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वे 2 आइलैंड जहां ट्रंप ने लगाया टैरिफ, इंसान नहीं पैंगुइन का है बसेरा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ लिस्ट में हर्ड और मैकडोनॉल्ड आइलैंड पर भी 10 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है। इन दोनों आइलैंड में इंसान रहते ही नहीं है। समझें ट्रंप की टैरिफ नीति।

Donald trump tariffs on heard island and McDonald islands

हर्ड और मैकडोनॉल्ड आइलैंड, Photo Credit: social media

हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत, चीन सहित लगभग 185 देशों से आयातित वस्तुओं पर नए टैरिफ लगाए गए हैं। ऐसे में ट्रंप की टैरिफ लिस्ट में दो ऐसे आइलैंड भी शामिल हैं जहां इंसान का नामोनिशान तक नहीं है। ये दो आइलैंड हैं - हर्ड और मैकडोनॉल्ड। इन दो आइलैंड पर ट्रंप ने 10 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है। ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित इन दोनों आइलैंड में इंसान नहीं केवल पैंगुइन का बसेरा हैं। ऐसे में ट्रंप के इस कदम को थोड़ा हास्यापद समझा जा सकता है। खुद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पलटवार कर कहा कि इस धरती पर कोई भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन के टैरिफ का इन दो आइलैंड पर कोई तर्क नहीं है। यह किसी दोस्त का व्यवहार नहीं हो सकता। अल्बनीज ने यह भी कहा कि वह अमेरिका पर किसी तरह का रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाएगा। 

 

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ट्रंप की टैरिफ लगाने की नीति इतनी अजीब क्यों?

ट्रंप की टैरिफ लगाने की नीति इतनी अजीब इसलिए मानी जा रही है क्योंकि वह उन जगहों पर भी टैक्स लगा रहे हैं जहां केवल पैंगुइन रहते हैं, यानी इंसान रहते ही नहीं है। ऐसे में ट्रंप का आइलैंड पर टैक्स लगाना एक तरीके से यह समझा जा सकता है कि ट्रंप टैरिफ की बंदूक लेकर पूरी दुनिया पर निशाना साध रहे है, चाहे वहां व्यापार हो या न हो। कई साउथ पोलर आइलैंड्स पर केवल पैंगुइन ही रहते हैं, इंसान नहीं और ऐसे में वहां टैरिफ लगाना समझ से परे है! यहां व्यापार या कारोबार नाम की कोई चीज ही नहीं है। 

 

हर्ड और मैकडॉनाल्ड आइलैंड्स 

ये दोनों आइलैंड साउथ हिंद महासागर में स्थित हैं। ऑस्ट्रेलिया से लगभग 4 हजार किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और अंटार्कटिका से लगभग 1 हजार किमी उत्तर में ये दोनों आइलैंड स्थित हैं। ये आइलैंड ऑस्ट्रेलिया के बाहरी क्षेत्र माने जाते हैं। हर्ड और मैकडॉनाल्ड आइलैंड पर ज्वालामुखी हमेशा एक्टिव रहता है। हर्ड आइलैंड पर मॉसन पीक ज्वालामुखी है जो ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर है। मैकडॉनाल्ड आइलैंड्स में भी ज्वालामुखी एक्टिव रहते है। यह क्षेत्र जिओलॉजिकल एक्टिव है क्योंकि यहां लावा फ्लो, ग्लेशियर और हिमखंड सब एक साथ देखे जाते हैं। 

 

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इंसान नहीं पैंगुइन का बसेरा

इन द्वीपों पर कोई इंसान नहीं है। यहां केवल साइंटिफिक और कंजर्वेशन वर्क के लिए लोग आते हैं, वो भी बहुत ही कम समय के लिए। आइलैंड्स को ढकने वाले ग्लेशियर और यहां के समुद्री पक्षी जैसे सील और पैंगुइन इस क्षेत्र की खास पहचान हैं। यहां इसान नहीं लेकिन पैंगुइन की कॉलोनियां जैसे किंग पैंगुइन, जेंट पैंगुइन, सील, समुद्री पक्षी और समुद्री पौधे शामिल हैं। शुद्ध और अप्रदूषित प्राकृतिक वातावरण और जिओलॉजिक तरीके से एक्टिव क्षेत्र होने के कारण इन दोनों आइलैंड को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। देखा जाए तो इन आइलैंड्स का वातावरण लगभग अछूता और शुद्ध माना जाता है, क्योंकि मानवीय गतिविधियां बेहद सीमित हैं।

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