बिहार विधानसभा का चुनाव 6 और 11 अक्टूबर को होगा। इस दिन मतदाता अपने प्रतिनिधि के लिए वोट करेंगे। लोकगायिका मैथिली ठाकुर इस बार चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। मैथिली ने हाल ही में बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के साथ मुलाकात की थी। मैथिली ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा, 'वह इस बार का चुनाव लड़ना चाहती हैं लेकिन जब तक पार्ट की तरफ ऑफिशियल बयान नहीं आता है। वह कुछ भी नहीं कहेंगी।'
मैथिली से पूछा गया कि राजनीति में आने का क्या कारण है? मैथिली ने कहा, 'मैं बहुत एक्साइटेड हूं। पिछले 4 दिन से अपनी तस्वीरें देख रही हूं और आर्टिकल पढ़ रही हूं। मैं ऑफिशियल अनाउंसमेंट का इंतजार कर रही हूं। ताकि मैं आप लोगों से और आत्मविश्वास के साथ बात कर सकूंगी।' उन्होंने बताया, 'मेरा बचपन यहां बिहार में दादी-दादी के पास बिता है। मेरे पिता दिल्ली में काम करते थे वे कभी कभी आते थे। मेरे पिता की उम्र के लोग इस बात से कनेक्ट कर पाएंगे कि बिहार में एक समय था लोगों को गुजर बसर करने के लिए शहर जाना पड़ता था। अब गांव वापस आने की जरूरत है। मैं चाहती हूं कि अपने क्षेत्र में सेवा कर सकूं और अगर मुझे यह मौका मिलता है तो इससे बड़ी कोई बात नहीं होगी'।
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सेवा के लिए राजनीति में आना चाहती हूं
मैथिली से पूछा गया कि यह सेवा भाव है या और कोई अन्य चीजें भी है। इसका जवाब देते हुए मैथिली ने कहा, 'मैं यहां राजनीति करने के लिए नहीं आ रही हूं। न ही कोई खेल खेलने आ रही हूं। मेरे लिए राजनीति एक पावर है जिसकी मदद से मैं कुछ चीजें हटा सकूं और कुछ नई चीज शामिल कर सकूं। इन चीजों के लिए भी तो पॉवर चाहिए।'
मैथिली ने कहा, 'मैं एक कलाकार हूं। मैं अलग-अलग जगहों पर जाती हूं। वह हर साल कुछ नया देखती हूं फिर मुझे एहसास होता है कि यह चीजें तो हमारे पास भी होनी चाहिए। हमारे पास तो स्कोप भी है। फिर भी नहीं हो रहा है। हमारे मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने बहुत कुछ किया है। सभी लोग कहते हैं उनसे बेहतर कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता है। नीतिश जी ने बहुत किया है। अगले 5 साल बहुत महत्वपूर्ण है और सबसे ज्यादा जरूरी है कि महिलाओं और यूथ को आगे बढ़ाना है। उनके सोचना का तरीका अलग है।
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मैथिली से पूछा गया कि दक्षिण भारत में बिहारी को जिस तरह से आलोचना होती है। इस पर मैथिली कहती हैं, आप दक्षिण भारत की बात कर रही हैं। मैं दिल्ली की बात कर रही हूं मुझे स्कूल में कहा जाता था कि तुम बिहार से हो? स्टूपीड बिहारी, मैं स्कूल से अक्सर रोते हुए आती थी। मैंने अपने पुराने इंटरव्यू में भी इस बारे में बात की है।
मैथिली के पिता ने उठाया पलायन का मुद्दा
मैथिली के पिता रमेश ठाकुर से भी पूछा गया कि आपकी बेटी राजनीति में आ रही हैं, कैसा लग रहा है? उनके पिता ने कहा, बहुत अच्छा लग रहा है। उनके पिता ने इंटरव्यू में बताया कि वह उस समय में पहले बैच के प्लायन कर्ता है जो बिहार से आए थे। उस समय एक-एक जातीवाद फैल गया था। 1995 में दिल्ली आया और तब से जो पलायन शुरू हुआ। उसके बाद से वापसी नहीं हुई है।