अमेरिका में पॉल इंग्रासिया के नाम पर शोर मचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें ऑफिस ऑफ स्पेशल काउंसल का प्रमुख नियुक्त किया था लेकिन अब उन्हें अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी है। पॉल इंग्रासिया कथित तौर पर नस्लवादी हैं, उन्होंने भारत विरोधी कई बयान दिए हैं। उनके सार्वजनिक संदेशों पर डोनाल्ड ट्रंप की भी किरकिरी हो गई है।
पॉल इंग्रासिया ने कई ऐसे विवादित बयान दिए हैं, जिनकी वजह से उनकी सार्वजनिक आलोचना हो रही है। उनकी नियुक्ति, ट्रंप प्रशासन के लिए मुश्किलों की वजह बन सकती थी। उन्होंने खुद इस पद से दूरी बना ली है।
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पॉल इंग्रासिया ने विवादित बयान दिया था कि 'कभी भी किसी भारतीय पर भरोसा मत करो' और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की छुट्टी को 'नरक के सातवें घेरे में फेंक देना चाहिए।'
रिपब्लिकन चैट ग्रुप पर पॉल इंग्रासिया:-
कभी किसी चीनी या भारतीय पर भरोसा मत करो, कभी नहीं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
पॉल इंग्रासिया ने एक ग्रुप चैट में ये नस्लवादी मैसेज भेजे थे, जिसमें अन्य रिपब्लिकन भी शामिल थे। इन मैसेज में उन्होंने यह भी कहा था कि कभी भी किसी चीनी या भारतीय पर भरोसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने खुद के बारे में कहा था कि उनकी प्रवृत्ति नाजी है।
पॉल इंग्रासिया:-
कभी-कभी मुझमें नाजी प्रवृत्ति आ जाती है, यह मैं स्वीकार करता हूं।
लीक हुए चैट तो फिर क्या हुआ?
पॉल इंग्रासिया, विवादित बयानों के बाद सबके निशाने पर आ गई। कई रिपब्लिकन सीनेटरों ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पॉल इंग्रासिया ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके पास पर्याप्त रिपब्लिकन वोट नहीं हैं, इसलिए वे अपनी उम्मीदवारी वापस ले रहे हैं।
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पॉल इंग्रासिया ने क्या जवाब दिया?
पॉल इंग्रासिया ने कहा है कि वह ट्रंप और उनकी सरकार की सेवा में जारी रखेंगे। उनके वकील, एडवर्ड पाल्ट्ज़िक ने टेक्स्ट मैसेज की सत्यता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह मैसेज 'एआई-जनरेटेड' हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैसेज सही हैं, तो वे सिर्फ मजाकिया और व्यंग के लहजे में भेज गए होंगे।