स्पेशल वीजा, बंपर दक्षिणा, US में पूजा कराने वाले कितना कमाते हैं?
अगर अमेरिका जाकर धर्म से जुड़ा कोई काम करना चाहते हैं तो उसके लिए क्या करना होगा? सवाल है वीजा लेना होगा लेकिन कौनसा वीजा चाहिए होगा और शर्तें क्या होंगी? जानते हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
इस समय दुनियाभर में सबसे ज्यादा में चर्चा में कोई देश है तो वह है अमेरिका। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से वीजा को लेकर नियम सख्त किए जा रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी नागरिक से शादी करके ग्रीन कार्ड लेने वालों के लिए भी नियम और कड़े कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं, कुछ खास देशों के नागरिक अगर अमेरिका आना चाहते हैं तो उन्हें पहले 15 हजार डॉलर का सिक्योरिटी बॉन्ड भी जमा करना होगा।
अब जब अमेरिका के वीजा को लेकर इतने नियम-कायदे बदल रहे हैं तो यह भी जानते हैं कि अगर कोई किसी धार्मिक काम करने के लिए वहां जाना चाहता है तो क्या करना होगा? धार्मिक काम के लिए अमेरिका आने वालों के लिए एक खास वीजा होता है। इसे R-1 वीजा कहा जाता है। यह सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है जो किसी धार्मिक काम से अमेरिका आना चाहते हैं। फिर चाहे वह पंडित हो, मौलवी हो, ग्रंथी हो, पादरी हो या किसी भी धर्म से जुड़ा व्यक्ति हो। शर्त बस यही है कि अगर अमेरिका आते हैं तो धर्म से जुड़े काम के अलावा और कुछ नहीं कर सकते।
मान लीजिए कि अगर कोई व्यक्ति अमेरिका में आकर कोई धार्मिक काम करना चाहता है तो उसे R-1 वीजा लेना होगा। वह अपने साथ अपने परिवार को भी ले जा सकता है और उसके लिए R-2 वीजा के लिए अप्लाई करना होगा।
यह भी पढ़ें--10 में 8 जंग अमेरिका ने शुरू की! खुद 'लड़ाकू' रहा US अब ज्ञान दे रहा
क्या होता है यह R-1 वीजा?
R-1 वीजा उन लोगों के लिए होता है जो अमेरिकी में किसी मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठन के लिए काम करना चाहते हैं। इसमें पंडित, पुजारी, मौलवी, रब्बी या धार्मिक शिक्षक शामिल हो सकते हैं। यह अस्थायी वीजा होता है और धार्मिक काम के लिए ही दिया जाता है।
लेकिन इसके लिए भी कुछ शर्तें हैं। मसलन, आपके पास उस धार्मिक संगठन या संस्था या समुदाय के साथ कम से कम 2 साल काम करने का अनुभव होना चाहिए। अगर आप भारत में किसी धार्मिक संगठन में काम करते हैं और अमेरिका में उसी संगठन का मंदिर बुला रहा है, तो इसका अनुभव भी गिना जाएगा।
इसके अलावा, R-1 वीजा लेकर अगर आप अमेरिका जाते हैं तो वहां आप सिर्फ धार्मिक काम ही कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, वहां जाकर सिर्फ पूजा-पाठ, हवन या धार्मिक शिक्षा से जुड़े काम करने की ही इजाजत होगी।
इतना ही नहीं, अगर अमेरिका में मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठन आपको बुला रहा है तो उसे भी यह साबित करना होगा कि वह आपके रहने-खाने और सैलरी की व्यवस्था करेगा।
यह भी पढ़ें-- मजबूरी या जरूरत! रूस का तेल भारत के लिए फायदे का सौदा क्यों?
कैसे किया जाता है इसके लिए आवेदन?
R-1 एक गैर-अप्रवासी वीजा है। इसके लिए सबसे पहले यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस (USCIS) के पास I-139 फॉर्म भरना होगा। यह फॉर्म अमेरिका में मान्यता प्राप्त वह धार्मिक संगठन भरता है, जो किसी व्यक्ति को धार्मिक काम के लिए बुलाना चाहता है।
धार्मिक संगठन को इस बात के सबूत देने पड़ते हैं कि वह अमेरिका में मान्यता प्राप्त संस्था है। वह जिस व्यक्ति को अमेरिका बुलाना चाहता है, वह 2 साल से उसके साथ काम कर रहा है। संगठन को यह भी बताना होता है कि अमेरिका आने के बाद वह व्यक्ति सिर्फ धार्मिक काम ही करेगा।
जब I-139 फॉर्म एक्सेप्ट हो जाता है तो जो व्यक्ति अमेरिका आना चाहता है, उसे DS-160 फॉर्म भरना होता है। इसके बाद अमेरिकी दूतावास में जाकर इंटरव्यू देना होता है। यहां बताना होता है कि अस्थायी रूप से अमेरिका जाना चाहता है और वहां जाकर सिर्फ धार्मिक काम ही करेगा।
यह भी पढ़ें-- दुनिया पर टैरिफ लगाकर कितना कमा रहा है ट्रंप का अमेरिका?
कब तक अमेरिका में रह सकते हैं?
R-1 वीजा मिलने में कई महीने भी लग सकते है और कई बार एक साल से ज्यादा भी लग सकता है। अगर R-1 वीजा मिल जाता है तो अमेरिका जाने की इजाजत मिल जाती है।
यह वीजा 30 महीने यानी ढाई साल तक वैलिड होता है। इसे बढ़ाकर 5 साल तक किया जा सकता है। 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद आपको 1 साल के लिए अमेरिका से बाहर रहना होगा और उसके बाद ही दोबारा से R-1 वीजा के लिए अप्लाई किया जा सकता है।
अमेरिका आने वाला व्यक्ति अगर अपने साथ पति या पत्नी या बच्चों को लाना चाहता है तो उसके लिए R-2 वीजा लेना होगा। हालांकि, R-2 वीजा पर आने वाला व्यक्ति अमेरिका में कोई काम नहीं कर सकता।
कोई अमेरिकी अगर पंडित बुलाना चाहे तो?
R-1 वीजा तो उस व्यक्ति को मिलता है, जिसे अमेरिका में मान्यता प्राप्त कोई धार्मिक संगठन या संस्था बुलाना चाहती है। मगर अमेरिका में बहुत से भारतीय रहते हैं और अगर वे अपने घर पर पूजा-पाठ, हवन या किसी भी धार्मिक काम के लिए पंडित को बुलाना चाहते हैं तो उन्हें क्या करना होगा?
ऐसी स्थिति में अमेरिका आने वाले पंडित को B-1 वीजा लेना होगा। यह भी अस्थायी वीजा होता है। इसकी वैलिडिटी सिर्फ 6 महीने की होती है। इस वीजा के लिए साबित करना होता है कि अमेरिका में वह किसी तरह की कोई कमाई नहीं करेंगे। हालांकि, दान लिया जा सकता है।
कुल मिलाकर, अगर कोई भी व्यक्ति अमेरिका जाकर पंडिताई या फिर धर्म से जुड़ा कोई काम करना चाहता है तो कर सकता है लेकिन वहां जाकर धार्मिक काम से हटकर और कोई काम नहीं कर सकता।
यह भी पढ़ें-- 1900 करोड़ की डील और ईरानी तेल; ट्रंप ने 6 भारतीय कंपनियों को किया बैन
पूजा कराने वाले कमाते कितना हैं?
R-1 वीजा के तहत धार्मिक काम के लिए अमेरिका जाने वालों की कोई कमाई तय नहीं है। ziprecruiter.com के मुताबिक, अमेरिका में एक पुजारी सालाना औसतन 63,587 डॉलर तक कमा लेता है। भारतीय करंसी में यह रकम लगभग 56 लाख रुपये होती है।
यह वेबसाइट बताती है कि अमेरिका में एक पुजारी सालभर में कम से कम 29 हजार डॉलर तक की कमाई कर सकता है। कुछ पुजारी ऐसे भी होते हैं जो सालभर में 91 हजार डॉलर तक भी कमा लेते हैं।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap