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'न्यूक्लियर टेस्ट शुरू करें', जिनपिंग से मीटिंग से पहले ट्रंप ने क्यों दिया आदेश

रूस और चीन की बढ़ती परमाणु शक्ति को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिपार्टमेंट ऑफ वॉर को परमाणु हथियारों की टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दे दिया है।

Donald Trump

डोनाल्ड ट्रंप, Photo Credit: PTI

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डिपार्टमेंट ऑफ वॉर को परमाणु हथियारों की तुरंत टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि यह टेस्टिंग चीन और रूस के बराबर स्तर पर होनी चाहिए।  ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर कहा है कि उन्होंने अमेरिकी युद्ध विभाग को परमाणु हथियारों की टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दे दिया है। उन्होंने यह फैसला रूस और चीन की बढ़ती परमाणु ताकत को देखते हुए लिया है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में परमाणु हथियारों पर किए गए कामों का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। 

 

ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'मुझे ऐसा करने से नफरत है लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। रूस परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। चीन तीसरे नंबर पर है और कुछ ही समय में रूस की बराबरी कर लेगा। दूसरे देश परमाणु हथियारों की टेस्टिंग कर रहे हैं। इसलिए मैंने भी वॉर डिपार्टमेंट (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) को अन्य देशों की तर्ज पर परमाणु हथियारों की टेस्टिंग के आदेश दे दिए हैं। यह प्रोसेस तुरंत शुरू की जाएगी।' ट्रंप ने रूस और चीन की बढ़ती परमाणु शक्ति को अमेरिका के लिए खतरा माना। ट्रंप का कहना है कि अगले पांच सालों में चीन के पास भी रूस के बराबर परमाणु हथियार होंगे। 

 

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रूस ने न्यूक्लियर मिसाइल का टेस्ट किया

रूस ने इसी महीने 21 अक्टूबर को न्यूक्लियर पावर्ड 'बुरेव्स्तनिक' क्रूज मिसाइल का टेस्ट किया था। रूस के राष्ट्रपति ने बीते रविवार इस टेस्टिंग की जानकारी दी। पुतिन ने बताया कि इस मिसाइल ने 15 घंटे तक उड़ान भरी और करीब 14,000 किलोमीटर दूरी तय की। इस मिसाइल में एक छोटा परमाणु रिएक्टर लगा होता है जो लंबी दूरी तक उड़ान भरने के लिए ईंधन का काम करता है।

 

रूस के इस कदम को ट्रंप ने गलत बताया था और कहा था कि पुतिन मिसाइल परीक्षण करने की बजाय युद्ध रोके। ट्रंप ने कहा था कि एक हफ्ते चलने वाली जंग को चार साल होने वाले हैं। पुतिन को इस पर ध्यान देना चाहिए।  ट्रंप को डर सता रहा है कि रूस-चीन जल्दी ही उसकी ताकत की बराबरी पर आ जाएंगे।

 

चीन की बढ़ती ताकत

अमेरिका के लिए रूस ही नहीं बल्कि चीन की बढ़ती परमाणु शक्ति भी चिंता का कारण है। स्वीडिश संस्था SIPRI की रिपोर्ट में चीन को लेकर चेतावनी दी है कि किसी भी देश की तुलना में वह परमाणु हथियारों को तेजी से बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 के बाद से चीन ने हर साल 100 नए परमाणु हथियार बनाए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी इस बात का जिक्र किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन लगातार परमाणु हथियार बना रहा है और आने वाले समय में रूस और अमेरिका की बराबरी कर सकता है। 

 

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अमेरिका के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पोस्ट में दावा किया कि अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। हालांकि, डेटा के मुताबिक ट्रंप का यह दावा गलत है। इंटरनेशनल कैंपेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपंस के मुताबिक रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इस संस्था के डेटा के अनुसार, रूस के पास 5,500 से ज्यादा परमाणु वारहेड हैं, जबकि अमेरिका के पास लगभग 5,044 वारहेड हैं। 


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