logo

ट्रेंडिंग:

गृहयुद्ध के बीच म्यांमार में चुनाव, दुनिया इसे धोखा क्यों बता रही?

संयुक्त राष्ट्र समेत कई पश्चिमी देशों ने म्यांमार चुनाव की निंदा की और इसे सेना का एक धोखा बताया। 28 दिसंबर यानी रविवार से म्यांमार के कुछ हिस्सों में मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है।

news image

म्यांमार में चुनाव के दौरान की फोटो । Photo Credit: PTI

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

म्यांमार में 2021 में तख्तापलट के बाद सेना सत्ता में आई। करीब चार साल बाद वहां 28 दिसंबर से मतदान की शुरुआत हुई है। मतदान प्रक्रिया जनवरी के आखिरी तक कई चरणों में संपन्न होगी। म्यांमार सेना का दावा है कि चुनाव के बाद देश में लोकतांत्रिक सरकार की वापसी होगी। वहीं कुछ विश्लेषक इन चुनाव को विवादित बता रहे हैं, क्योंकि देश पिछले चार साल से गृहयुद्ध से झुलस रहा है।

 

विश्लेषकों का कहना है कि यह चुनाव सैन्य जुंटा के शासन को वैधता देने की साजिश है। म्यांमार सेना की साजिश अपने वर्चस्व वाली संसद का निर्माण करना है। उसका लक्ष्य संसद में अपने प्रतिनिधि और यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी के दबदबे को स्थापित करना है। 2020 में आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी ने यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी को करारी शिकस्त दी थी। बाद में इसी पार्टी ने तख्तापलट की नींव रखी।

 

यह भी पढ़ें: हादी की हत्या के दो संदिग्ध मेघालय के रास्त भारत भागे: ढाका पुलिस

म्यांमार की सड़कों से गायब आंग सान सू की पार्टी

अबकी चुनाव में आंग सान सू की पार्टी मैदान में नहीं, क्योंकि उस पर बैन लगा है। अबकी बार चुनाव में सिर्फ सेना समर्थक पर्टियां ही मैदान में हैं। आंग सान सू की मौजूदा वक्त में जेल में हैं। म्यांमार की सड़कों पर न उनकी पार्टी दिख रही और न ही उसके समर्थक। झंडे, बैनर और चुनाव निशान भी गायब है।

20 फीसद आबादी नहीं कर पाएगी मतदान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 28 दिसंबर को म्यांमार में पहले चरण का चुनाव है। 11 जनवरी को दूसरा और 25 जनवरी को तीसरे चरण का मतदान आयोजित किया जाएगा। सेना अभी पूरे देश में चुनाव आयोजित नहीं करवा रही है। उसका कहना है कि कुछ हिस्सों पर अलगाववादी गुटों के साथ जंग जारी है। देश के 330 कस्बों में से एक तिहाई में ही वोटिंग जारी है। 65 टाउनशिप में कोई मतदान प्रक्रिया नहीं चल रही है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 फीसद आबादी मताधिकार से वंचित है।

 

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बंकर में छिप गए थे जरदारी? खुद बताया PAK आर्मी का सच

क्या खेल कर रही म्यांमार सेना?

अबकी बार चुनाव में म्यांमार की सेना एक और खेल रही है। पिछले चुनाव में एक प्रावधान था कि अगर आपको कई प्रत्याशी ठीक नहीं लगता है तो आप अपना मतपत्र खाली छोड़ सकते हैं। मगर अबकी इस नियम को हटा दिया गया। इलेक्ट्रॉनिक वोट सिर्फ उन्हीं मतों की गिनती कर रही हैं, जिन्हें कोई वोट अंकित है। कई पश्चिमी देशों समेत संयुक्त राष्ट्र ने भी म्यांमार के चुनाव प्रक्रिया की निंदा की। वहीं भारत, रूस और चीन ने अपने चुनाव पर्यवेक्षक भेजे हैं। 

 

Related Topic:#Myanmar News

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap