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'कुछ ही महीनों में', ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर IAEA चीफ ने क्या कहा

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर IAEA के चीफ राफेल ग्रॉसी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी हमलों के बावजूद ईरान कुछ ही महीनों में दोबारा कार्यक्रम शुरू कर सकता है।

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राफेल ग्रॉसी। (Photo Credit: X@rafaelmgrossi)

अमेरिका ने पिछले हफ्ते ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट- नतांज, फोर्दो और इस्फहान ने हमला किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि इन हमलों में ईरान की न्यूक्लियर साइट पूरी तरह तबाह हो गई हैं और इससे उसका परमाणु कार्यक्रम दशकों पीछे चला गया है। हालांकि, अब संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा है कि ईरान कुछ ही महीनों में यूरेनियम को एनरिच (शुद्ध) करना शुरू कर देगा।


राफेल ग्रॉसी का यह बयान डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करता है। हालांकि, उनका यह बयान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की उस रिपोर्ट का समर्थन करता है, जिसमें सामने आया था कि अमेरिकी हमलों ने ईरान की न्यूक्लियर साइट को पूरी तरह तबाह नहीं किया है।

 

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ईरान पर क्या बोले राफेल ग्रॉसी?

CBS को दिए इंटरव्यू में IAEA के चीफ राफेल ग्रॉसी ने कहा कि अमेरिकी हमलों में ईरान की न्यूक्लियर साइट को गंभीर नुकसान पहुंचा है, लेकिन यह पूरी तरह तबाह नहीं हुआ है।


उन्होंने कहा, 'उनके पास क्षमताएं हैं। आप जानते हैं कि कुछ ही महीनों में वे फिर से एनरिच्ड यूरेनियम बना सकते हैं। मैंने कई बार साफ तौर पर कहा है कि कोई भी यह दावा नहीं कर सकता कि सबकुछ तबाह हो गया है।'


ग्रॉसी ने कहा, 'यह साफ है कि अमेरिकी हमलों से उनकी न्यूक्लियर साइट को गंभीर क्षति हुई है लेकिन यह पूरी तरह से तबाह नहीं हुआ है। ईरान के पास क्षमताएं हैं। इसलिए अगर वे चाहें तो इसे फिर से शुरू कर देंगे।'

 

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परमाणु हथियार बनाने के करीब था ईरान?

ऐसा बार-बार दावा किया जाता है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के काफी करीब पहुंच गया था। इससे जुड़े सवाल पर राफेल ग्रॉसी ने कहा, 'हमने ऐसा कुछ नहीं देखा जो परमाणु हथियारों से जुड़ा हो लेकिन ऐसे बहुत से जरूरी सवाल थे, जिनके जवाब वे नहीं दे रहे थे।'


उन्होंने कहा, 'कई चीजें थीं, जो साफ नहीं थीं। उदाहरण के लिए, हमें ईरान में कई जगहों पर यूरेनियम के निशान मिले थे। हम सालों से पूछ रहे थे कि हमें X, Y या Z जगह पर एनरिच्ड यूरेनियम के यह निशान क्यों मिले? लेकिन हमें इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।'

व्हाइट हाउस ने क्या कहा?

एक अमेरिकी अधिकारी ने राफेल ग्रॉसी के दावों को बकवास बताया है। CNN से एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, 'ईरान के पास कोई एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है। इसलिए यह सोचना कि वे फिर से न्यूक्लियर वेपन प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं, बकवास है। जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा।'

 

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23 जून को अमेरिका ने किया था हमला

23 जून की रात को अमेरिका ने 'ऑपरेशन मिडनाइड हैमर' चलाकर ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया था। अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट- नतांज, फोर्दो और इस्फहान पर बमबारी की थी। 


अमेरिकी सेना ने इन हमलों के लिए B-2 स्टील्थ बॉम्बर का इस्तेमाल किया है। यह काफी हाईटेक विमान माने जाते हैं। यह रडार को भी चकमा दे सकते हैं। 


अमेरिकी सेना ने फोर्दो न्यूक्लियर साइट पर 6 बंकर बस्टर बम गिराए हैं। यह बम जमीन के कई फीट गहराई में छिपे टारगेट पर भी हमला कर सकते हैं। यह बम जमीन को छेदते हुए निकलते हैं और टारगेट पर हमला करते हैं। वहीं, नतांज और इस्फहान में अमेरिकी सेना ने 30 टॉमहॉक मिसाइलों से हमला किया था।

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