10 दिन बाद अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बर्बर हत्या की निंदा की। रविवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने बांग्लादेश में जारी सांप्रदायिक हिंसा को भयानक बताया। अपने बयान में अमेरिका ने कहा कि वह अभिव्यक्ति और धार्मिक स्वतंत्रता का पक्षधर है। उधर, अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने दीपू चंद्र दास की हत्या पर दुख जताया।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा सवाल पूछा। जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिका धार्मिक और अभिव्यक्ति की आजादी, शांतिपूर्ण सभा और संगठन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है। अमेरिका स्पष्ट तौर पर धार्मिक हिंस्सा के सभी रूपों की निंदा करता है।'
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अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आलोचना नहीं की। उसके बयान से साफ है कि अमेरिका तमाम हिंसा के बावूजद मुहम्मद यूनुस के साथ खड़ा है। दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, 'हम सभी समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कदमों का स्वागत करते हैं।'
उधर, हिंदू अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने दीपू दास की हत्या को भयानक बताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, 'बांग्लादेश में 27 वर्षीय हिंदू मजदूर दीपू चंद्र दास की हत्या भयावह है। परिवार और मित्रों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। हमें कट्टरता और घृणित कामों के खिलाफ आवाज उठानी होगी।'
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12 दिसंबर को ढाका में छात्र नेता उस्मान हादी को दो बाइक सवार युवकों ने गोली मारी थी। छह दिन बाद 18 दिसंबर की रात हादी की सिंगापुर स्थित एक अस्पताल में मौत हो गई। उसी रात हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की अराजक भीड़ ने निर्मम हत्या कर दी। आरोपियों ने पहले दीपू को पीटा, एक पेड़ से फांसी पर लटका दिया और बाद में शव को आग भी लगा दी। वीडियो वायरल होने के बाद दुनियाभर के लोगों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त किया।
हाल ही में भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा पर चिंता व्यक्त की। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारत के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह बयान जमीनी हकीकत को प्रतिबिंबित नहीं करती है।