बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान आज यानी शनिवार (27 दिसंबर) को 60 साल के हो गए। अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने फैंस को बड़ा गिफ्ट दिया है। शनिवार को उन्होंने अपनी मच अवेटेड फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' का टीजर रिलीज कर दिया। उनके फैन्स और आम लोगों को इस फिल्म का काफी समय से इंतजार था। टीजर देखने के बाद यह आपको मन को देशभक्ति से भर देगा।
बैटल ऑफ गलवान का टीजर देश की सीमाओं पर डटे भारतीय जवानों और उनके अटूट साहस को समर्पित दिल से दी गई एक श्रद्धांजलि है। फिल्म के टीजर में सलमान खान पहली बार किसी सैनिक की भूमिका निभाते हुए इतने दमदार दिख रहे हैं। फिल्म में सलमान भारतीय सेना के अफसर की भूमिका निभा रहे हैं।
टीजर में सलमान खान का चेहरा शांत दिख रहा है, मगर चेहरे पर सख्ती, गुस्सा और तेज दिख रहा है। वह टीजर में बिना कोई डायलॉग बोले ही बहुत कुछ कह रहे हैं। फिल्म के टीजर के आखिर में सलमान खान अपनी नजरों से चीनी सैनिकों को देखने के बाद सीधा दर्शकों की आंखों में देख रहे हैं, जो गहरा असर छोड़ रही हैं।
टीजर में दिखी ताकतवर झलक
टीजर बहुत साधारण है, लेकिन इसकी ताकतवर झलक सीधे दिल और दिमाग पर असर छोड़ रही है। इसकी शुरुआत में सलमान खान की आवाज में सेना के जवानों में जोश भरते हुए सुना जा सकता है। वो अपने साथी जवानों से कह रहे हैं, 'जवानों याद रहे, जख्म लगे तो मेडल समझना और मौत दिखे तो सलाम करना।'यह डायलॉग टीजर की जान है।
टीजर में सलमान खान 'बिरसा मुंडा' और 'बजरंग बलि की जय' और 'भारत माता की जय' बोलते हुए दिख रहे हैं। टीजर में सुपरस्टार सलमान खान भागते हुए चीनी सैनिकों के सामने एक मोटे लकड़ी के टुकड़े लिए खड़े हुए हैं। इस समय उनके चेहरे पर कोई डर, माथे पर कोई शिकन नहीं है। जैसे-जैसे चीनी सैनिक पास आ रहे होते हैं, टीजर ब्लैकआउट हो जाता है। इसके बाद सलमान कहते हैं- 'मौत से क्या डरना, उसे तो आना है।'
गलवान घाटी में क्या हुआ था?
बता दें कि गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 16 जून 2020 को झड़प हुई थी। यह इलाका पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में आता है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। शहीद होने वाले भारतीय सैनिकों में 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे।
यह झड़प 45 सालों में दोनों देशों के बीच इतनी बड़ी और घातक झड़प थी। खास बात है कि झड़प में हथियारों का इस्तेमाल नहीं हुआ था, बल्कि पत्थरों, लाठियों और कीलदार रॉड्स से भारतीय सैनिकों को मारा गया था।