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बेदम कहानी, सुस्त क्लाइमेक्स, नवाजुद्दीन के अभिनय भरोसे है 'रात अकेली है 2'

नेटफ्लिक्स पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे की क्राइम थ्रिलर फिल्म 'रात अकेली है- द बंसल मर्डर्स' स्ट्रीम हो गई है।

nawzuddin and radhika apte

नवाजुद्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे, Photo Credit: Social Media

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2020 में नेटफ्लिक्स पर क्राइम थ्रिलर फिल्म 'रात अकेली है' रिलीज हुई थी। इस फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था। हनी त्रेहान ने 5 साल पहले बतौर निर्देशक इस फिल्म से इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने जटिल यादव का किरदार निभाया था। 5 साल बाद इस फिल्म का सीक्वल आया है। 

 

19 दिसंबर को 'रात अकेली है- द बंसल मर्डर्स' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुकी है। फिल्म में नवाजुद्दीन फिर से इंस्पेक्टर जटिल यादव की भूमिका में लौटे हैं। फिल्म में वह नई गुत्थी सुलझाते नजर आ रहे हैं। फिल्म में एक कहानी को कई मुद्दों के साथ जोड़ते हुए बुना गया है। अगर आप इस फिल्म को देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले रिव्यू पढ़ लें।

 

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'रात अकेली है 2' की कहानी

कहानी की शुरुआत कानपुर के मशहूर पत्रकार बंसल परिवार की है जो पावर में है। पूरा परिवार बड़ी बेटी मीरा (चित्रांगदा सिंह) के बेटे की बरसी के लिए फार्म हाउस पहुंचा है। बरसी से एक रात पहले परिवार के 6 सदस्यों की हत्या हो जाती है। इस घटना के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल जाती है। जटिल यादव केस की तफ्तीश के लिए पहुंचते हैं।

 

जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती है परिवार का अंधभक्ति पर विश्वास, भाई के साथ बिजनेस राइवलरी, परिवार के पॉलिटिकल कनेक्शन का खुलासा होता है। फिल्म में अमीरी और गरीबी की खाई को भी दिखाया गया है।

कलाकारों की ऐक्टिंग

'रात अकेली है- द बंसल मर्डर्स' में नवाजुद्दीन जटिल यादव के किरदार में स्क्रीन पर अच्छे लगे है। उनका काम काबिले तारीफ है लेकिन आपको कुछ नयापन नहीं देखने को मिलेगा। फॉरेंसिक एक्सपर्ट के रोल में डॉक्टर पाणिकर का किरदार रेवती ने निभाया है। उन्होंने शानदार परफॉर्मेंस दी है। वहीं, चित्रांगदा का रोल भले ही छोटा है लेकिन दमदार है। नवाजुद्दीन की मां का किरदार ईला अरुण ने निभाया है। उन्होंने जटिल की मां के किरदार को बखूबी निभाया है।

 

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फिल्म में दीप्ति नवल ने गुरु माता का रोल निभाया है। उनके किरदार में किसी तरह की कोई गहराई नहीं दिखाई गई है। उनका होना न होना बराबर ही था। संजय कपूर वाले एंगल का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। 

कहां हुई चूक?

यह एक थ्रिलर सस्पेंस फिल्म है जिसकी कहानी आपको आखिरी समय तक बांधे रखने में कामयाब नहीं होती है। फिल्म के कई सीन्स बेमतलब और बोरिंग लगते हैं। नवाजुद्दीन और राधिका आप्टे की केमिस्ट्री को ज्यादा दिखाना चाहिए था। राधिका के किरदार को थोड़ा ज्यादा स्क्रीन टाइम मिलना चाहिए था। कहानी में कई जगहों पर बिखराव दिखता है। कहानी का क्लाइमेक्स बहुत डल है।

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