कनाडा में भारतीय मूल की एक महिला डॉक्टर का मेडिकल लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है। महिला डॉक्टर के खिलाफ मरीजों के यौन शोषण के बाद एक्शन लिया गया। आरोप के मुताबिक महिला डॉक्टर सुमन खुल्बे ने एक पुरुष मरीज के साथ यौन दुर्व्यवहार किया। दो अन्य मरीजों के साथ अपमानजनक और गैर-पेशेवर व्यवहार किया। ओन्टारियो फिजिशियन और सर्जन अनुशासन न्यायाधिकरण ने 15 दिनों तक सुनवाई की। इसके बाद डॉ. सुमन खुल्बे का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र सस्पेंड कर दिया।
पांच सदस्यीय पैनल ने अपने फैसले में कहा कि डॉ. सुमन अपने मरीजों को मरीज नहीं मानती थीं। उन्हें अपना दोस्त, सामाजिक और खेल जीवन और व्यावसायिक साझेदार के तौर पर देखती थीं। कनाडा के नेशनल पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. सुमन ने एक मरीज के यौन शोषण और दो अन्य मरीजों के साथ गैर-पेशेवर व्यवहार करने की बात मान ली है।
यह भी पढ़ें: कौन हैं कुलमान घिसिंग? नेपाल में अंतरिम PM के तौर पर उछला नाम
ओन्टारियो फिजिशियन और सर्जन अनुशासन न्यायाधिकरण की वेबसाइट के मुताबिक डॉक्टर और मरीज के बीच यौन सबंध के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति है। भले ही वह संबंध सहमति से बने हो। प्राधिकरण के फैसले के मुताबिक डॉ. सुमन खुल्बे ने एक मरीज के साथ यौन संबंध बनाए थे। एक के साथ गहरे व्यक्तिगत संबंध थे और दो अन्य मरीज उनके व्यावसायिक सहयोगी थे।
फैसले को चुनौती देंगी डॉ. सुमन
डॉक्टर सुमन खुल्बे का कहना है कि मैंने जो कुछ भी रिकॉर्ड में कहा है, उससे पीछे नहीं हट सकती। मैंने सिर्फ अपने वकीलों की सलाह मानी है। नेशनल पोस्ट से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे मामले के कई तथ्य सार्वजनिक सुनवाई के दौरान छोड़ दिए गए और इन्हें सामने नहीं लाया गया। हालांकि प्राधिकरण के फैसले को डॉ. सुमन चुनौती देंगी।
मरीजों को प्रोकेन देने का आरोप
प्राधिकरण की सुनवाई में यह भी सामने आया कि डॉ. सुमन ने खुद को और मरीजों को प्रोकेन नामक पदार्थ का इंजेक्शन दिया। इसका इस्तेमाल एनेस्थीसिया, रीढ़ की हड्डी की तंत्रिका ब्लॉक करने और दंत चिकित्सा में होता है। यह इंजेक्शन एक संवेदनाहारी है। मांसपेशियों में इंजेक्शन लगाने से दर्द भी कम होता है। प्राधिकरण ने अपने फैसले में कहा कि डॉ. सुमन ने अपने क्लीनिक में सामाजिक समारोह का आयोजन किया। यहां प्रोकेन के अलावा शराब दी गई।
जिम ट्रेनर ने दी शिकायत
डॉ. सुमन खुल्बे ने साल 2001 में बतौर फैमिली फिजिशियन के तौर पर अपनी प्रैक्टिस शुरू की। इसके बाद कनाटा में एक घर खरीदा। यही पर उनका प्राइवेट क्लीनिक था। लगभग 14 साल बाद यानी 2015 में सुमन ने एक जिम ज्वाइन की। बाद में जिम ट्रेनर ने सुमन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वह पहली बार 2016 में खुल्बे की क्लीनिक में गया था। अगस्त 2019 तक उसका इलाज चला। जिम ट्रेनर ने बताया कि 2018 में डॉक्टर ने प्रोकेन का इंजेक्शन दिया। न्यायाधिकरण का मानना है कि इंजेक्शन से उत्तेजना, घबराहट और उत्साह पैदा हो सकता है।
यह भी पढ़ें: 'यूक्रेन के खिलाफ जंग में शामिल न हों,' भारतीयों से सरकार की अपील
जिम ट्रेनर का आरोप है कि 2018 में डीप टिशू फिजिकल थेरेपी शुरू की। पहले कपड़े पहनकर थेरेपी की गई। बाद में बॉक्सर और फिर बिना कपड़े के थेरेपी की गई। मरीज का आरोप है कि जब डॉ. सुमन उसे सांस लेने का व्यायाम करवाती थी, उस वक्त उनके हाथ जननांगों पर होते थे। ट्रेनर का कहना है कि क्लीनिक के ऊपर बेडरूम में डॉक्टर ने चुंबन किया। लगभग 15 बार मुख मैथुन भी किया। इसके अलावा डॉक्टर के दो अन्य मरीजों के साथ घनिष्ठ संबंधों का खुलासा हुआ है।