1965 का साल हिंदी सिनेमा के लिए काफी अहम माना जाता है। उस दौर में शशि कपूर, मनोज कुमार, देव आनंद और सुनील दत्त जैसे बड़े सितारे बॉलीवुड पर छाए हुए थे। इसी बीच भविष्य के तीन सबसे बड़े स्टार- आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान, फिल्म इंडस्ट्री में आए। तीनों ने लगभग एक ही समय पर बॉलीवुड में एंट्री ली और तब से लेकर आज तक उनका स्टारडम कायम है। अब तीनों की उम्र 60 साल हो चुकी है, लेकिन उन्होंने अब तक रिटायरमेंट का कोई ऐलान नहीं किया है।
35 साल से भी लंबे करियर में तीनों ने कई हिट और कई फ्लॉप फिल्में दीं लेकिन इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई। आम तौर पर 60 साल की उम्र को रिटायरमेंट से जोड़ा जाता है लेकिन सुपरस्टार्स के लिए यह नियम अलग होता है। वहीं महिला कलाकारों के लिए रिटायरमेंट की सीमा ज्यादा साफ मानी जाती है, क्योंकि 30 की उम्र पार करते ही उनके स्टारडम पर सवाल उठने लगते हैं।
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अमिताभ, ऋषि, विनोद और सनी देओल का करियर
फिल्म इंडस्ट्री में आमतौर पर ऐक्टर, ऐक्ट्रेस की तुलना में ज्यादा समय तक काम करते हैं लेकिन उनके लिए भी उम्र एक सीमा बन जाती है। 60 साल के बाद बड़े सितारों को अक्सर मुख्य भूमिकाओं से दूर कर दिया जाता है। अमिताभ बच्चन इसका बड़ा उदाहरण हैं। 1970 और 80 के दशक में वह सुपरस्टार थे, लेकिन 50 की उम्र से पहले ही उनका करियर कमजोर होने लगा। राजनीति में जाने और विवादों के कारण उनका फिल्मी सफर और प्रभावित हुआ। 60 की उम्र तक उन्होंने कई मुश्किल दौर देखे। बाद में टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से उन्होंने नई पहचान बनाई।
ऋषि कपूर ने भी कई हिट फिल्में दीं लेकिन समय के साथ उनकी लोकप्रियता घटी। 2012 में ‘अग्निपथ’ से उन्होंने दमदार वापसी की और सहायक भूमिकाओं में सराहे गए। विनोद खन्ना ने आध्यात्मिक कारणों से फिल्मों से दूरी बनाई, जिससे उनका करियर प्रभावित हुआ। बाद में वह सीमित भूमिकाओं तक ही सिमट गए। सनी देओल अपवाद हैं, जिन्होंने 68 साल की उम्र में ‘गदर 2’ से सफल वापसी की।
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60 ही नया 40
तीनों खान्स ने उस दौर में फिल्मों में कदम रखा, जब भारत तेजी से बदल रहा था। नई पीढ़ी खुद को पर्दे पर देखना चाहती थी और इन युवा सितारों से जुड़ाव महसूस करती थी। 90 के दशक में रोमांटिक फिल्मों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया लेकिन 2000 के बाद चुनौतियां बढ़ीं। उस समय कई अभिनेता एक साथ बहुत-सी फिल्में करते थे, जिससे थकान दिखने लगी। आमिर खान ने जोखिम उठाकर एक समय में सिर्फ एक फिल्म करने का फैसला किया और लगान की सफलता से सही साबित हुए।
फिल्मों में भी कॉर्पोरेट का दौर आया जिसके कारण इंडस्ट्री मे काम करने वालों के लिए बहुत कुछ बदला। सलमान खान को कठिन दौर से गुजरना पड़ा लेकिन अपने ऑडियंस को समझकर उन्होंने जोरदार वापसी की। शाहरुख खान को 2015 के बाद असफलताओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने खुद को मीडिया से दूर रखा और कम लेकिन प्रभावी काम किया जिससे उनकी वापसी और भी दमदार बनी। आज तीनों खान अलग-अलग रास्तों पर हैं लेकिन उनकी प्लानिंग आने वाली पीढ़ी के लिए मिसाल हैं।