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दो राष्ट्रपति मिलते हैं तो क्या होती है बातचीत? अमेरिका ने कर दिया 'खुलासा'

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 2001 से 2008 के बीच हुई बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट सामने आ गई है। इसमें कई अहम बातें पता चली हैं।

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रूसी राष्ट्रपति पुतिन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश। (Photo Credit: White House/AI Generated Image)

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दुनिया में जब भी राष्ट्रप्रमुख आपस में बात करते हैं तो इसकी बारे में उतना ही पता चलता है जितना बताया जाता है। कई बार दो नेताओं के बीच कई मिनटों या घंटों तक बात होती है लेकिन इसकी पूरी डिटेल सामने नहीं आती। मगर अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई तीन बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट सामने आई है। अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव ने यह ट्रांसक्रिप्ट रिलीज की है।

 

यह ट्रांसक्रिप्ट उस समय की है, जब जॉर्ज डब्ल्यू बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे। जॉर्ज डब्ल्यू बुश 2000 से 2008 तक राष्ट्रपति थे। पुतिन के साथ उनकी बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट सामने आने के बाद पता चलता है कि दोनों के बीच काफी करीबियां थीं। आतंकवाद को लेकर भी दोनों का रवैया एक जैसा ही था। दोनों एक-दूसरे पर बहुत भरोसा करते थे। यह भरोसा इस हद तक था कि बुश ने पुतिन से कहा- 'तुम उस तरह के इंसान हो, जिसे मैं अपने साथ मुश्किल हालात में रखना पसंद करता हूं।'

 

2001 से 2008 के बीच पुतिन और बुश के बीच हुई तीन बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट रिलीज की गई है। यह 2001, 2005 और 2008 में हुई बाचतीत की ट्रांसक्रिप्ट है। शुरुआत में दोनों में जहां काफी नजदीकियां थीं, 2008 तक दोनों एक-दूसरे की आलोचना भी करने लगे थे।

 

पुतिन ने बातचीत में इराक पर अमेरिकी हमला और NATO के विस्तार की कड़ी आलोचना की थी। वहीं, एक बातचीत में बुश ने शिकायती लहजे में कहा था, 'पुतिन जब आप सख्त और कड़े होते हैं तो बहुत असरदार हो जाते हो, इसलिए बुखारेस्ट में NATO समिट में 'जेंटलमैन की तरह टिप्पणियां' करें।' बुश ने कहा था कि अगर सब सही रहा तभी वह उनसे मुलाकात करेंगे।

 

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NATO में शामिल होना चाहते थे पुतिन

2001 में स्लोवेनिया में पुतिन और बुश के बीच पहली मुलाकात हुई थी। दोनों ने चीन-पाकिस्तान को लेकर बात की। पुतिन ने यह भी कहा था कि रूस को NATO में शामिल किया जाना चाहिए।

 

आपने एक अहम बात कही, जब आपने कहा कि रूस कोई दुश्मन नहीं है। आप 50 साल बाद के भविष्य के बारे में जो कहते हैं, वह महत्वपूर्ण है। रूस यूरोप और अमेरिका की ही तरह है। मैं हमें सहयोगी बनते हुए कल्पना कर सकता हूं। लेकिन हम महसूस करते हैं कि हमें NATO से बाहर रखा गया है। 1954 में सोवियत संघ ने NATO में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। मेरे पास दस्तावेज है।- पुतिन

 

पुतिन ने बुश को यह भी बताया कि कुछ कारणों से NATO ने हर बार आवेदन खारिज कर दिया। पर अब सारी शर्तें पूरी हो चुकी हैं और शायद रूस एक सहयोगी हो सकता है।

 

पुतिन ने आगे कहा- 'लेकिन असली सवाल यह है कि हम रूस को सभ्य दुनिया के बाकी हिस्से के साथ कैसे जोड़ सकते हैं? तथ्य यह है कि NATO का विस्तार हो रहा है और हमारे पास इसके बारे में कहने के लिए कुछ भी नहीं है।'

 

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चीन-ईरान-पाकिस्तान पर क्या बात हुई?

  • बुश: नेता समस्याएं विरासत में पाते हैं। मेरे पास अपनी हैं। मैं ईरान को लेकर चिंतित हूं। उस देश तक हथियार पहुंचना आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है। मैं अभी उनके साथ ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। मैं अभी साउथ कोरिया के किम डे जंग से मिला था। मैंने उनसे कहा कि मैं किम जोंग इल (उत्तर कोरिया के नेता) पर भरोसा नहीं कर सकता। लेकिन कोरिया में कुछ तो हो रहा है, जिसके लिए रूस और अमेरिका को साथ मिलकर काम करना चाहिए। रूस पश्चिम के साथ है, वह दुश्मन नहीं है।
  • पुतिन: हमारा ईरान के साथ जटिल इतिहास रहा है। इतिहास जरूरी है। मैं आपके ईरान से संबंध समझता हूं।
  • बुश: हमें इसे पीछे छोड़ना सीखना चाहिए। हम ही इतिहास लिख रहे हैं।
  • पुतिन: मैं ईरान तक मिसाइल तकनीक पहुंचने से रोकूंगा। कुछ लोग हैं जो उससे पैसा कमाना चाहते हैं। मैंने यह भी सुना है कि आप ईरान से संबंध सामान्य करना चाहते हैं?
  • बुश: यह सही नहीं है। कांग्रेस ऐसा अभी नहीं होने देगी।

 

दोनों नेताओं के बीच आगे पाकिस्तान को लेकर भी बात हुई। पुतिन ने कहा कि पाकिस्तान एक सैन्य शासन है, वहां लोकतंत्र नहीं है।

 

मैं पाकिस्तान को लेकर चिंतित हूं। ये परमाणु हथियारों वाला सिर्फ जंटा (सैन्य शासन) है। वहां लोकतंत्र नहीं है। फिर भी पश्चिम इसकी कोई आलोचना नहीं करता।- पुतिन

 

इस पर जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने कहा कि वह खुश हैं क्योंकि अमेरिका और रूस का टकराव असली खतरा नहीं है।

 

इसके बाद 16 सितंबर 2005 को जब दोनों के बीच दूसरी बातचीत हुई थी, तब भी पाकिस्तान को लेकर चिंता जताई गई थी। पुतिन ने बुश से कहा था कि पाकिस्तान, ईरान को परमाणु तकनीक भेज रहा है।

 

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जब पुतिन ने दी बुश को धमकी

पहले कार्यकाल में बुश और पुतिन के बीच अच्छे संबंध थे। हालांकि, दूसरे कार्यकाल में संबंधों में तनाव भी दिखा। एक वक्त तो ऐसा भी आया जब पुतिन ने यूरोपियन मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए अमेरिका की योजनाओं की आलोचना की और खुलेआम जवाबी कार्रवाई की धमकी दे दी।

  • पुतिन: उत्तरी यूरोप में एक सबमरीन से मिसाइल लॉन्च करने पर मॉस्को तक पहुंचने में सिर्फ छह मिनट लगेंगे।
  • बुश: मैं समझता हूं।
  • पुतिन: और हमने जवाबी कार्रवाई के लिए तैयारी कर रखी है। इसमें कुछ भी अच्छा नहीं है। कुछ ही मिनटों में हमारी पूरी न्यूक्लियर जवाबी क्षमता आसमान में होगी।
  • बुश: मुझे पता है।

2001 में बातचीत के दौरान पुतिन ने चेचेन्या लड़ाकों को आतंकी ओसामा बिन लादेन के चेले बताया था। पुतिन ने कहा था, 'वे बिन लादेन के चेले हैं। बिन लादेन ने उन्हें ट्रेनिंग दी है। अगर आप तस्वीरें देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा। वे तो बिल्कुल उसी की तरह दिखते हैं।'

 

पुतिन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इजरायल के लिए खतरा बताया था। पुतिन ने इजरायल का समर्थन भी किया था। एक बार मजाक-मजाक में पुतिन ने कहा था, 'अगर उन्हें मेरा खतना करवाने की जरूरत पड़े, तो वह मैं नहीं कर सकता।'

 

2008 में बुश के साथ आखिरी बातचीत में पुतिन ने यूक्रेन को एक 'आर्टिफिशियल कंट्री' बताया था। पुतिन ने यह भी दावा किया था कि यूक्रेन की 70 फीसदी आबादी NATO के खिलाफ है। उन्होंने कहा था, 'हम जिस चीज के खिलाफ हैं वह यूक्रेन का NATO में शामिल होना है, लेकिन किसी भी हालत में हमें तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक जनसंख्या का बहुमत इसके पक्ष में न हो जाए।' उन्होंने कहा था कि जब लोग चाहें तभी इसे NATO में शामिल किया जाए।


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