गद्दी छोड़ Vs तेल चोर: ट्रंप की आक्रामकता के खिलाफ वेनेजुएला के साथ कौन-कौन?
डोनाल्ड ट्रंप वेनेजुएला के राष्ट्रपति पर गद्दी छोड़ने का दबाव बनाने में जुटे हैं। वहीं वेनेजुएला अमेरिका को तेल चोर साबित करने में जुटा है। अब तो संसद में एक नया बिल भी आ गया है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप और निकोलस मादुरो। (AI-generated image)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी भी हाल में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को हटाना चाहते हैं। इसके लिए वह सैन्य कार्रवाई तक करने को तैयार हैं। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी नौसैना ने काफी हद तक वेनेजुएला की नाकेबंदी कर रखी है। आशंका है कि ट्रंप के आदेश पर किसी भी वक्त जमीनी एक्शन भी शुरू हो सकता है। मगर अमेरिकी आक्रामकता के खिलाफ वेनेजुएला अकेले नहीं है। उसे कई देशों का समर्थन मिल चुका है।
ट्रंप के आदेश पर इसी साल सितंबर महीने से अमेरिकी नौसेना ने कैरेबियन सागर और पूर्वी प्रशांत महासागर में जहाजों और नावों पर हमले की शुरुआत की। उसका आरोप है कि इन जहाजों के माध्यम से वेनेजुएला मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा है। अमेरिका का दावा है कि पहले हमला करके तस्करी को रोका है, जबकि इन हमलों में 105 लोगों की अब तक जान गई है।
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ट्रंप लगातार वेनेजुएला पर अपना दबाव बढ़ा रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी नौसेना ने वेनेजुएला के तेल टैंकरों को जब्त करना शुरू कर दिया है। ट्रंप का दावा है कि मादुरो प्रशासन इन टैंकरों का इस्तेमाल अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने की खातिर कर रहा है। मगर वेनेजुएला की सरकार खुले शब्दों में इसे अमेरिकी की तेल चोरी कह रहा है। हाल ही में वेनेजुएला की संसद ने बड़ा कदम उठाया है। वह तेल टैंकरों के जब्त करने को अपराध घोषित करेगी। अगर यह बिल पास होता है तो इसमें समुद्री डकैती और नाकाबंदी करने पर 20 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
अमेरिका ने पहली बार 10 दिसंबर को स्किपर नाम के एक जहाज पर कब्जा किया था। यह जहाज पनामा में पंजीकृत है। अमेरिका का दावा है कि वेनेजुएला इस अवैध जहाज का इस्तेमाल अपने तेल को बेचने और प्रतिबंधों से बचने में कर रहा है। करीब 11 दिन बाद 21 दिसंबर को दूसरी बार अमेरिका ने एक और जहाज और उसके तेल को जब्त किया। इस जहाज का नाम सेंचरीज है। इस जहाज पर भी पनामा का झंडा लगा था। अमेरिकी तटरक्षक बल के मुताबिक सेंचरीज जहाज प्रतिबंधित माल ले जाने वाले बेड़े का हिस्सा था।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नाकाबंदी को जायज ठहराया। उन्होंने कहा, 'यह नाकाबंदी तब तक जारी रहेगी जब तक वेनेजुएला अमेरिका को वह सारा तेल, भूमि और संपत्ति वापस नहीं कर देता, जो उसने पहले हमसे चुराई थी। दरअसल, वेनेजएला के पेट्रोलियम उद्योग में कई अमेरिकी कंपनियां लगी थीं। 2007 में वेनेजुएला के समाजवादी राज्य के संस्थापक ह्यूगो चावेज ने अमेरिकी कंपनी ओरिनोको बेल्ट का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। ट्रंप अपने बयान में इसी बयान की दुहाई दे रहे हैं।
वेनेजुएला के साथ कौन-कौन?
अमेरिकी आक्रामकता के खिलाफ वेनेजुएला को कई देशों का साथ मिला है। रूस, चीन और ईरान खुलकर उसके साथ आ चुके हैं। इन देशों ने अंतरराष्टीय समुद्री कानून के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की। हालांकि अमेरिका को अर्जेंटीना और और पनामा का साथ मिला।
ईरान: अमेरिकी आक्रामकता के खिलाफ ईरान खुलकर वेनेजुएला के साथ आ गया है। ईरान के 150 सांसदों के एक ग्रुप ने कैरेबियन सागर में अमेरिकी कार्रवाई की निंदा की। ईरान के सांसदों ने अमेरिका के इस कृत्य को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा और समुद्री डकैती तक करार दिया है। ईरान ने अमेरिका के सैन्य दबाव की भी निंदा की और वेनेजुएला की संप्रभुता की रक्षा में अटूट समर्थन का भरोसा दिया।
चीन: वेनेजुएला के समर्थन में चीन खुलकर आ गया है। उसने अमेरिकी प्रतिबंध, नौसैनिक नाकेबंदी और तेल जब्ती की आलोचना की। संयुक्त राष्ट्र में चीनी प्रतिनिधि सन लेई ने कहा, 'चीन एकतरफावाद और दादागीरी के सभी कृत्यों के खिलाफ है। सभी देशों की संप्रभुता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने का समर्थन करते हैं। चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग का कहना है कि हम वेनेजुएला की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्रकार के डराने-धमकाने या बल प्रयोग का कड़ा विरोध करते हैं। हम अमेरिका से इन उकसावे वाली कार्रवाई को रोकने की मांग करते हैं।
रूस: 22 दिसंबर को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने वेनेजुएला के विदेश मंत्री इवान गिल से बात की। बातचीत में वेनेजुएला ने अमेरिका के खिलाफ एक क्षेत्रीय संगठन बनाने की मांग की। रूस ने अमेरिकी नाकेबंदी को शत्रुता भरा कदम और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया। रूस ने वेनेजुएला को पूर्ण समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई। रूस ने कहा कि अमेरिकी नौसेना की मौजूदगी और कार्रवाई से क्षेत्रीय स्थिरता के दूरगामी परिणाम होंगे। यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन के लिए सीधा खतरा है।
अन्य देश कौन-कौन से: वेनेजुएला के समर्थन में कोलंबिया भी खुलकर आ चुका है। वहां के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने ट्रंप की जमकर आलोचना की। क्यूबा ने भी अमेरिका के खिलाफ बयान दिया और कहा कि अमेरिका को लैटिन अमेरिका और कैरेबियन को शांति क्षेत्र के तौर पर सम्मान देना चाहिए। बोलिविया ने भी ट्रंप के कदम को घृणित करार दिया। उधर, वेनेजुएला के करीब अमेरिकी सैन्य मौजूदगी पर ब्राजील ने चिंता जताई, क्योंकि उसकी सीमा भी वेनेजुएला से लगती है। बोलिवेरियन एलायंस फॉर द पीपल्स ऑफ अमेरिका-पीपुल्स ट्रेड ट्रीटी संगठन ने वेनेजुएला का समर्थन किया और अमेरिकी सैन्य मौजूदगी की आलोचना की। इस संगठन में वेनेजुएला के अलावा एंटीगुआ, बारबुडा, बोलीविया, क्यूबा, डोमिनिका, ग्रेनाडा, निकारागुआ, सेंट किट्स और नेविस, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडीन्स व सेंट लूसिया जैसे देश शामिल हैं।
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