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सिर्फ 1% हिंदू आबादी वाले देश में 60 हजार हनुमान चालीसा कौन बांट आया?

भारत से हजारों करोड़ दूर बसे एक देश में हिंदुओं की जनसंख्या बेहद कम है लेकिन उस देश में भी हजारों हनुमान चालीसा बांटे जाने के मामले ने हर किसी को चौंका दिया है। पढ़िए यह पूरा मामला क्या है।

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सांकेतिक तस्वीर; Photo Credit: FreePik

भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी हिन्दू संगठन काफी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में सक्रिय 'SA हिन्दूज' संगठन ने बीते रविवार को देशभर के आठ मंदिरों में लगभग 60 हजार हनुमान चालीसा की छोटी किताबें बटवाई हैं। यह काम गौतेंग प्रांत के विभिन्न क्लबों के बाइकर्स की देख-रेख में किया गया है। उन्होंने किताबों के अलावा लगभग 2 टन किराने का सामान इकट्ठा किया और उन सामानों को जरूरतमंदों के बीच बांट दिया। 

 

'एसए हिंदूज' की संस्थापक पंडिता लुसी सिगबन ने PTI से कहा, 'हम भाग्यशाली हैं कि हमें मंदिरों में इतने सारे भक्तों को देखने का मौका मिला। खासकर क्वाज़ुलु-नताल (KZN) सहित पड़ोसी प्रांतों से कई लोग आए और इस अभियान को पूरे जोश के साथ समर्थन दिया।'  

 

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सिगबन ने जताया लोगों का अभार

सिगबन ने कहा, 'हम उन सभी मंदिरों का देखभाल करने वाले और भक्तों के आभारी हैं, जिन्होंने जरूरतमंदों को किराने का सामान देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद की।' रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका के हिन्दुओं ने सबसे पहले 24 अगस्त 2024 को भक्ति के उत्सव के दौरान 'शेरेनो प्रिंटर्स' और 'इलेक्ट्रो ऑनलाइन मीडिया' के साथ साझेदारी में '10 लाख हनुमान चालीसा' की प्रतियां बांटने की पहल की शुरुआत की थी। उनका लक्ष्य 2029 तक 10 लाख हनुमान चालीसा की किताबें बांटना है।

 

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'शेरेनो प्रिंटर्स' ने जताई खुशी

'शेरेनो प्रिंटर्स' के मालिक निरन सिंह ने कहा, 'हम इस पहल का हिस्सा बनकर बेहद खुश हैं, क्योंकि यह दक्षिण अफ्रीका के हिंदुओं के आध्यात्मिक ज्ञान और सेवा भाव को आगे बढ़ाने में मदद करता है।' 

 

'थ्रॉटल कलेक्टिव' के सह-संस्थापक मृणाल भगवान ने कहा, 'यह बहुत खुशी की बात है कि यह पहल समुदाय को एकजुट कर रही है। गौतेंग के बाइकर्स ने बड़ी संख्या में आकर हमारे आह्वान पर एकजुटता दिखाई और इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।'

5 साल में बाटेंगे 10 लाख हनुमान चालीसा

पिछले साल सितंबर में दक्षिण अफ्रीका के एक प्रमुख हिंदू संगठन ने अगले पांच सालों के भीतर हनुमान चालीसा की 10 लाख पॉकेट फ्रैंडली किताबें मुफ्त में बांटने का कार्यक्रम शुरू किया था। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका हिंदुओं की संस्थापक पंडिता लूसी सिगबन ने कहा था, 'हमने आध्यात्मिक विकास, सामुदायिक सेवा और सांस्कृतिक संरक्षण का जश्न मनाने के लिए इस कार्यक्रम की मेजबानी की है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के एक दर्जन से अधिक धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।'

कैसी है साउथ अफ्रीका की जनसंख्या?

1221037 वर्ग किलोमीटर में बसा यह देश दुनिया का 24वां सबसे बड़ा देश है। वहीं, यह अफ्रीका का 9वां सबसे बड़ा देश है। यहां पर लगभग 6.32 करोड़ की जनसंख्या है। जिसमें साउथ ट्रेडिशनल की आबादी 0.3 पर्सेंट के आसपास है। वहीं, जुडैस्म 0.2 पर्सेंट, मुसलमान 1.5 पर्सेंट, हिंदू 1.2 पर्सेंट, ईसाई 79.8 पर्सेंट और अन्य 17.1 पर्सेंट हैं। 

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