरखाव का ठेका प्राइवेट कंपनियों को देने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। CBI का आरोप है कि टेंडर में गड़बड़ी की गई ताकि सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को इसका ठेका मिल सके। आरोप है कि इसी कंपनी ने लालू परिवार को एक बेनामी संपत्ति बहुत कम कीमत पर दे दी।

 

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CBI का आरोप है कि पटना में मौजूद लगभग 3 एकड़ जमीन जिसकी कीमत लगभग 94 करोड़ रुपये हो सकती थी, वह सिर्फ 65 लाख रुपये में ही बेच दी गई। यह जमीन पहले किसी और कंपनी ने खरीदी बाद में तेजस्वी यादव के स्वामित्व वाली कंपनी लारा प्रोजेक्ट्स ने इस बेनामी कंपनी को खरीद लिया। इस मामले में कुल 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

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