अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शपथ लेने से पहले बहुत बड़ी राहत मिली है। अमेरिकी कोर्ट ने उन्हें 'हश मनी' केस में दोषी करार देते हुए भी विवेकाधिकार का प्रयोग करके जेल की सजा और जुर्माना लगाने से किया इनकार कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए ट्रंप पर कोई शर्त भी नहीं लगाई गई।
दरअसल, अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बिजनेस रिकॉर्ड में गड़बड़ी के दोषी करार दिए गए थे, लेकिन शुक्रवार को न्यूयॉर्क की कोर्ट में उन्हें इसके लिए सजा सुनाई जानी थी मगर उन्हें सजा नहीं दी गई। ट्रंप को पिछले साल मई 2024 में हश मनी से जुड़े 34 केसों में दोषी ठहराया गया था। ट्रंप ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे।
आरोप है कि ट्रंप ने स्टॉर्मी डेनियल को 1,30,000 डॉलर दिए गए थे ताकि वो ट्रंप के साथ अपने यौन संबंधों की बात जनता के बीच में ना बोल दें। बाद में डेनियल ने कहा था कि ट्रंप ने उनसे यौन संबंध बनाए थे लेकिन ट्रंप ने इससे साफ इनकार कर दिया था।
20 जनवरी राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने बीते साल के आखिर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत दर्ज की है। ट्रंप 20 जनवरी 2025 को दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप आपराधिक दोषसिद्धि के साथ पदभार संभालने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे।
'अन्य सभी मुद्दों पर हावी है ये मुद्दा'
जज जस्टिस मर्चन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को सजा सुनाने से पहले किसी भी गंभीर विषय पर विचार करना चाहिए। राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप को मिलने वाली कानूनी सुरक्षा 'एक ऐसा मुद्दा है जो अन्य सभी मुद्दों पर हावी है।' जज ने आगे कहा कि राष्ट्रपति के लिए कानूनी सुरक्षा में जूरी के फैसले को मिटाने की शक्ति नहीं है।
'वास्तव में असाधारण मामला'
जस्टिस ने मर्चन कहा, 'इससे पहले कोर्ट ने कभी भी ऐसे अनोखे और खास हालात का सामना नहीं किया था। उन्होंने इसे 'वास्तव में असाधारण मामला' कहा। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस जुआन मर्चन ने कहा कि वो लोगों को ये समझाने की योजना बना रहे हैं क्यों डोनाल्ड ट्रंप बिना शर्त क्यों छोड़ा गया।