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मस्क, बाइडेन, रॉयटर्स और 300 मिलियन डॉलर, US में क्यों मचा हंगामा?

एलन मस्क ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स पर निशाना साधा है। इससे पहले माइक बेंज का एक ट्वीट चर्चा में आया जिसमें उन्होंने चौंकाने वाले आरोप लगाए थे।

एलन मस्क ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स पर निशाना साधा है। इससे पहले माइक बेंज का एक ट्वीट चर्चा में आया जिसमें उन्होंने चौंकाने वाले आरोप लगाए थे।

मस्क, बाइडेन, रॉयटर्स और 300 मिलियन डॉलर, US में क्यों मचा हंगामा?

अमेरिका में जो बाइडेन की सरकार जा रही है और डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आने वाली है। इस बीच कई गड़े मुर्दे भी उखाड़े जा रहे हैं। इसी क्रम में माइक बेंज ने एक ऐसा ट्वीट किया है जिसने अमेरिका में सनसनी मचा दी है। पूर्व में डोनाल्ड ट्रंप का हिस्सा रहे माइक बेंज ने आरोप लगाए हैं कि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को जो बाइडेन की सरकार में 300 मिलियन डॉलर यानी लगभग करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट दिए गए। उनका यह भी आरोप है कि 11 अलग-अलग एजेंसियों ने मिलकर एलन मस्क के कारोबार को निशाना बनाया और उन्हें बदनाम करने की कोशिश भी की। इस ट्वीट के चर्चा में आने के बाद एलन मस्क ने भी रॉयटर्स को कोसते हुए लिखा है कि शर्म आनी चाहिए।

 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई ट्वीट्स में दावा किया गया है कि रॉयटर्स को कई एजेंसियों की मदद से खूब पैसे मिले और इसके बदले में एलन मस्क की कंपनियों टेस्ला, स्पेस एक्स, न्यूरालिंक और X के खिलाफ खूब जांच की गई। बता दें कि रॉयटर्स को पुलित्जर प्राइज भी मिला था। यह पुरस्कार उसे एलन मस्क के कारोबार में हो रही गड़बड़ियों को उजागर करने और इजरायल-गाजा विवाद की शानदार तस्वीरों के लिए मिला था।

माइक बेंज ने लगाए आरोप

 

बाइडेन के कार्यकाल में रॉयटर्स को मिले फायदों को लेकर माइक बेंज ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'बाइडेन प्रशासन ने रॉयटर्स को गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स में 300 मिलियन डॉलर से ज्यादा की पेमेंट की। 11 अलग-अलग सरकारी एजेंसियों ने एलन मस्क के बिजनेस को निशाना बनाया। इन सभी 11 एजेंसियों ने रॉयटर्स को करोड़ों रुपये दे। इसके बाद रॉयटर्स ने 'एलन मस्क के बिजनेस की गड़बड़ियां उजागर करने के लिए' पुलित्जर पुरस्कार जीता।'

 

अपने दावों की पुष्टि करने के लिए माइक बेंज ने अमेरिकी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक भी दिया है। इस वेबसाइट के अनुसार पिछले पांच साल में रॉयटर्स को डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से 62.40 मिलियन डॉलर, होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट की ओर से 52.55 मिलियन डॉलर, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस की ओर से 50.82 मिलियन डॉलर दिए गए हैं।

ट्रंप की सरकार में कितना पैसा मिला?

 

हालांकि, माइक बेंज के दावों का एक और पहलू देखें तो समझ आता है कि इन विभागों की ओर से रॉयटर्स को पहले भी पैसे मिलते रहे हैं। उदाहरण के लिए, साल 2016 से 2020 के बीच इसी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने रॉयटर्स को 131.68 मिलियन डॉलर दिए। इसी दौरान डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड एंड सिक्योरिटी की ओर से 97.11 मिलियन डॉलर, डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी की ओर से 46.66 मिलियन डॉलर, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस की ओर से 45.73 मिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट दिए गए। बचा दें कि 2017 से 2021 तक डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति रहे और 2021 से जो बाइडेन राष्ट्रपति हैं।

 

 

अगर कुल 10 विभागों का लेखा-जोखा देखें तो रॉयटर्स को 2017 से 21 के बीच 436 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम दी गई। वहीं, 2021 से 2025 का डेटा देखें तो शीर्ष 10 विभागों की ओर से रॉयटर्स को 263 मिलियन डॉलर ही दिए गए।

एलन मस्क ने क्या कहा?

 

जो बाइडेन सरकार के धुर विरोधी और डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक एलन मस्क इस ट्वीट के चर्चा में आने के बाद जमकर लिख रहे हैं। माइक बेंज के X पोस्ट को शेयर करते हुए एलन मस्क ने लिखा है, 'डीप स्टेट डेमोक्रैट्स की ओर से पैसे खाया हुआ भ्रष्ट मीडिया।' एक और ट्वीट में एलन मस्क ने लिखा है, 'इससे बहुत कुछ साफ हो जाता है। शर्म आनी चाहिए रॉयटर्स। पेड प्रोपेगेंडा!' 

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