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अब यामाहा ने कहा अलविदा, कैसे तबाह हुई Pak की बाइक इंडस्ट्री?

भारत के साथ आजाद होने वाला पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर खुद का कोई बाइक ब्रांड नहीं बना पाया। जबकि भारत में कई बड़े नाम है, इनकी ग्लोबल प्रजेंस भी है। पाकिस्तान में खुद का बाइक ब्रांड न होने के पीछे कई कारण है।

pakistan bike industry.

सांकेतिक फोटो। (AI Generated Image)

पाकिस्तान में विदेशी कंपनियां एक-एक करके अपना बोरिया बिस्तर समेटने में जुटी हैं। कुछ दिन पहले माइक्रोसॉफ्ट ने अपना ऑफिस बंद किया। अब यामाहा मोटर्स ने पाकिस्तान में मोटरसाइकिल निर्माण बंद करने का ऐलान कर दिया। आर्थिक संकट से जूझ रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की मुश्किलें काम होने का नाम नहीं ले रहीं।

 

यामाहा ने 9 सितंबर को अपना आधिकारिक बयान जारी किया। इसमें उसने कहा कि कंपनी पाकिस्तान में विनिर्माण कार्य बंद करेगी। अधिकृत डीलरों के माध्यम से स्पेयर पार्ट्स मिलते रहेंगे। कंपनी ने निर्माण बंद करने के पीछे व्यावसायिक नीति में बदलाव को वजह बताया। 

 

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पाकिस्तान के कराची में स्थित कंपनी वाईएमपीएल 2015 से यामाहा की बाइक को असेंबल कर रही थी। मगर यह सिलसिला अब खत्म हो चुका है। पाकिस्तान में अधिकांश बाइक कंपनियां सिर्फ असेंबिलंग में जुटी हैं। कुछ अच्छे मॉडलों को अन्य देशों से मंगवाया जाता है। स्थानीय स्तर पर उत्पादन बेहद कम है। पाकिस्तान में बाइक इंडस्ट्री क्यों फल-फूल नहीं रही है, इसके पीछे वजह क्या है? आइये जानते हैं।

घट रही बाइक की मांग

ब्रोकरेज फर्म टॉपलाइन सिक्योरिटीज के मुताबिक पाकिस्तान में जुलाई 2025 में बाइक की बिक्री में 12 फीसदी की गिरावट आई और कुल 122,441 यूनिट ही बिकीं। पाकिस्तान में बाइक के टॉप ब्रांड में होंडा, रोड प्रिंस, सुजुकी और चीनी मोटरसाइकिलों का दबदबा है, लेकिन विदेशी पुर्जों पर निर्भरता ने उद्योग को कई झटके दिए हैं।

कैसे तबाह हो रही बाइक इंडस्ट्री?

  • होंडा और सुजुकी भी अपना उत्पादन कई बार बंद कर चुकीं।
  • 2022–2024 के बीच बाइक उत्पादन और बिक्री करीब 40 से 50% की गिरावट आई।
  • चीनी ब्रांड की कई असेंबली यूनिटें पूरी तरह से ठप हो गई।
  • सरकार ने कोई स्थित और ठोस नीति नहीं बनाई।
  • कस्टम ड्यूटी और टैक्स में बार-बार बदलाव किया।
  • आयात नियमों में बदलाव से बाइक उद्योग को झटका लगा।
  • सरकार की नीतियों से कंपनियों में अविश्वास पैदा हुआ। वे निवेश से बचने लगीं।

रोजगार पर भी असर

पाकिस्तान में बाइक प्लांट बंद होने का असर सिर्फ ग्राहकों पर ही नहीं पड़ रहा, बल्कि बड़ी संख्या में बाइक सर्विस, डीलरशिप और असेंबली से जुड़े लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो चुका है। सप्लाई चेन प्रभावित होने से स्पेयर पार्ट्स की कमी भी टेंशन की बड़ी वजह है।

पाकिस्तान में प्लांट क्यों नहीं लगाती कंपनियां?

एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाइक बाजार है। यहां रोजाना लगभग 7500 नई बाइक बिकती हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान में बाइकों का उत्पादन नाममात्र का होता है। अधिकांश बाइक विदेश से आयात की जाती हैं। कुछ कंपनियों ने पाकिस्तान में असेंबलिंग प्लांट लगा रहा है।

 

चीन की सभी बाइक्स या तो पाकिस्तान में असेंबल होती हैं या चीन से आती हैं। पाकिस्तान में सुजकी ने हाल ही GSX125 लॉन्च की, लेकिन यह बाइक थाईलैंड से पाकिस्तान आती है। इसकी कीमत 5 लाख रुपये है। मतलब पाकिस्तान की सबसे महंगी बाइक भी वहां नहीं बनती है। विश्लेषकों का मानना है कि भारी टैक्स के कारण कंपनियां पाकिस्तान में निवेश से बचती हैं।

 

अन्य देशों पर निर्भरता

  • पाकिस्तान की बाइक इंडस्ट्री चीन और जापान से आयात होने वाले पुर्जों पर टिकी है।
  • 2020 में डॉलर संकट के बाद सरकार ने आयात पर सख्ती बरती तो इसे बाइक इंडस्ट्री को झटका लगा।
  • कंपनियां चीन और जापान से बाइक के पार्ट नहीं मांगा सकी। उत्पादन ठप हो गया। 

ई-बाइक का सपना भी टूट रहा

पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रहीं हैं। बाइक पर सफर करना सबके बस की बात नहीं है। 2.6 करोड़ से अधिक बाइक वाले पाकिस्तान में अब जनता ई-बाइक की तरफ बढ़ने लगी है, ताकि पेट्रोल भरवाने से छुटकारा मिल सके। मगर महंगी बिजली ने ईवी ग्राहकों को भी निराश किया है। यही कारण है कि पूरे पाकिस्तान में जहां हर साल 20 लाख से अधिक बाइक बिकती हैं। वहीं ई-बाइक सिर्फ 18 हजार ही बिक पाती हैं।

 

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आज भी बिकती है 70cc की बाइक

एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान के लगभग 53 फीसदी घरों में बाइक है। सबसे लोकप्रिय बाइक की बात करें तो होंडा की 70cc और यामाहा 125 का नाम आता है। पाकिस्तान के बाइक इंडस्ट्री की हालत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वहां होंडा 70cc बाइक लगभग 1.5 लाख रुपये में मिलती है। जबकि भारत में 70 सीसी की कोई बाइक बिकती नहीं है।

लोगों की क्रयशक्ति भी घट रही

पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। लोगों के सामने घर चलाने की मुश्किल है। पेट्रोल की कीमत भी आसमान पर है। पहले लोग बाइक को सस्ता साधन मानते थे। कम लागत में सफर करना आसाना था। लेकिन यह गुजरे जमाने की बात हो चुकी। पाकिस्तान में पहले होंडा 70cc बाइक 50 से 60 हजार रुपये में मिल जाती थी। मगर अब इसकी कीमत 1.5 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी। पेट्रोल और बाइक के महंगे होने के बाद लोग अब खरीदारी की स्थिति में नहीं है।

पाकिस्तान क्यों छोड़ रहीं बहुराष्ट्रीय कंपनियां?

ओवरसीज इन्वेस्टर्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सीईओ अब्दुल अलीम ने गल्फ न्यूज से बातचीत में बताया कि पाकिस्तान की असंगत नीतियों और जटिल टैक्स सिस्टम के कारण कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया है। पाकिस्तान में कंपनियों पर 29 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स लगता है। इसके अलावा 10 प्रतिशत सुपर टैक्स, 18 प्रतिशत सेल टैक्स भी वसूला।

 

 

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